Pune City News: 66 करोड़ रुपए का विवादित कचरा प्रसंस्करण प्रोजेक्ट आखिरकार रद्द

66 करोड़ रुपए का विवादित कचरा प्रसंस्करण प्रोजेक्ट आखिरकार रद्द
  • पूर्व मनपा आयुक्त ने रिटायरमेंट के दो दिनों पहले आनन-फानन में दी थी मंजूरी
  • रात तक कर्मियों ने रुककर की थी प्रक्रिया
  • रामटेकरी में स्थापित होना था प्लांट

भास्कर न्यूज, पुणे। शहर में पुराने गद्दे, तकिए, कपड़े और विभिन्न प्रकार के फर्नीचर जैसे कचरे के निपटान के 66 करोड़ रुपए की लागत वाली कचरा प्रसंस्करण परियोजना को मनपा आयुक्त नवलकिशोर राम ने रद्द कर दिया है। प्रोजेक्ट की लागत 66 करोड़ रुपए से ज्यादा आंकी गई थी। करीब प्रोजेक्ट को मनपा के पूर्व आयुक्त राजेंद्र भोसले ने रिटायरमेंट के दो दिनों पहले आनन-फानन में स्थायी समिति में मंजूरी दे दी थी। परियोजना के लिए जगह तय नहीं होने और टेंडर प्रक्रिया में प्रतिस्पर्धा न के बावजूद प्रोजेक्ट मंजूर होने पर तब भी सवाल उठाए गए थे।

शहर में पुराने गद्दे, तकिए, पुराने कपड़े और विभिन्न प्रकार के फर्नीचर जैसे कचरे के निपटान में महापालिका को कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। इस कचरे के निपटान के लिए मनपा के पास कोई व्यवस्था नहीं है। आम तौर पर नागरिकों द्वारा पुराने गद्दे, तकिए और पुराने क्षतिग्रस्त कपड़े को निर्जन क्षेत्र और खुले मैदानों में फेंका जाता है। इस तरह का लगभग 100 टन कचरा प्रतिदिन शहर के विभिन्न भागों में फेंका जाता है। इसलिए मनपा प्रशासन ने उक्त कचरे के प्रसंस्करण के लिए 75 टन क्षमता का नया प्लांट लगाने का निर्णय लिया था। इसमें ठेकेदार को 15 साल तक प्लांट चलाने की जिम्मेदारी दी जाने वाली थी। इस पर करीब 66 करोड़ 8 लाख 53 हजार रुपए खर्च होना थे।

रात तक कर्मियों ने रुककर की थी प्रक्रिया

डॉ. भोसले 31 मई-25 को रिटायर हुए थे, जबकि प्रस्ताव 29 मई-25 ताबड़तोड़ पास किया गया था। प्रस्ताव को दाखिल करने के लिए आयुक्त कार्यालय और मनपा सचिव कार्यालय के कर्मचारी रात तक मनपा में रुके हुए थे। प्रस्ताव के तहत प्रोजेक्ट पुणे की ग्रीन अर्थ सॉल्यूशन एलएलपी को चलाने के लिए दी जाने वाली थी। उन्हें परियोजना स्थापित करने के लिए पहले 13 करोड़ 3 लाख 75 हजार रुपए दिए जाने थे। फिर 15 साल में कुल 66 करोड़ 8 लाख 53 हजार 444 रुपए दिए जाना थे। कंपनी को ही शहर की सड़कों के आसपास पड़े गद्दे, फर्नीचर, सोफा और कपड़े इकट्ठा कर उनका परिवहन और प्रसंस्करण करना था और इसके बदले मनपा द्वारा उसे 690 रुपए प्रति टन के हिसाब से राशि दी जाना थी।

रामटेकरी में स्थापित होना था प्लांट

प्रोजेक्ट के लिए ठोस अपशिष्ट विभाग ने बाणेर के सुस रोड पर जगह का चयन किया था, लेकिन विरोध की संभावना को देखते हुए प्रशासन ने बाद में प्लांट के लिए रामटेकरी में एक एकड़ जमीन का चयन किया था। मनपा आयुक्त राम की अध्यक्षता में इससे पहले भी हुई मुख्य सभाओं में इस प्रस्ताव पर कोई निर्णय नहीं लिया गया था और अंतत: उसे रद्द कर दिया गया है।

Created On :   24 Nov 2025 3:05 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story