Panna News: न्यायालय ने कलेक्टर के आदेश पर लगाई रोक, श्रीकांत दीक्षित व आशा दीक्षित के अधिपत्य की जमीन को शासकीय घोषित करने का मामला

न्यायालय ने कलेक्टर के आदेश पर लगाई रोक, श्रीकांत दीक्षित व आशा दीक्षित के अधिपत्य की जमीन को शासकीय घोषित करने का मामला
  • न्यायालय ने कलेक्टर के आदेश पर लगाई रोक
  • श्रीकांत दीक्षित व आशा दीक्षित के अधिपत्य की जमीन को शासकीय घोषित करने का मामला

Panna News: जिला न्यायालय पन्ना में प्रथम व्यवहार सत्र न्यायाधीश वरिष्ठ खण्ड पन्ना श्रीमती रितिका मिश्रा पाठक ने अपने न्यायालय में कलेक्टर पन्ना द्वारा स्थानीय निवासी श्रीकांत दीक्षित एवं उनकी धर्मपत्नि श्रीमती आशा दीक्षित के अधिपत्य की जमीन को शासकीय घोषित करने के आदेश पर स्थगन आदेश जारी करते हुए रोक लगाए जाने का आदेश पारित किया गया है। प्रकरण की जानकारी के अनुसार शासन मध्य प्रदेश द्वारा कलेक्टर पन्ना के विरूद्ध पन्ना स्थित निजी भूमि खसरा क्रमांक २१०९/२/१ रकवा ०.५७३० हेक्टेयर, २१०९/२/३ रकवा ०.२५० हेक्टेयर जिसके स्वामी व कब्जेदार श्रीकांत दीक्षित व श्रीमती आशा दीक्षित है जिसके वैधानिक आधिपत्य में हस्तक्षेप करने से रोकने का आदेश जारी किया है। श्रीकान्त दीक्षित के अधिवक्ता रामलखन त्रिपाठी द्वारा बताया गया कि श्रीकान्त दीक्षित ने अपर कलेक्टर पन्ना के राजस्व प्रकरण क्रमांक-01/अ-21/2003-04 में पारित आदेश दिनांक ०९ फरवरी २००४ से विक्रय अन्तरण अनुमति मिलने के बाद श्रीकान्त दीक्षित द्वारा उक्त भूमि क्रय की गई थी, उस समय उक्त भूमि के आसपास शमसान भूमि थी, पथरीला क्षेत्र होने से खेती करना भी संभव नहीं था, कोई भी व्यक्ति वहां जानेे को तैयार नहीं था।

किन्तु अब बायपास रोड निकल जाने से राजनैतिक विरोधी व्यक्तियों ने इष्र्यावश कलेक्टर पन्ना से अवैधानिक कार्यवाही कराकर उक्त भूमि से श्रीकान्त दीक्षित को वेदखल कराने व उनकी प्रतिष्ठा को धूमिल करने का प्रयास किया जा रहा था। जबकि उक्त भूमि सन् 1962 से भूमिस्वामी स्वत्व में दर्ज रही है और पीढ़ी-दर-पीढ़ी अनेकों नामान्तरण उक्त आराजी के राजस्व अधिकारियों द्वारा किए गए तथा भूमिस्वामी स्वत्व की भूमि किसी भी आदिवासी से आदिवासी को विक्रय करने के लिए अन्तरण अनुमति प्राप्त करना आवश्यक नहीं होता। इसके अतिरिक्त सन् 2012 में राजनैतिक विरोध के कारण ही पूर्व सांसद एवं विधायक लोकेन्द्र सिंह ने शिकायत की थी, जिस पर कलेक्टर पन्ना ने तत्कालीन अपर कलेक्टर व एसडीएम से सम्पूर्ण जॉच कराने के बाद यह पाया था कि श्रीकान्त दीक्षित द्वारा क्रय की गई भूमि में कोई अवैधानिकता नहीं की गई है। न्यायालय ने कोर्ट में विचाराधीन मामले में स्थगन आवेदन का जवाब न देकर जवाब देने का समय लेकर अवकाश रविवार के दिन दिनांक १३ जुलाई २०२५ को तहसीलदार पन्ना एवं एसडीएम पन्ना द्वारा उक्त भूमि में शासकीय भूमि होने का बोर्ड लगाये जाने एवं उक्त भूमि में संचालित ढावे को 06 घण्टे के अन्दर ढाबा हटाने की धमकी देकर ढाबा बन्द कराकर उनके रोजगार व आय के साधन को रोकने के अपकृत्य को गंभीरता से लेते हुए आज शासन मध्य प्रदेश कलेक्टर के विरूद्ध उक्त आदेश जारी किया है।

Created On :   15 July 2025 6:29 PM IST

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