Panna News: पवई के जंगल में अवैध उत्खनन, धडल्ले से चल रहा के्रेशर, वन व खनिज विभाग के जिम्मेदार मौन

पवई के जंगल में अवैध उत्खनन, धडल्ले से चल रहा के्रेशर, वन व खनिज विभाग के जिम्मेदार मौन
  • पवई के जंगल में अवैध उत्खनन, धडल्ले से चल रहा के्रेशर
  • वन व खनिज विभाग के जिम्मेदार मौन

Panna News: कभी देश के सबसे सुरक्षित वन क्षेत्रों में गिने जाने वाले पन्ना के घने जंगल अब अवैध उत्खनन और खुलेआम क्रेशर संचालन का गढ़ बनते जा रहे हैं। जिले के दक्षिण वनमंडल अंतर्गत पवई क्षेत्र के मोहडिया गांव के जंगल व आसपास के इलाकों में सडक़ निर्माण कर रही एक ठेकेदार फर्म द्वारा बिना किसी वैध अनुमति के धडल्ले से क्रेशर प्लांट चलाया जा रहा है। आश्चर्यजनक रूप से वन एवं खनिज विभाग इस गंभीर अनियमितता पर मौन साधे हुए है जबकि प्रशासन भी कथित तौर पर इस बारे में अनभिज्ञ है।

प्रतिदिन सैकड़ों वाहन गिट्टी का अवैध परिवहन

प्राप्त जानकारी के अनुसार मोहडिया गांव में संचालित इस अवैध क्रेशर से प्रतिदिन 100 से अधिक डम्फर अवैध रूप से गिट्टी लेकर विभिन्न निर्माण स्थलों तक पहुंच रहे हैं। चौंकाने वाली बात यह है कि न तो खनिज विभाग को रॉयल्टी अदा की जा रही है और न ही कोई ईटीपी जारी किया जा रहा है। इससे शासन को रोजाना लाखों रुपये के राजस्व का नुकसान हो रहा है।

वन क्षेत्र से सटा क्रेशर, पर्यावरणीय नियमों की उडा रहा धज्जियां

यह क्रेशर प्लांट वन सीमा से सटा हुआ है और कई स्थानों पर जंगल के भीतर तक मशीनों की आवाजाही की शिकायतें मिल रही हैं। इसके बावजूद इस प्लांट के लिए न तो वन विभाग से अनापत्ति प्रमाण पत्र लिया गया है और न ही पर्यावरणीय अनुमति प्राप्त की गई है जो कि अनिवार्य है। नियमानुसार स्टोन क्रेशर यूनिट स्थापित करने और संचालित करने के लिए खनिज विभाग से लीज स्वीकृति, पर्यावरणीय मंजूरी राज्य पर्यावरण प्रभाव मूल्यांकन प्राधिकरण या केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय से और मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से अनुमति आवश्यक होती है। मोहडिया में संचालित हो रहे इस क्रेशर के संबंध में किसी भी प्रकार की कोई अनुमति नहीं है। मौके पर मौजूद कर्मचारियों ने इसे मोबाइल क्रेशर बताते हुए सडक़ का काम खत्म होने पर हटा दिए जाने की बात कही।

कागजों पर एक हेक्टेयर, हकीकत में बड़े पैमाने पर अवैध खनन

बताया जाता है कि ठेकेदार फर्म ने कागजों पर महज ०1 हेक्टेयर की अस्थायी खदान स्वीकृत कराई है लेकिन असल में वह मोहडिया की पुरानी फर्शी पत्थर खदान से दिनरात बड़ी मशीनों और ब्लास्टिंग के जरिए बड़े पैमाने पर बोल्डर पत्थर निकाल रहे हैं। स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि क्षेत्र में नियमित ब्लास्टिंग हो रही है जिससे आसपास के गांवों में कंपन और भय का वातावरण बना हुआ है। इस गंभीर मामले में तत्काल उच्च स्तरीय जांच और सख्त कार्रवाई की मांग उठ रही है जिससे पन्ना के वन संपदा को और अधिक नुकसान से बचाया जा सके और शासन को हो रहे राजस्व के नुकसान पर अंकुश लगाया जा सके।

इनका कहना है

मुझे इस संबध में जानकारी नहीं हैं, लेकिन क्रेशर व अवैध उत्खनन के मामलों में कार्यवाही का दायित्व खनिज विभाग व जिला प्रशासन का है। वन विभाग ने मोहडिया में कोई क्रेशर संबधित एनओसी नहीं दी है। मैं जाकर देखूंगा यदि वन क्षेत्र में काम हो रहा है तो कार्यवाही की जायेगी।

नीतेश पटेल, वन परिक्षेत्राधिकारी पवई द.व.म. पन्ना

अस्थाई लीज दी गई है जो क्रेशर लगाये जाने का मामला संज्ञान में लाया गया है उसको मैं दिखवाता हूं।

रवि पटेल, खनिज अधिकारी पन्ना

Created On :   31 May 2025 4:58 PM IST

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