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बगैर मुख्यमंत्री के संपन्न हुआ शीतकालीन सत्र, अंतिम दिन तक होता रहा इंतजार
डिजिटल डेस्क, मुंबई। आखिरकार विधानमंडल के शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन भी मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे विधानभवन नहीं पहुंचे। इसके पहले अधिवेशन शुरु होने के बाद आघाडी के नेताओं ने दावा किया था कि सत्र के दौरान मुख्यमंत्री सदन में आएंगे। पिछले महीने मुख्यमंत्री का आपरेशन हुआ था। इस बीच शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन मंगलवार को विधानसभा में भाजपा के सुधीर मुनगंटीवार ने कहा कि कम से कम अधिवेशन का समय उपमुख्यमंत्री अजित पवार को मुख्यमंत्री बनाया जाए, बाकी समय उद्धव जी मुख्यमंत्री के तौर पर चलेंगे। मुख्यमंत्री की गैरमौजूदगी में उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने इस अधिवेशन में सरकार का काम काम अच्छी तरह संभाला है।
मुनगंटीवार ने कहा कि इस बार अधिवेशन केवल पांच दिनों तक चला। लेकिन इस दौरान अजित पवार के नेतृत्व में बहुत अच्छा काम हुआ। मैं आदित्य ठाकरे को सुझाव देता हूं कि अधिवेशन के दौरान अजीत पवार को सरकार का नेतृत्व दें, अन्य समय में बाबा (उद्धव ठाकरे) का नेतृत्व ठीक है। क्योंकि अजित पावर के नेतृत्व में काफी काम हुआ। कई मुद्दों पर इंसाफ मिला।
अब सुधीर मुनगंटीवार के बयान के मुताबिक कहा जाता है कि एक पत्थर में दो पक्षी मारे गए. एक तरफ उपमुख्यमंत्री अजित पवार की कार्यशैली की तारीफ करते हुए उनकी तारीफों की बारिश हुई. उधर, उन्होंने परोक्ष रूप से मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के नेतृत्व पर सवाल खड़े किए। राज्य सम्मेलन की अवधि बहुत महत्वपूर्ण है और इस अवधि के दौरान कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की जाती है और कई मुद्दों को सुलझाया जाता है। मुख्यमंत्री खराब स्वास्थ्य के कारण सत्र में शामिल नहीं हो सके। विपक्षी समूहों ने संकट में घिरे पीएम से इस्तीफा देने की मांग की। लेकिन वैसा नहीं हुआ। लेकिन उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने विपक्ष के कई सवालों के जवाब दिए और उनकी कार्यशैली और नेतृत्व की खामियों को बताया। समझा जा रहा है कि पूर्व वित्तमंत्री ने एक तीर से दो निशाने लगाए हैं। अजित पवार की तारीफ के साथ ही मुख्यमंत्री ठाकरे के नेतृत्व पर भी अंगुली उठा दी है।
Created On :   28 Dec 2021 9:09 PM IST