पन्ना: पढने-लिखने की उम्र में भिक्षावृत्ति करने को मजबूर बचपन

पढने-लिखने की उम्र में भिक्षावृत्ति करने को मजबूर बचपन

डिजिटल डेस्क, मोहन्द्रा नि.प्र.। बाल श्रम को रोकने शासन की तमाम सरकारी योजनाएं जमीनी स्तर में सही क्रियान्वयन के अभाव में पात्र लोगों तक नहीं पहुंच पा रही हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में हालात और भी खराब हालत में हैंं। गरीब परिवारों के बच्चे सिर में लकड़ी का ग_ा रखे तो कहीं पालतू बकरियां चराते आए दिन देखे जा सकते हैं। मोहन्द्रा में साप्ताहिक बाजार में दर्जनों बच्चे सडक़ में भीख मांगते मिल जाएंगे। घुमक्कड़ परिवारों से संबंधित यह बच्चे स्कूली शिक्षा से पूरी तरह वंचित है। कागजों में भले इनके विकास के लिए कई योजनायें चल रहीं हों लेकिन आंगनबाड़ी व सरकारी स्कूल का मध्यान्ह भोजन भी इन नौनिहालों को नसीब नहीं हो पा रहा है जो चिंता का विषय है।

Created On :   15 Dec 2023 12:30 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story