Panna News: पन्ना-अमानगंज टोल रोड बनी हादसों का सबब, शोल्डर गायब, जानलेवा मोड़ एमपीआरडीसी और टोल कंपनी पर निष्क्रियता का आरोप

पन्ना-अमानगंज टोल रोड बनी हादसों का सबब, शोल्डर गायब, जानलेवा मोड़ एमपीआरडीसी और टोल कंपनी पर निष्क्रियता का आरोप
  • पन्ना-अमानगंज टोल रोड बनी हादसों का सबब
  • शोल्डर गायब, जानलेवा मोड़ एमपीआरडीसी और टोल कंपनी पर निष्क्रियता का आरोप

Panna News: जिले की पन्ना-अमानगंज स्टेट हाईवे सडक़ जो मध्यप्रदेश सडक विकास निगम के अधीन है इन दिनों सडक़ हादसों का बड़ा कारण बन गई है। बदहाल टोल रोड पर शोल्डर सडक़ के किनारे का हिस्सा के अभाव और खस्ताहाल स्थिति के कारण लगातार दुर्घटनाएं हो रही हैं। हैरानी की बात यह है कि टोल वसूली के नाम पर मोटी रकम वसूलने वाली कंपनी को जहां सिर्फ वसूली से मतलब है वहीं विभागीय अधिकारी भी पूरी तरह से निष्क्रिय और उदासीन नजर आ रहे हैं। स्टेट हाईवे की इस टोल रोड पर कई स्थानों पर न तो सडक़ के किनारे शोल्डर मौजूद हैं और न ही कोई सुरक्षा इंतजाम। खासकर रमपुरा बैरियल से पहले छाप के नाला मोड़ पर हालात बेहद गंभीर हैं। यह मोड़ न केवल तेज घुमाव वाला है बल्कि सडक़ की ऊंचाई भी आसपास की जमीन से 15-20 फीट तक अधिक है। ऐसे में यहां से गुजरने वाले दोपहिया और चार पहिया वाहनों के दुर्घटनाग्रस्त होने की संभावना लगातार बनी रहती है। स्थानीय लोगों के मुताबिक इस मोड़ पर कई जानें पहले ही जा चुकी हैं लेकिन न तो टोल कंपनी ने कोई सुधार कार्य किया और न ही एमपीआरडीसी ने कोई संज्ञान लिया। आमतौर पर सडक़ों के दोनों ओर 1.75 से 2.25 मीटर चौड़े शोल्डर होना अनिवार्य है जिससे इमरजेंसी या क्रासिंग के दौरान वाहन चालक सुरक्षित रूप से सडक़ के किनारे आ सकें लेकिन इस सडक़ पर 1-2 फीट का शोल्डर भी कई स्थानों पर नहीं है। जेके सीमेंट प्लांट शुरू होने के बाद से इस सडक़ पर भारी वाहनों की आवाजाही में बेतहाशा वृद्धि हुई है। बारिश का मौसम भी शुरू हो चुका है। जिससे सडक़ें और अधिक खतरनाक हो गई हैं। बाइक सवारों के लिए सडक़ के किनारे खड़े होने की भी जगह नहीं बचती जिससे हादसे की आशंका और बढ़ जाती है। छाप के नाला मोड़ पर कई बार वाहन, खासकर बाइकें, अनियंत्रित होकर खाई में गिर चुकी हैं। ऐसे में यह स्पष्ट है कि यदि तुरंत मरम्मत कार्य नहीं कराया गया तो भविष्य में और अधिक जानमाल की हानि हो सकती है।

जिम्मेदार मूकदर्शक, हादसों की आशंका

इस पूरी स्थिति में टोल वसूलने वाली कंपनी की लापरवाही तो साफ झलकती ही है लेकिन उससे भी ज्यादा चौंकाने वाली बात यह है कि एमपीआरडीसी के जिम्मेदार अधिकारी भी मौन साधे बैठे हैं न तो टोल कंपनी से जवाब मांगा गया और न ही हादसों के बाद किसी प्रकार की सुरक्षा व्यवस्था या चेतावनी बोर्ड तक लगाए गए हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि प्रशासन हादसों के बाद ही जागता है लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी होती है। सडक़ पर चलने के लिए लोगों से प्रत्येक यात्रा पर शुल्क वसूला जा रहा है ऐसे में यह स्वाभाविक सवाल उठता है कि जब जनता पैसा दे रही है तो सुविधा क्यों नहीं मिल रही। क्या टोल वसूलना ही कंपनियों का काम रह गया है।

तुरंत हो सुधार कार्य, बढ़ाई जाए निगरानी

स्थानीय जनप्रतिनिधियों, समाजसेवियों और आम नागरिकों की ओर से मांग की जा रही है कि शोल्डर निर्माण कार्य को तत्काल प्राथमिकता दी जाए। खतरनाक मोड़ों पर चेतावनी बोर्ड और बैरियर लगाए जाएं। सीसीटीवी कैमरों से निगरानी की व्यवस्था की जाए और टोल वसूलने वाली कंपनी की कार्यप्रणाली की जांच की जाए। पन्ना-अमानगंज मार्ग पर हो रहे हादसे यह दर्शाते हैं कि जब तक जिम्मेदार विभाग और कंपनियां केवल लाभ के बारे में सोचेंगी जनता का जीवन संकट में ही रहेगा।

इनका कहना है

वैसे तो इनको हर जगह रिपेयर करना है मैं कल चेक करवाता हूँ।

एन.के. बारभे, डिवीजनल मैनेजर एमपीआरडीसी

Created On :   27 Jun 2025 4:26 PM IST

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