Pune City News: चांदोली से सह्याद्री पहुंचाए गए 79 हिरण

चांदोली से सह्याद्री पहुंचाए गए 79 हिरण
  • सह्याद्री टाइगर रिजर्व और रेस्क्यू चैरिटेबल ट्रस्ट की बड़ी उपलब्धि
  • हाल ही में बाघिन को भी छोड़ा था
  • ये समझौता कारगर साबित हुआ

भास्कर न्यूज, पुणे। सह्याद्री टाइगर रिजर्व (एसटीआर) जल्द ही पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बनने वाला है। हाल ही में बाघों का कुनबा बढ़ाने के लिए जहां बाघिन को छोड़ा गया वहीं अब 79 हिरणों को भी चांदोली राष्ट्रीय उद्यान से यहां स्थानांतरित किया गया है। इस टाइगर रिजर्व में दो नर बाघ पहले से ही विचरण कर रहे हैं।

शनिवार रात को इन 79 हिरणों को एसटीआर में छोड़ा गया। इन हिरणों को वन विभाग की रेस्क्यू टीम ने कुछ वाहनों के जरिए यहां पहुंचाया। इस स्थानांतरण को लेकर टीम पिछले सात दिनों से तैयारी कर रही थी। बाघ परिवार बढ़ाने के लिए क्षेत्र में माहौल अच्छा है। चांदोली राष्ट्रीय उद्यान से गुरुवार को यहां बाघिन (एसटीआर-टी-04 को छोड़ा गया जो यहां के माहौल में ढल गई है। बाघिन गर्भधारण के बाद करीब सवा तीन महीने में एक से छह बच्चों को जन्म देती है। उधर, मादा हिरण 10 माह के गर्भधारण के बाद एक या दो बच्चों को जन्म देती है। अब हिरणों को यहां लाने के बाद उनपर भी नजर रखी जा रही है। बताया जा रहा है सह्यात्री के जंगल हिरणों के लिए काफी अच्छे साबित होंगे। अमूमन बसंत ऋतु में इनका परिवार बढ़ता है। जिस तरह से वन विभाग सह्यात्री टाइगर रिजर्व पर ध्यान दे रहा है उससे लगता है आने वाले समय में और भी जानवर यहां छोड़े जा सकते हैं।



ये समझौता कारगर साबित हुआ

हिरणों को स्थानांतरित करने का सह्याद्री टाइगर रिजर्व (एसटीआर) और रेस्क्यू चैरिटेबल ट्रस्ट (रेस्क्यू) के बीच हुई नई वैज्ञानिक साझेदारी का पहला संयुक्त वन्यजीव अभियान था जो सफल साबित हुआ है। सह्याद्री टाइगर रिजर्व के क्षेत्र संचालक तुषार चव्हाण (आईएफएस) ने कहा कि सह्याद्री की जैव विविधता को सुरक्षित रखने के लिए वैज्ञानिक योजनाओं, प्रशिक्षित तकनीकी टीमों और पेशेवर पशु चिकित्सा सेवाओं का मजबूत होना बेहद जरूरी है। यह साझेदारी हमारे फील्ड ऑपरेशंस, हस्तक्षेपों की गुणवत्ता और संरक्षण मानकों को काफी बेहतर बनाएगी।

रेस्क्यू चैरिटेबल ट्रस्ट की संस्थापक और अध्यक्ष नेहा पंचमिया ने कहा कि सह्याद्री लैंडस्केप महाराष्ट्र की समृद्ध प्राकृतिक धरोहर है। इसके संरक्षण में पेशेवर, वैज्ञानिक और वेलफेयर-आधारित सहयोग देना हमारे मिशन का मुख्य हिस्सा है। इस साझेदारी से फील्ड कार्य और पशु चिकित्सा सेवाओं की गुणवत्ता और अधिक सुदृढ़ होगी। हमें विश्वास है कि यह संयुक्त प्रयास प्रजातियों और उनके अधिवास दोनों के लिए बेहतर संरक्षण परिणाम देगा।

Created On :   24 Nov 2025 5:15 PM IST

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