Pune City News: अतिवृष्टि के बाद अब रासायनिक खादों की कीमतें बनीं नया संकट

अतिवृष्टि के बाद अब रासायनिक खादों की कीमतें बनीं नया संकट
  • प्रति बैग 200 से 300 रुपए तक हुई वृद्धि
  • लिंकिंग और यूरिया की कमी
  • उत्पादन लागत बढ़ी, बाजार भाव घटा

भास्कर न्यूज, बारामती। पहले से ही अतिवृष्टि और बाजार मूल्य में अनिश्चितता से जूझ रहे किसानों के सामने अब रासायनिक खादों की भारी कीमतों ने एक नया संकट खड़ा कर दिया है। खादों की प्रति बैग कीमत में 200 से 300 रुपए तक की वृद्धि हुई है। विभिन्न मिश्रित खादों के दाम तो आसमान छू रहे हैं, और साथ ही लिंकिंग (अनिवार्य खरीद) भी शुरू है।

लेकिन, दूसरी ओर कृषि उत्पादों के दाम अभी भी उस हिसाब से नहीं बढ़े हैं। इसलिए पुणे जिले में रासायनिक खादों की कीमतों में भारी वृद्धि ने किसानों के सामने एक नई चुनौती पेश कर दी है। प्याज, आलू, सोयाबीन और अन्य सब्जियों जैसी प्रमुख फसलों को बाजार में उचित मूल्य नहीं मिल रहा है, जिससे किसानों के लिए इस मौसम का हिसाब-किताब बिठाना मुश्किल हो गया है।

अब रबी का मौसम सामने है। किसान गेहूं, चना और प्याज जैसी फसलों को लगाने की जल्दबाजी में है। इन फसलों को खाद की सख्त जरूरत है, लेकिन सरकार ने ठीक समय पर प्रति बोरी 200 से 300 तक की वृद्धि कर दी है।

लिंकिंग और यूरिया की कमी

जानकारी मिली है कि आने वाले समय में खादों के दामों में और भी वृद्धि हो सकती है। कृषि विक्रेताओं को विभिन्न कंपनियों द्वारा खादों के साथ वॉटर सॉल्युबल खाद और माइक्रोन्यूट्रिएंट्स जैसे उत्पादों की लिंकिंग करने के लिए मजबूर किया जाता है। किसानों द्वारा इन लिंक्ड उत्पादों को नहीं खरीदने के कारण, दुकानदार इन्हें अन्य खादों के साथ किसानों के मत्थे मढ़ देते हैं। यूरिया खाद को 266 रुपए से अधिक कीमत पर न बेचने के निर्देश हैं। लेकिन दुकानदारों ने प्रतिक्रिया दी है कि यूरिया परिवहन के लिए भाड़ा नहीं मिलने के कारण उन्हें मजबूरी में प्रत्येक बोरी पर 10 से 20 अधिक दर पर बेचना पड़ रहा है। लेकिन यूरिया की अधिक कीमत पर बिक्री होने पर किसान भी विरोध करते हैं। लिंकिंग के कारण दुकानदारों ने सीमित खादों की ही खरीद की है। इसलिए रासायनिक खादों की दुकानों में यूरिया की उपलब्धता काफी कम दिख रही है, जबकि यूरिया के बजाय अन्य खादों की मात्रा अधिक दिखाई देती है। रासायनिक खाद अब किसानों की पहुंच से बाहर का विषय हो गई हैं, जिससे यह सवाल खड़ा हो गया है कि फसल को ये खादें कैसे दी जाएं।

उत्पादन लागत बढ़ी, बाजार भाव घटा

किसानों ने बताया कि उत्पादन लागत में वृद्धि हो रही है, लेकिन कृषि उत्पादों के बाजार भाव में गिरावट आ रही है। सोयाबीन का प्रति एकड़ उत्पादन केवल 50 से 100 किलोग्राम हो रहा है, और उसमें भी 3,000 से 3,500 रुपए प्रति क्विंटल का भाव मिल रहा है। इस कारण कई किसानों ने तो सोयाबीन की कटाई तक नहीं की है।

खाद दर वृद्धि का झटका

1 नवंबर 2025 से रासायनिक खादों की नई दरें इस प्रकार हैं:

• 10-26-26: 1,925 रुपए से बढ़कर 2,025

• 12-32-16: 1,900 रुपए बढ़कर 2,025

• 19-19-19: 1,950 रुपए से बढ़कर 2,075

• 14-35-14: 1,800 रुपए से बढ़कर 2,175

Created On :   24 Nov 2025 6:14 PM IST

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