पत्नी का नौकरी के लिए विदेश जाना क्रूरता नहीं, इंजीनियर पति की याचिका खारिज

Wife going abroad for job is not cruelty to husband, petition dismissed
पत्नी का नौकरी के लिए विदेश जाना क्रूरता नहीं, इंजीनियर पति की याचिका खारिज
पत्नी का नौकरी के लिए विदेश जाना क्रूरता नहीं, इंजीनियर पति की याचिका खारिज

डिजिटल डेस्क, मुंबई। अपने कैरियर के लिए पत्नी के विदेश में रहने को पति के प्रति क्रूरता नहीं माना जा सकता है। बांबे हाईकोर्ट ने पत्नी के विदेश में रहने व भारत में उसके साथ रहने से इंकार करने के आधार पर तलाक की मांग करनेवाले एक इंजीनियर पति की याचिका को खारिज करते हुए यह बात स्पष्ट की है। कोर्ट ने कहा कि पत्नी का कनाडा में बच्चों के साथ रहने को अनुचित व स्वार्थपूर्ण नहीं माना जा सकता है। न्यायमूर्ति उज्जल भुयान व न्यायमूर्ति पी के चव्हाण की खंडपीठ ने पत्नी के बायोडेटा व फार्मा कंपनी में उसके बेहतरीन कैरियर को देखने के बाद पाया कि पति को अपनी पत्नी के साथ रहने के लिए कनाडा जाना चाहिए। क्योंकि शुरुआत में कनाडा में रहने का विचार पति का था। यह बात कहते हुए खंडपीठ ने पति की ओर से पारिवारिक अदालत के फैसले के खिलाफ की गई अपील को खारिज कर दिया। 

खंडपीठ ने कहा कि पत्नी कनाडा में व्यवस्थित ढंग से अपना जीवन बिता रही है। ऐसे में पत्नी से भारत आकर रहने की अपेक्षा करना न्यासंगत नहीं माना जा सकता है। क्योंकि पति ने खुद पहले विदेश में रहने की इच्छा जाहिर की थी। इस स्थिति में यह नहीं कहा जा सकता है कि पत्नी स्वार्थवश भारत नहीं आना चाहती है। इसलिए पत्नी के भारत न आने अथवा पति से दूर रहने को अनुचित व क्रूरता पूर्ण नहीं माना जा सकता है। इसके अलावा पति ने अपनी सेहत ठीक न होने से जुड़ा कोई प्रमाण भी नहीं पेश किया है। खंडपीठ ने कहा कि मामले से जुड़े दंपति के संबंध इतने खराब नहीं हुए है कि वे फिर एक साथ न आ सके। ऐसे में हम अपेक्षा करते हैं कि दंपति अपने बच्चों के हित के लिए अपने संबंधों को प्रगाढ बनाने की दिशा में कदम उठाएंगे। 

गौरतलब है कि मामले से जुड़े दंपति का साल 2004 में विवाह हुआ था। इसके बाद वे कनाडा चले गए और वहां की नागरिकता भी हासिल कर ली। दोनों वहां नौकरी भी करने लगे। इस बीच पति की नौकरी चली गई। और वह दुर्घटना का भी शिकार हो गया। दोनों फिर मुंबई आ गए। लेकिन एक माह बाद पत्नी वापस कनाडा चली गई। इसके बाद वह वापस नहीं आयी। इसके आधार पर पति ने पारिवारिक अदालत में तलाक के लिए याचिका दायर की। लेकिन उसे कोर्ट ने खारिज कर दिया। जिसके खिलाफ पति ने हाईकोर्ट में अपील की किन्तु वहां से भी उसे राहत नहीं मिली। 

 
 

Created On :   29 Jun 2021 6:03 PM IST

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