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पुलिस स्टेशनों में सीसीटीवी लगाने के मामले में राज्य सरकार का काम संतोषजनक नहीं
डिजिटल डेस्क, मुंबई। राज्य के कई पुलिस स्टेशनों में सीसीटीवी कैमरे न लगे होने को लेकर बांबे हाईकोर्ट ने सोमवार को राज्य सरकार को फटकार लगाई। अदालत ने कहा कि राज्य के पुलिस स्टेशनों में सीसीटीवी लगाने को लेकर राज्य सरकार ने कोई संतोषजनक कदम नहीं उठाया। न्यायमूर्ति एसजे काथावाला और एमएन जाधव की खंडपीठ ने सुनवाई करते हुए कहा कि इससे पहले जब भी अदालत ने किसी मामले में सीसीटीवी फुटेज मांगा है पुलिस ने कोई न कोई बहाना बनाकर इनकार कर दिया है। न्यायमूर्ति काथावला ने कहा कि अगर मैं साफ बात बोलूं तो ऐसा जानबूझकर किया जाता है। खंडपीठ ने कहा कि 2020 के दिसंबर महीने में सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों को पुलिस स्टेशनों में सीसीटीवी लगाने के निर्देश दिए थे। लेकिन पिछले दो सालों में महाराष्ट्र में इसे लेकर कोई संतोषजनक कदम नहीं उठाया गया। क्या किसी ने यह आदेश पढ़ने की जहमत उठाई। राज्य सरकार को सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करना होता है। इस आदेश का मकसद पारदर्शिता लाना था इसलिए सिर्फ कागजी कार्यवाही काफी नहीं है। खंडपीठ ने कहा कि राज्य सरकार को इस मामले में एक समिति बनानी चाहिए वरना कोई इसकी चिंता नहीं करेगा। राज्य सरकार की ओर से पेश हुए एडवोकेट जनरल आशुतोष कुंभकोणी ने कहा कि राज्य के पुलिस स्टेशनों में सीसीटीवी लगाने और बंद पड़े सीसीटीवी की मरम्मत का काम दो ठेकेदारों को दिया गया है। राज्य सरकार की ओर से सोमवार को अदालत में दिए गए हलफनामें में कहा गया है कि राज्य में फिलहाल 1089 पुलिस स्टेशन हैं जिनमें से 547 पुलिस स्टेशनों में 6092 सीसीटीवी लगाए जा चुके हैं। इनमें से 5639 सीसीटीवी कैमरे काम कर रहे हैं जबकि बाकी बंद पड़े हैं। ठेकेदारों को बंद सीसीटीवी की मरम्मत 15 दिन के भीतर करने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि पुलिस स्टेशनों में वायरिंग हो गई है। लेकिन कोरोना संक्रमण के चलते भुगतान न होने पर काम बंद था। जनवरी में भुगतान किया गया है जिसके बाद काम फिर शुरू हुआ है। इस पर खंडपीठ ने कहा कि आदेश के बाद ही यह कदम उठाए जा रहे हैं उससे पहले कुछ नहीं हो रहा था। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक पुलिस स्टेशनों में आने जाने के रास्तों के साथ लॉकअप के भीतर और पुलिस अधिकारियों के केबिन और दूसरी जगहों पर सीसीटीवी लगे होने चाहिए। खंडपीठ ने ठेका सिर्फ दो ठेकेदारों को देने पर सवाल उठाए और 2 मार्च को होने वाली अगली सुनवाई के दौरान ठेके से जुड़े दस्तावेज पेश करने को कहा है।
Created On :   21 Feb 2022 9:02 PM IST