Panna News: मुख्यमंत्री के दौरे से बढ़ीं उम्मीदें, रैपुरा को ब्लॉक का दर्जा और महाविद्यालय की मांग तेज

मुख्यमंत्री के दौरे से बढ़ीं उम्मीदें, रैपुरा को ब्लॉक का दर्जा और महाविद्यालय की मांग तेज
मुख्यमंत्री के प्रस्तावित शाहनगर दौरे की खबर के साथ ही क्षेत्र में विकासखंड और महाविद्यालय की मांग एक बार फिर जोरों पर है। लोगों के बीच चर्चा का विषय बना है कि यदि मुख्यमंत्री रैपुरा का दौरा करते हैं तो उन्हें इस क्षेत्र के विकास की दिशा में ठोस कदम उठाने चाहिए।

Panna News: मुख्यमंत्री के प्रस्तावित शाहनगर दौरे की खबर के साथ ही क्षेत्र में विकासखंड और महाविद्यालय की मांग एक बार फिर जोरों पर है। लोगों के बीच चर्चा का विषय बना है कि यदि मुख्यमंत्री रैपुरा का दौरा करते हैं तो उन्हें इस क्षेत्र के विकास की दिशा में ठोस कदम उठाने चाहिए। रैपुरा और आसपास के गावों में लोग इन मुद्दों के लेकर चर्चा कर रहे है और मुखर भी हैं। रैपुरा तहसील में लगभग 110 गांव शामिल हैं जिनमें से कई गांव 40 से 50 किलोमीटर तक के घने जंगलों के भीतर बसे हुए हैं। अधिकांश आबादी आदिवासी समुदाय की है जो आजादी के इतने वर्षों बाद भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित है। क्षेत्र की भौगोलिक स्थिति ऐसी है कि कई लोगों को छोटे-मोटे कार्यों के लिए भी 80 से 100 किलोमीटर तक की दूरी तय कर शाहनगर या अन्य मुख्यालयों तक जाना पड़ता है।

विकासखंड बनने से खुलेगा प्रगति का रास्ता

स्थानीय लोगों का मानना है कि यदि रैपुरा को विकासखंड का दर्जा मिल जाता है तो यह पूरे क्षेत्र के लिए ऐतिहासिक फैसला होगा। यहां अनुविभागीय अधिकारी और जनपद पंचायत के कार्यालय खुलने से न केवल प्रशासनिक कार्यों में तेजी आएगी बल्कि ग्रामीणों को न्याय, सरकारी योजनाओं और विकास कार्यों तक सीधी पहुंच मिलेगी। वर्तमान में रैपुरा क्षेत्र की करीब 40 से अधिक ग्राम पंचायतें में अस्सी से अधिक गांव हैं जो जनपद स्तर के कार्यों के लिए दूरस्थ ब्लॉकों पर निर्भर हैं। विकासखंड बनने से इन ग्राम पंचायतों के सैकड़ों विकास कार्यों में तेजी आएगी और प्रशासनिक जटिलताएं कम होंगी।

शिक्षा व्यवस्था में होगा बड़ा सुधार

ब्लॉक बनने से शिक्षा के क्षेत्र में भी सकारात्मक बदलाव देखने को मिलेंगे। यहां विकासखंड शिक्षा अधिकारी और ब्लॉक स्त्रोत समन्वयक जैसे महत्वपूर्ण पदस्थापना से स्कूलों की निगरानी और व्यवस्था सुदृढ़ होगी। वर्तमान में कई स्कूल जर्जर भवनों में संचालित हो रहे हैं जिनकी छतें बरसात में टपकती हैं और छात्रों को असुविधा झेलनी पड़ती है।

महाविद्यालय खोले जाने मांग हुई तेज

विकासखंड के साथ-साथ महाविद्यालय की मांग भी लंबे समय से चली आ रही है। क्षेत्र के हजारों विद्यार्थी उच्च शिक्षा से वंचित हैं। आर्थिक रूप से कमजोर आदिवासी और ग्रामीण परिवारों के बच्चों के लिए बाहर जाकर पढ़ाई करना संभव नहीं है। खासतौर पर बेटियां उच्च शिक्षा के अवसरों से वंचित रह जाती हैं क्योंकि आसपास कोई महाविद्यालय नहीं है। लोगों का कहना है कि यदि मुख्यमंत्री इस दौरे में रैपुरा को महाविद्यालय की सौगात देते हैं तो यह पूरे क्षेत्र के युवाओं के भविष्य को नई दिशा देगा। मुख्यमंत्री के संभावित दौरे से लोगों में उम्मीदें बढ़ गई हैं। ग्रामीणों, सामाजिक संगठनों और जनप्रतिनिधियों का कहना है कि यदि रैपुरा को ब्लॉक और महाविद्यालय का दर्जा मिल जाता है तो यह क्षेत्र शिक्षा, रोजगार और प्रशासनिक दृष्टि से आत्मनिर्भर बन सकेगा।

Created On :   10 Nov 2025 12:19 PM IST

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