- भारत में पिछले 24 घंटे में #COVID19 के 13,823 नए मामले सामने आए। 162 नई मौतों के बाद कुल मौतों की संख्या 1,52,718 हो गई है।
- J-K: अख्नूर सेक्टर पर पाकिस्तान ने तोड़ा सीजफायर, फायरिंग में 4 भारतीय जवान जख्मी
- तांडव विवाद: मुंबई पहुंची UP पुलिस, आज वेब सीरीज के डायरेक्टर-प्रोड्यूसर से होगी पूछताछ
- गुरु गोबिंद सिंह का प्रकाश पर्व आज, PM मोदी ने उनके साहस और बलिदान को किया याद
- मुस्लिम संगठनों की ओर से 22 जनवरी को बुलाया गया बेंगलुरु बंद कैंसिल
चैक का क्लोन बनाकर बैंक से रुपए निकाले, फर्जी कागजात से लिया लोन

डिजिटल डेस्क, जबलपुर। अधारताल क्षेत्र में चैक का क्लोन तैयार कर उसके माध्यम से धोखाधड़ी कर रुपए निकालने एवं विजय नगर थाने में फर्जी कागजात के आधार पर खेत बंधक रखकर लाखों का लोन लेने के मामलों में धोखाधड़ी के प्रकरण दर्ज किये गए हैं। चैक का क्लोन तैयार कर पहली बार धोखाधड़ी के मामले दर्ज किये गए हैं। ओरिजनल चैक खुद शिकायतकर्ता के पास हैं। अधारताल के जय प्रकाश नगर में रहने वाले प्रभु दयाल पांडे ने शिकायत दर्ज कराई गई है। यूको बैंक में उसका व बेटे आशीष कुमार पांडे का खाता है। 18 अप्रैल को बेटे के मोबाइल पर मैसेज आया कि उनके खाते से 95 हजार रुपये निकाल लिये गए हैं। जब उन्होंने जानकारी ली तो पता चला कि किसी अचिन कुमार गुप्ता निवासी डावर कॉलोनी नूरबाबा के पास पानीपत ओखला फेस टू द्वारा प्रभुदयाल पांडे के चैक का क्लोन तैयार कर 95 हजार रुपये निकाल लिये हैं।
गिरोह की दूसरी वारदात
चैक का क्लोन तैयार कर ठगने की दूसरी वारदात शांता पिल्ले के साथ हुई। न्यू रामनगर निवासी शांता पिल्ले के यूको बैंक कृषि कॉलेज ब्रांच से 95 हजार रुपये निकालने की जानकारी मिली तो पता चला कि उसके चैक का क्लोन बनाकर रुपये निकाल लिये गए हैं। जबकि ओरिजनल चैक उसके पास ही था। फर्जी चैक को विजय नगर एचडीएफसी ब्रांच से क्लीयरेंस कराया गया।
करीब 6 लाख का लोन लिया
धोखाधड़ी से करीब 6 लाख का लोन लेने के एक मामले में विजय नगर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। शिकायतकर्ता सृजन पहारिया ने जानकारी दी है कि उसके दादा लीलाधर के नाम पर 27 एकड़ भूमि मोहनिया में है। जब उन्होंने जमीन बेचने के लिए कागजात निकालवाये तो पता चला कि किसी और ने इस जमीन को बैंक में बंधक रखकर करीब 6 लाख का लोन ले लिया है। धोखेबाज ने दादा लीलाधर का फर्जी आधार कार्ड एवं जमीन के कागजात तैयार कराये थे। उसके आधार पर ही उसने आईसीआईसी बैंक से लोन लिया था।
ऑटो चालक पर जानलेवा हमला
अधारताल थाना क्षेत्र के संजय नगर में रहने वाले विपिन शुक्ला पर अंकित पटैल, रॉबिन िवश्वकर्मा, बड़े मियां उर्फ राजेन्द्र मेहरा, शुभम पटैल, मयंक पासी और राहुल ठाकुर ने घर में घुसकर जानलेवा हमला कर दिया। पुलिस आरोपियों की तलाश कर रही है।
कमेंट करें
ये भी पढ़े
Real Estate: खरीदना चाहते हैं अपने सपनों का घर तो रखे इन बातों का ध्यान, भास्कर प्रॉपर्टी करेगा मदद

डिजिटल डेस्क, जबलपुर। किसी के लिए भी प्रॉपर्टी खरीदना जीवन के महत्वपूर्ण कामों में से एक होता है। आप सारी जमा पूंजी और कर्ज लेकर अपने सपनों के घर को खरीदते हैं। इसलिए यह जरूरी है कि इसमें इतनी ही सावधानी बरती जाय जिससे कि आपकी मेहनत की कमाई को कोई चट ना कर सके। प्रॉपर्टी की कोई भी डील करने से पहले पूरा रिसर्च वर्क होना चाहिए। हर कागजात को सावधानी से चेक करने के बाद ही डील पर आगे बढ़ना चाहिए। हालांकि कई बार हमें मालूम नहीं होता कि सही और सटीक जानकारी कहा से मिलेगी। इसमें bhaskarproperty.com आपकी मदद कर सकता है।
जानिए भास्कर प्रॉपर्टी के बारे में:
भास्कर प्रॉपर्टी ऑनलाइन रियल एस्टेट स्पेस में तेजी से आगे बढ़ने वाली कंपनी हैं, जो आपके सपनों के घर की तलाश को आसान बनाती है। एक बेहतर अनुभव देने और आपको फर्जी लिस्टिंग और अंतहीन साइट विजिट से मुक्त कराने के मकसद से ही इस प्लेटफॉर्म को डेवलप किया गया है। हमारी बेहतरीन टीम की रिसर्च और मेहनत से हमने कई सारे प्रॉपर्टी से जुड़े रिकॉर्ड को इकट्ठा किया है। आपकी सुविधाओं को ध्यान में रखकर बनाए गए इस प्लेटफॉर्म से आपके समय की भी बचत होगी। यहां आपको सभी रेंज की प्रॉपर्टी लिस्टिंग मिलेगी, खास तौर पर जबलपुर की प्रॉपर्टीज से जुड़ी लिस्टिंग्स। ऐसे में अगर आप जबलपुर में प्रॉपर्टी खरीदने का प्लान बना रहे हैं और सही और सटीक जानकारी चाहते हैं तो भास्कर प्रॉपर्टी की वेबसाइट पर विजिट कर सकते हैं।
ध्यान रखें की प्रॉपर्टी RERA अप्रूव्ड हो
कोई भी प्रॉपर्टी खरीदने से पहले इस बात का ध्यान रखे कि वो भारतीय रियल एस्टेट इंडस्ट्री के रेगुलेटर RERA से अप्रूव्ड हो। रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवेलपमेंट एक्ट, 2016 (RERA) को भारतीय संसद ने पास किया था। RERA का मकसद प्रॉपर्टी खरीदारों के हितों की रक्षा करना और रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देना है। राज्य सभा ने RERA को 10 मार्च और लोकसभा ने 15 मार्च, 2016 को किया था। 1 मई, 2016 को यह लागू हो गया। 92 में से 59 सेक्शंस 1 मई, 2016 और बाकी 1 मई, 2017 को अस्तित्व में आए। 6 महीने के भीतर केंद्र व राज्य सरकारों को अपने नियमों को केंद्रीय कानून के तहत नोटिफाई करना था।