सत्ता बदलने की आहट के साथ खटाई में पड़ेगी विपक्षी नेताओं के खिलाफ जांच!

With the call of change of power, the investigation against the opposition leaders will be in trouble!
सत्ता बदलने की आहट के साथ खटाई में पड़ेगी विपक्षी नेताओं के खिलाफ जांच!
एक दूसरे के खिलाफ दर्ज हैं मामले  सत्ता बदलने की आहट के साथ खटाई में पड़ेगी विपक्षी नेताओं के खिलाफ जांच!

डिजिटल डेस्क, मुंबई। राज्य में सत्तापलट की आहट के बाद वे पुलिसवाले असमंजस में फंस गए हैं जो भाजपा नेताओं और पुलिस अधिकारियों के खिलाफ अलग-अलग मामलों की जांच कर रहे हैं। केंद्र और राज्य सरकार के बीच जोर आजमाइश के चलते ईडी और सीबीआई की कार्रवाई के जवाब में राज्य सरकार भी लगातार भाजपा नेताओं और उनके करीबियों के खिलाफ मामले दर्ज किए हैं। फर्जी कागजात के आधार पर खुद को मजदूर बताकर चुनाव लड़ने के मामले में प्रवीण दरेकर, शिवसैनिक संतोष परब पर हमले के मामले में नितेश राणे, बैंकों का 52 करोड़ रुपए का कर्ज न चुकाने के मामले में आर्थिक अपराध शाखा ने मोहित कंबोज भारतीय के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है, मामले की जांच अभी जारी है उन्हें अदालत से गिरफ्तारी से राहत मिली हुई है। इसके अलावा हवा में तलवार लहराने के मामले में भी उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज है। किरीट सोमैया और उनके बेटे नील सोमैया के खिलाफ विक्रांत जहाज बचाने के नाम पर लोगों से चंदा इकठ्ठा कर उसका कहीं और इस्तेमाल करने के मामले में जांच की जा रही है। भाजपा नेताओं के साथ निर्दलीय सांसद नवनीत राणा और उनके विधायक पति रवि राणा पर हनुमान चालीसा विवाद में समुदायों के बीच दुश्मनी फैलाने से लेकर देशद्रोह तक के आरोप लगाए गए हैं। दोनों गिरफ्तारी के बाद इस मामले में 12 दिन जेल में भी थे। इसके अलावा फोन टैपिंग मामले में रश्मी शुक्ला जांच के घेरे में हैं। पुलिस आरोपपत्र दाखिल कर चुकी है। इस मामले में पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का भी बयान दर्ज किया जा चुका है। मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह के खिलाफ भी कई मामले दर्ज किए गए थे लेकिन सुप्रीमकोर्ट के निर्देश के बाद सभी मामलों की जांच अब सीबीआई कर रही है। लेकिन जिन मामलों की जांच मुंबई पुलिस के पास है उसकी जांच भी रफ्तार भी अब धीमी होनी तय है। 

अब पुलिसवाले फूंक फूंककर कदम बढ़ाना चाहते हैं जिससे सरकार बदले तो वे मुश्किल में न फंसे। सरकार बदलने के बाद नेताओं के खिलाफ चल रहे मामलों में पुलिस का रुख बदलना कोई नई बात नहीं है। भाजपा सरकार के दौरान सिंचाई घोटाले की जोर शोर से जांच चल रही थी। अजित पवार, जयंत पाटील जैसे नेताओं के खिलाफ रोज नए खुलासे करने वाली पुलिस का रुख सरकार बदलते ही बदल गया मामले में क्लीनचिट भी दे दी गई। ऐसे नेताओं की लंबी सूची है जिन्हें सरकार बदलते ही राहत मिल गई। अब भाजपा नेताओं को भी इसी तरह की उम्मीद होगी। पुलिस ही नहीं मुंबई महानगर पालिका के जरिए भी भाजपा नेताओं को सबक सिखाने की कोशिश की गई। नारायण राणे, रवि राणा और मोहित कंबोज के घरों को अवैध बताकर तोड़क कार्रवाई की नोटिस भेजा गया है। भाजपा समर्थक मानी जाने वाली अभिनेत्री कंगना के घर पर तो तोड़क कार्रवाई कर भी दी गई थी। 

अधिकारी भी भागदौड़ में जुटे

मुंबई पुलिस आयुक्त संजय पांडे इसी महीने के आखिर में सेवानिवृत्त हो रहे हैं। माना जा रहा था कि राज्य सरकार के करीबी होने के चलते उन्हें सेवा विस्तार मिलेगा लेकिन अब ऐसा होना मुश्किल दिख रहा है। इसके अलावा मौजूदा सरकार के करीबी पुलिसवालों के लिए भी सरकार बदलने के बाद मुश्किल खड़ी होनी तय है। फिलहाल ज्यादातर वरिष्ठ पुलिस अधिकारी भी अगले कदम के लिए राजनीतिक उठापटक थमने का इंतजार कर रहे हैं।  

शमशेर पठान, सेवानिवृत्त एसीपी के मुताबिक सत्ता बदलने के बाद जांच की दिशा बदल जाना कोई नई बात नहीं है। हमेशा से ही ऐसा होता रहा है। नैतिकता की बातें तो खूब होतीं हैं लेकिन जमीनी हकीकत यही है कि जो सत्ता में है पुलिस उसके मुताबिक ही काम करती है।’

                           
 

Created On :   23 Jun 2022 8:59 PM IST

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