Panna News: सोहगी के श्री जानकी रमण मंदिर को रिकार्ड में दर्ज किया गया शासन संधारित मंदिर

सोहगी के श्री जानकी रमण मंदिर को रिकार्ड में दर्ज किया गया शासन संधारित मंदिर
  • सोहगी के श्री जानकी रमण मंदिर
  • रिकार्ड में दर्ज किया गया शासन संधारित मंदिर

Panna News: विहिप के अध्यक्ष व सेवा समिति के सचिव एस. कुमार चनपुरिया द्वार एक प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया। जिसमें बताया गया कि तहसील गुनौर के ग्राम सोहगी में स्थित श्री जानकी रमण भगवान के मंदिर का निर्माण भरोसे विदुआ द्वारा कराकर वर्ष १९५० में भगवान की प्राण-प्रतिष्ठा कराई गई थी। उसके पूर्व में जहां मंदिर निर्मित है वहां देव स्थान रहा है जो राजस्व रिकार्ड में दर्ज है। प्रारंभ से ही उक्त मंदिर राजस्व रिकार्ड में शासन के नाम दर्ज रहा है। भगवान की प्राण-प्रतिष्ठा करने के साथ ही भरोसे विदुआ द्वारा मंदिर को लगभग १४ एकड से अधिक भूमि दानपत्र के जरिए समर्पित की गई थी। बीते वर्षों में लगभग तीन एकड भूमि हरगोविन्द विदुआ ने अर्पित की और भगवान के नाम पर १७ एकड से अधिक भूमि दर्ज है। प्राण-प्रतिष्ठा के समय ही भरोसे विदुआ ने ग्राम सोहगी, पगरा और बरसोभा के गणमान्य नागरिकों की एक कमेटी बनाकर मंदिर को प्रबंध कमेटी की सौंप दिया गया था। कमेटी ने लगभग 35-40 वर्ष तक मंदिर का कुशल प्रबंधन किया और मंदिर को आर्थिक रूप से सम्पन्न होता गया। कालांतर में कमेटी के बुजुर्ग सदस्यों की मृत्यु होती गई और अवैध सर्वराहकार जानकी प्रसाद की उम्र बढने के साथ मंदिर की संपन्नत देखकर उसकी नीयत बदल गई और वास्तविक सर्वराहकार लल्लू प्रसाद को विश्वास में लेकर उसने मंदिर के सारे खाता बही और रिकॉर्ड अपने कब्जे में कर लिए और स्थानीय राजस्व अमले से सांठगांठ कर पुराने राजस्व अभिलेख जैसे खसरा इत्यादि में स्वयं को सर्वराहकार दर्ज करा लिया और इस प्रकार उक्त सार्वजनिक मंदिर को निजी मंदिर साबित करने का षडयंत्र रचा।

कमेटी द्वारा नियुक्त पुजारी को हटाकर अपने दामाद दिलीप शुक्ला को पुजारी बना दिया। कुछ ही समय में मंदिर की मूर्तियां भी चोरी हो गईं जो सतना पुलिस की सतर्कता से बरामद होकर वापस आईं। जब जानकी प्रसाद वृद्ध और बीमार रहने लगे तब उसने मंदिर की जमीन की वसीयत उसके पुत्र विष्णु प्रसाद ने साजिश करके अपने नाम करा ली और जानकी प्रसाद की मृत्यु होते ही भगवान की जमीन अपने नाम पर नामांतरण भी करा ली। जब ग्राम के कुछ जागरूक लोगों को इस षडयंत्र की जाकनारी हुई तब श्री जानकी रमण सेवा समिति का तदर्थ गठन कर राजस्व रिकॉर्ड जुटाया जाकर विभिन्न न्यायालयीन कार्यवाहियां आरंभ की गईं। स्थानीय राजस्व अमले की संलिप्तिता और तत्कालीन जिला प्रशासन की उदासीनता के विरुद्ध विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल ने धरना प्रदर्शन कर मंदिर हितों के संरक्षण और अतिक्रमणकारियों से मुक्त कराकर मंदिर को शासन के नियंत्रण में लिए जाने का आग्रह किया गया। इस संबंध में श्री जानकी रमण सेवा समिति के सचिव एस. कुमार चनपुरिया ने उच्च न्यायालय में याचिका भी दायर की गई। अंतत: अपर कलेक्टर पन्ना के नेतृत्व में दो सदस्यीय जिला स्तरीय जांच समिति द्वारा पूरे राजस्व रिकॉर्ड की जांच एवं तहसील स्तर पर किए गए आदेशों कार्यवाहियों की समीक्षा की गई तब वस्तुस्थिति प्रकट हो सकी। वर्तमान कलेक्टर द्वारा जांच रिपोर्ट का अध्ययन कर पूरे प्रकरण के पक्षकारों की सुनवाई कर तत्संबंध में शासन की नीति, राजस्व मंडल एवं उच्चतम न्यायालय के निर्णयों के आलोक में विगत ०1 सितंबर 2025 को मंदिर को शासन संधारित दर्ज कर मंदिर भूमि के राजस्व रिकॉर्ड में प्रबंधक कलेक्टर दर्ज करने का विधिपूर्ण आदेश पारित किया। इस पर मंदिर समिति के सचिव श्री चनपुरिया व अन्य लोगों ने कलेक्टर पन्ना के प्रति कृतज्ञता प्रकट की है।

Created On :   8 Sept 2025 12:19 PM IST

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