- Home
- /
- राज्य
- /
- मध्य प्रदेश
- /
- पन्ना
- /
- पेयजल योजना में बड़ा फर्जीवाडा,...
Panna News: पेयजल योजना में बड़ा फर्जीवाडा, पाइपलाइन बिछाने में मानकों की अनदेखी करोड़ों का भ्रष्टाचार उजागर

- पेयजल योजना में बड़ा फर्जीवाडा
- पाइपलाइन बिछाने में मानकों की अनदेखी करोड़ों का भ्रष्टाचार उजागर
Panna News: शहर को बेहतर पेयजल आपूर्ति देने के उद्देश्य से शुरू की गई जल निगम की करोड़ों रुपये की पाइपलाइन परियोजना भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ती दिख रही है। शहर के पुराने पन्ना क्षेत्र में निर्माणाधीन पानी टंकी से जुड़े इलाकों के लिए बिछाई जा रही पाइपलाइन में बड़े पैमाने पर अनियमितताएं सामने आई हैं। जिससे योजना की सफलता पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। आरोप है कि ठेकेदार और जल निगम के अधिकारी मिलीभगत से मानकों की धज्जियां उड़ा रहे हैं। जिससे भविष्य में शहर को गंभीर जल संकट का सामना करना पड़ सकता है।
बिना खुदाई मिट्टी से ढंके पाइप, गुणवत्ता से खिलवाड़
भारतीय मानकों के अनुसार पेयजल परियोजनाओं के लिए एचडीपीई पाइपलाइन बिछाने के लिए कम से कम 1 मीटर गहराई की खुदाई अनिवार्य होती है। इसका मुख्य उद्देश्य पाइप को बाहरी टूट-फूट सतही दबाव, मौसमी प्रभावों और संभावित रिसाव से बचाना है। हालांकि पन्ना में ठेकेदार ने इस अनिवार्य नियम की खुलेआम अनदेखी की है। चौंकाने वाली बात यह है कि कई जगहोंं पर सिर्फ 1 फुट से भी कम गहराई पर पाइप बिछाकर ऊपर से मिट्टी डाल दी गई है। इससे पाइपलाइन की सुरक्षा और स्थायित्व दोनों पर बड़ा प्रश्नचिन्ह लग गया है। जानकारों का मानना है कि इस तरह से बिछाई गई पाइपलाइन बहुत कम समय में क्षतिग्रस्त हो सकती है जिससे शहर में पेयजल संकट और गहरा जाएगा।
अनावश्यक सडक़ खुदाई और मनमानी, नागरिकों में आक्रोश
पाइपलाइन बिछाने के दौरान ठेकेदार की मनमानी का एक और उदाहरण बीडी कॉलोनी जैसे इलाकों में देखने को मिला। जहां सडक़ किनारे पर्याप्त खाली जगह मौजूद थी वहां भी ठेकेदार ने जानबूझकर सीमेंट-कंक्रीट की सडक़ों को खोद डाला जिससे नागरिकों को भारी असुविधा हो रही है। जब स्थानीय लोगों ने इस पर आपत्ति जताई तो उन्हें अनसुना कर दिया गया। ठेकेदार के कर्मचारियों ने खुदाई से इनकार करते हुए पत्थर की परत होने का बहाना बनाया जबकि शासन के नियमानुसार हार्ड रॉक की खुदाई के लिए हेमर मशीनों का उपयोग आवश्यक होता है।
निगरानी का अभाव, ठेकेदार की बेलगाम मनमानी
स्थानीय नागरिकों का आरोप है कि पूरे प्रोजेक्ट में जल निगम के किसी भी विभागीय इंजीनियर या अधिकारी की कोई निगरानी नहीं है। पूरा काम सिर्फ श्रमिकों के भरोसे चल रहा है जिससे गुणवत्ता और तकनीकी मानकों का बिल्कुल भी ध्यान नहीं रखा जा रहा है। नागरिकों ने बताया कि जल निगम के अधिकारी मौके पर दिखते ही नहीं हैं जिसके कारण ठेकेदार अपनी मनमर्जी से काम कर रहा है।
करोड़ों की योजना पर संकट, भविष्य में बड़ी परेशानी का अंदेशा
यदि यही स्थिति बनी रही तो करोड़ों रुपये की यह पेयजल परियोजना अपने शुरुआती चरण में ही विफल हो सकती है। विशेषज्ञ चेतावनी दे रहे हैं कि कम गहराई पर बिछाई गई पाइपलाइन कुछ ही वर्षों में खराब हो सकती है जिससे न केवल सरकार को दोबारा भारी-भरकम खर्च उठाना पड़ेगा बल्कि पन्ना के नागरिकों को गंभीर जल संकट झेलना पड़ सकता है। यह परियोजना, जिसका उद्देश्य शहर की पेयजल आपूर्ति में सुधार करना था ठेकेदार की लापरवाही और जल निगम की निष्क्रियता के कारण अब एक बड़ी समस्या बनने की ओर अग्रसर है। इस पूरे मामले पर जल निगम के अधिकारियों की चुप्पी और लापरवाही स्थानीय लोगों में भारी आक्रोश का कारण बन गई है। क्या प्रशासन इस गंभीर भ्रष्टाचार पर संज्ञान लेकर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेगा।
इनका कहना है
वहां पर पूरी तरह से चट्टान है बड़ी पोकलेन मशीन चल रही है यह प्रेशर वाली लाइन नहीं है सीमेंट कंक्रीट डालकर उसको सही कर दिया जाएगा।
रोहित सिंह, कांट्रेक्ट इंजीनियर
Created On :   11 July 2025 11:44 AM IST