Panna News: किसानों की उपार्जन खरीदी के एक माह बाद भी नहीं पहुंचा खातों में पैसा

किसानों की उपार्जन खरीदी के एक माह बाद भी नहीं पहुंचा खातों में पैसा
  • किसानों की उपार्जन खरीदी के एक माह बाद भी नहीं पहुंचा खातों में पैसा
  • हजारों क्विंटल से अधिक गेहूं रैपुरा विपणन केन्द्र में रखकर भूले जिम्मेदार

Panna News: रबी की फसल की खरीदी ०५ मई के बाद बंद हो गई थी। इसके बाद भी किसानों के खातों में फसल के भुगतान का पैसा नहीं पहुंचा। कई किसानों ने बताया कि हमने दो माह पहले अपनी फसल रैपुरा स्थित सहकारी समिति के खरीदी केन्द्र में बेचीं थी परंतु आज तक उसका पैसा खाते में नहीं आया है। किसानों ने बताया कि जब हम समिति में अपनी फसल के बारे में जानकारी लेने जाते हैं तो बताया जाता है कि हमने सारी फसल वेयरहाउस भेज दी हैं। रैपुरा स्थित सहकारी समिति खरीदी केंद्र में ०५ मई तक कुल 24998.50 क्विंटल गेहूं की खरीदी की गई। जिसमें से 2038.96 क्विंटल गेहूं को रिजेक्ट कर दिया गया। खरीदी प्रभारी ने बताया कि हमने अपग्रेड करके दोबारा गेहूं नान के वेयरहाउस भेज दिया परंतु किसानों के खातों में पैसा नहीं पहुंचा है। हमने पड़ताल में पाया कि लगभग 6000 क्विंटल गेहूं वेयर हाउस में पडा हुआ है। जो लगभग 200 से अधिक किसानों की फसल है इसका पैसा अभी भुगतान नहीं हुआ। रैपुरा स्थित विपणन वेयरहाउस में लगभग ढाई हजार क्विंटल गेहूं को लगभग एक माह पहले रखवाया गया था। जिसका भुगतान एक सप्ताह के अंदर हो जाना चाहिए था परंतु अधिकारी इस गेहूं को रखवा कर भुगतान करना ही भूल गए। जिसका नतीजा यह हो रहा है कि दो सौ से अधिक किसान अपने पैसों के लिए भटक रहे हैं। जब इस मामले में नान के डीएम से इस संबंध ने बात की तो उन्हें इसकी जानकारी ही नहीं थी।

देरी से परिवहन भी एक बड़ी समस्या

रैपुरा खरीदी केन्द्र में जून माह तक परिवहन चालू रहा। जब इस संबध में केन्द्र प्रभारी, समिति प्रबंधक रूचि गुप्ता से बात की गई तो उन्होंने कहा कि हम कई बार नान को कह चुके हैं कि उपज का परिवहन करवा लें परंतु कई बार बोलने के बाद भी कई दिनों तक ट्रक नहीं पहुंचे। इस पर डीएम नाना ने कहा कि रिजेक्ट हुई उपज को अपग्रेड कराकर वापिस मंगवाने में देरी लग रही है।

किसानों ने जताई नाराजगी

कई किसानों ने बताया कि उन्होंने अप्रैल के अंतिम सप्ताह तथा कुछ ने मई के पहले सप्ताह में अपनी फसल समिति को बेची थी लेकिन दो महीने बीत जाने के बाद भी उनके खातों में पैसे नहीं पहुंचे हैं। इस कारण उन्हें परिवार चलाने, कर्ज चुकाने और अगली फसल की तैयारी में काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। किसान न तो बीज खरीद पा रहा है न खाद। एक किसान ने बताया कि उसकी पत्नि की तबीयत खराब है पैसों के इंतजार में दिन काट रहा है जिससे इलाज करा सकें। दरअसल जब समितियां खरीदी करती हैं तो खरीदी कराने वाला एफसीआई समितियों में अपने सर्वेयर नियुक्त ही नहीं करता जिससे समितियां स्वयं ही अपना सर्वेयर नियुक्त कर लेती हैं परंतु जैसे ही परिवहन करके अनाज पहुंचता है तो वहां नियुक्त एफसीआई सर्वेयर कम गुणवत्ता बताकर अनाज को रिजेक्ट कर देते हैं। अब वह अनाज वापिस संबंधित समिति तक आता है जिसे अपग्रेड अर्थात छानकर वापिस वेयरहाउस भेजा जाता है। इस प्रक्रिया से किसान अनभिज्ञ रहता है। अगर एफसीआई सर्वेयर की नियुक्त समितियों में करे तो रिजेक्शन के चक्कर और उसमें लगने वाले समय से किसान की उपज को बचाया जा सकता है।

इनका कहना है

हमने खरीदी के बाद किसानों की सारी उपज नान को सुपर्द कर दी। रैपुरा समिति से सारा परिवहन कुछ ही दिनों पहले पूरा हुआ है।

रुचि गुप्ता, समिति प्रबंधक एवं केंद्र प्रभारी रैपुरा

कुछ उपज रिजेक्ट हुई थी जिसको अपग्रेड कराने वापिस समितियों में भेजा गया। जिसकी वजह से परिवहन थोड़ा देरी से हुआ। रैपुरा विपणन केंद्र में रखे ढाई हजार क्विंटल गेहूं की जानकारी लेता हूं।

टी.पी. डहेरिया, डीएम नान पन्ना

Created On :   13 Jun 2025 11:56 AM IST

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