Panna News: मच्छरजनित बीमारियों से बचाव के संबंध में हुई कार्यशाला

मच्छरजनित बीमारियों से बचाव के संबंध में हुई कार्यशाला
  • राष्ट्रीय वैक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम अंतर्गत
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Panna News: राष्ट्रीय वैक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम अंतर्गत वर्तमान जून माह को मलेरिया निरोधक माह के रूप में मनाया जा रहा है। सोमवार को कलेक्टर सुरेश कुमार की अध्यक्षता में जिला स्तरीय अंतर विभागीय मलेरिया कार्यशाला का आयोजन कलेक्टे्रट सभाकक्ष में किया गया। इस अवसर पर उपस्थितजनों को मच्छरजनित विभिन्न बीमारियों डेंगू, मलेरिया, फायलेरिया इत्यादि से बचाव एवं रोकथाम के संबंध में आवश्यक जानकारी व उपाय बताए गए। साथ ही स्वास्थ्य विभाग द्वारा बीमारियों से बचाव के लिए विभिन्न जागरूकता गतिविधियों की जानकारी से भी अवगत कराया गया। जिला मलेरिया अधिकारी अरूणेन्द्र प्रताप सिंह ने कार्यशाला में विभिन्न विभागों से आवश्यक सहयोग व समन्यवय की अपेक्षा की। बताया गया कि बीमारी से बचाव के लिए व्यक्तिगत सुरक्षा के उपायों सहित मलेरिया मुक्त पन्ना के लिए सभी का सहयोग अपेक्षित है। विभाग स्तर पर चिन्हित स्थलों पर मच्छरों के लार्वा विनिष्टीकरण की कार्यवाही की जाएगी। आम नागरिकों को सलाह दी गई कि हैण्डपंप के आसपास पानी एकत्रित न होने दें।

पानी के बर्तन इत्यादि को ढंककर रखें। प्रति सप्ताह कूलरों का पानी खाली कर एवं सुखाकर उपयोग करने के साथ ही घर एवं अपने आसपास अनुपयोगी सामग्री में पानी जमा न होने दें। सोते समय मच्छरदानी का उपयोग जरूर करें। घर के आसपास गड्ढों को भरने के साथ पानी से भरे रहने वाले स्थानों पर टीमोफॉस, मिट्टी का तेल या जला इंजन आयल डालने जैसे उपाय किए जा सकते हैं। सप्ताह में एक बार टीन, डिब्बा, बाल्टी, गमला, फ्रिज की टेऊ इत्यादि का पानी खाली कर और अच्छी तरह सुखाकर दोबारा उपयोग में लाने की सलाह भी दी गई। कार्यशाला में बताया गया कि सर्दी व कंपन के साथ तेज बुखार, उल्टियां और सिर दर्द तथा पसीना आकर बुखार उतरना एवं इसके बाद थकावट व कमजोरी होना मलेरिया के लक्षण हैं। एनोफिलिस मच्छर के काटने से होने वाले मलेरिया रोग के उपचार हेतु तुरंत रक्त जांच करवाकर मलेरिया की पुष्टि होने पर पूरा उपचार लेना चाहिए। खून की जांच और उपचार की सुविधा सभी शासकीय अस्पताल में नि:शुल्क उपलब्ध है। इसी तरह एडीज मच्छर से होने वाले डेंगू के लक्षण अकस्मात तेज सिर दर्द व बुखार, मांसपेशियों और जोडों में दर्द होना, जी मचलाना एवं उल्टी होना तथा गंभीर मामलों में नाकए मुंह व मसूडों से खून आना अथवा त्वचा पर चकत्ते उभरना इत्यादि हैं। कार्यशाला में जिला पंचायत सीईओ उमराव सिंह मरावी सहित मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. आर.पी. तिवारी एवं सीएमओ शशिकपूर गढपाले भी उपस्थित रहे।

Created On :   17 Jun 2025 4:38 PM IST

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