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Pune City News: 15 मासूम बच्चों को कमरे में बंद कर मीटिंग में गईं आंगनवाड़ी सेविका व सहायिका

- हिंजवड़ी आईटी पार्क में लापरवाही का मामला
- अभिभावकों ने जताया विरोध, कार्रवाई की मांग
भास्कर न्यूज, पुणे। हिंजवड़ी के आईटी पार्क स्थित आंगनवाड़ी संख्या-3 में बुधवार, 26 नवंबर को बच्चों की सुरक्षा को लेकर गंभीर लापरवाही सामने आई। यहां 15 मासूम बच्चों को कमरे में बंद कर आंगनवाड़ी सेविका सविता शिंदे और सहायिका शिल्पा साखरे ग्राम पंचायत कार्यालय में मीटिंग के लिए चली गईं। दोनों ने दरवाजे को बाहर से लॉक कर दिया, जिसके कारण कमरे में बंद बच्चे घबरा गए और रोने लगे। यह दृश्य देख आसपास के अभिभावकों में हड़कंप मच गया।
अभिभावकों ने जताया विरोध, कार्रवाई की मांग
घटना को बढ़ता देख जिला परिषद प्रशासन सक्रिय हुआ और विस्तार अधिकारी सुनील शेट्टे तथा आंगनवाड़ी पर्यवेक्षिका संध्या विश्वासराव को मौके पर भेजा गया। प्रारंभिक जांच में सेविका और सहायिका के खिलाफ लापरवाही की पुष्टि के बाद उन्हें मंगलवार तक उपस्थित होने पर रोक लगा दी गई है। फिलहाल पास की आंगनवाड़ी की सेविकाएं बच्चों की देखभाल कर रही हैं।
100 मीटर दूरी पर थी मीटिंग
म्हतोबा पहाड़ी के पास स्थित इस आंगनवाड़ी में कुल 15 विद्यार्थी हैं। पूर्व सरपंच शिवनाथ जांभुलकर द्वारा बुलाए गए छह आंगनवाड़ी केंद्रों की बैठक के लिए सेविकाओं को ग्राम पंचायत कार्यालय में बुलाया गया था। पर्यवेक्षिका ने केवल सेविकाओं को बैठक में जाने का निर्देश दिया था, जबकि सहायिकाओं को केंद्र पर रहने को कहा गया था। इसके बावजूद सेविका और सहायिका दोनों ही एक साथ बाहर चली गईं।
सहायिका ने जाते समय सेफ्टी दरवाजे पर ताला लगा दिया और वहां मौजूद तीन अभिभावकों से बच्चों पर नजर रखने को कहा। परंतु बंद कमरे में डर से बच्चे जोर-जोर से रोने लगे। ताला होने के कारण अभिभावक भी असहाय रहे। अभिभावक उषा गांगुर्डे द्वारा प्रकल्प अधिकारी धनराज गिराम को सूचना दिए जाने के बाद दोनों वापस आईं और बच्चों को बाहर निकाला गया।
मैं बच्चे को लेने पहुंची तो सेविका-सहायिका वहां नहीं थीं। कमरा बंद था और बच्चे रो रहे थे। शिकायत करने पर उन्होंने बदतमीजी भी की। इनके खिलाफ कठोर कार्रवाई होनी चाहिए।
- उज्जवला जोगदंड, अभिभावक
हिंजवड़ी की आंगनवाड़ी घटना पर प्रारंभिक जांच जारी है। दोषी पाए जाने पर संबंधित पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा।
- आनंद खंडागले, महिला व बाल विकास विभाग, जिला परिषद
इस घटना ने आंगनवाड़ी केंद्रों में बच्चों की सुरक्षा व्यवस्था और कर्मचारियों की जिम्मेदारी पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। अभिभावकों व अधिकारियों की ओर से सुरक्षा मानकों को और सख्त करने की मांग उठ रही है।
Created On :   27 Nov 2025 8:31 PM IST












