महिला अत्याचार मामला : सरकार इसी सत्र में लाएगी दिशा कानून, 21 दिन में होगा फैसला

Women atrocities cases: Government will bring Disha law in this session
महिला अत्याचार मामला : सरकार इसी सत्र में लाएगी दिशा कानून, 21 दिन में होगा फैसला
महिला अत्याचार मामला : सरकार इसी सत्र में लाएगी दिशा कानून, 21 दिन में होगा फैसला

डिजिटल डेस्क, मुंबई। राज्य में महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अत्याचारों के मद्देनजर सरकार विधानमंडल के बजट सत्र में ही आंध्र प्रदेश के दिशा कानून की तर्ज पर कड़ा कानून लाएगी। गृह मंत्री अनिल देशमुख ने विधानमंडल के दोनों सदनों को इसकी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि प्रस्तावित कानून में बलात्कार, सामूहिक बलात्कार, नाबालिगों से बलात्कार जैसे मामलों में फांसी की सजा का प्रावधान किया जाएगा। इसके अलावा हर जिले में महिला अत्याचारों की जांच के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी), अदालतें गठित की जाएंगी। पुलिस स्टेशनों में भी महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराध दर्ज करने के लिए अलग रजिस्टर होंगे।

विधानसभा में महिला अत्याचारों के खिलाफ ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान देशमुख ने बताया कि मैंन आंध्र प्रदेश का दौरा कर इस कानून पर वहां के मुख्यमंत्री और गृहमंत्री से बात की है। दिशा कानून का अध्ययन करने के लिए पांच सदस्यीय समिति बनाई गई है। समिति अपनी रिपोर्ट 29 फरवरी तक सौंपेगी। इसके बाद इसी सत्र में विधेयक पास कराने की कोशिश की जाएगी। सरकार कोशिश करेगी कि महिलाओं के खिलाफ अत्याचारों से जुड़े मामलों की जांच 7 दिनों में पूरी कर चार्जशीट दाखिल कर दी जाए और 14 कार्यदिवस में मामलों की सुनवाई पूरी हो जाए और सिर्फ 21 दिनों में ऐसे मामलों में फैसले आ जाएं। देशमुख ने कहा कि फिलहाल हम अध्ययन कर रहे हैं कि क्या मौजूदा पुलिस बल के मुताबिक यह संभव है या समयसीमा को कुछ दिन और बढ़ाए जाने की जरूरत है। इसके अलावा फैसले के खिलाफ अपील की समय सीमा 60 दिन से घटाकर 45 दिन किया जाएगा। विधान परिषद में भी महिला सदस्यों ने महिला अत्याचारों के खिलाफ ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के जरिए सरकार का ध्यान खींचा। देशमुख ने भरोसा दिलाया कि कानून को अंतिम रुप देने से पहले दोनों सदनों की महिला सदस्यों और महिलाओं के लिए काम करने वाली स्वयंसेवी संस्थाओं से भी सलाह ली जाएगी। 

मदद के लिए भरोसा सेल

विधान परिषद में सदस्यों से सवालों के जवाब देते हुए अनिल देशमुख ने बताया कि महिला अत्याचारों की रोकथाम और समुपदेशन के लिए पुणे पुलिस के जरिए प्रायोगिक तौर पर भरोसा सेल बनाया गया है। सफल होने के बाद इसे पूरे राज्य में लागू किया जाएगा। इसके अलावा सीसीटीएनएस प्रणाली के जरिए ऑनलाइन शिकायत की सुविधा उपलब्ध कराई गई है जिससे पीड़ित को पुलिस स्टेशन के चक्कर न लगाने पड़े। 

सीसीटीवी से लैस होंगे पुलिस स्टेशन

पत्रकारों से बातचीत के दौरान देशमुख ने बताया कि राज्य के सभी 1150 पुलिस स्टेशन सीसीटीवी कैमरों से लैस होंगे। हर पुलिस स्टेशन में छह सीसीटीवी होंगे और इन्हें नेटवर्क से जोड़ा जाएगा और एक सेंटर के जरिए इसकी निगरानी और रिकॉर्डिंग हो सकेगी। इसके अलावा मुंबई शहर में भी पांच और सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे। राज्य की सभी नई पुरानी इमारतों में सीसीटीवी अनिवार्य किया जाएगा।

मनोधैर्य योजना का दायरा बढ़ाएगी सरकार 

विधान परिषद में प्रदेश के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने कहा कि राज्य सरकार मनोधैर्य योजना का दायरा बढ़ाएगी। देशमुख ने कहा कि पेट्रोल और मिट्टी के तेल जैसे ज्वलनशील पदार्थों से हमले में पीड़ित महिला को मनोधैर्य योजना के तहत लाभ दिया जाएगा। फिलहाल महिला और बालकों पर लैंगिक अत्याचार व एसिड हमले के मामले में पीड़िता को 10 लाख रुपए की मदद की जाती है।  

Created On :   26 Feb 2020 6:41 PM IST

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