आक्रोश: 1 सरकारी कर्मचारी के वेतन में निजी कंपनी के 3 कर्मचारी करते हैं काम

1 सरकारी कर्मचारी के वेतन में निजी कंपनी के 3 कर्मचारी करते हैं काम
उपमुख्यमंत्री अजित पवार के बयान पर विधायक रोहित पवार ने जताई नाराजगी

डिजिटल डेस्क, पुणे। आउटसोर्सिंग के माध्यम से जनशक्ति की भर्ती के लिए सरकार का निर्णय हाल ही में जारी किया गया। इस संबंध में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे अभ्यर्थी कड़ी नाराजगी व्यक्त कर रहे हैं। इसके अलावा हालिया उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने बयान दिया कि 'एक सरकारी कर्मचारी के वेतन पर तीन अनुबंध कर्मचारी काम कर सकते हैं।' इस पृष्ठभूमि में उनके भतीजे एवं विधायक रोहित पवार ने सरकार की जमकर आलोचना की। सोशल मीडिया एक्स पर एक पोस्ट में, रोहित पवार ने कहा कि वह एक वरिष्ठ नेता के बयान को सुनने के बाद भूमिका में बदलाव देखकर आश्चर्यचकित थे कि तीन अनुबंध कर्मचारी एक सरकारी कर्मचारी के वेतन पर काम करेंगे। इस नजरिए से सोचें तो एक विधायक, सांसद पर करोड़ों रुपये का सरकारी खर्च हजारों कर्मचारियों के लिए होगा।

उन्होंने कहा, बागी विधायकों की सुरक्षा के लिए 150 करोड़, 'सरकार आपके द्वार' की प्रत्येक सभा के लिए 8-10 करोड़, इसके विज्ञापन के लिए 52 करोड़ और पिछले साल सरकार द्वारा किए गए कार्यों के विज्ञापन के लिए सैकड़ों करोड़ खर्च करते वक्त सरकार कभी नहीं सोचती है यह मितव्ययी होना चाहिए। सरकार के खर्च की फिजूलखर्ची सरकार के लिए चलती है। फिर सरकार कर्मचारियों की भर्ती के लिए इतना सोच-विचार क्यों करती है? उन्होंने यह सवाल उठाया। सरकार सामान्य परिवारों के छात्रों से परीक्षा शुल्क के माध्यम से हजारों करोड़ रुपये वसूलने के बावजूद पारदर्शी परीक्षा आयोजित नहीं कर पा रही है, वह आज निजी कंपनियों को लाभ पहुंचाने के लिए अनुबंध भर्ती के लिए जीआर जारी कर रही है। जैसे केंद्र सरकार संविदा भर्ती का गुणगान कर रही है। विधायक रोहित पवार ने सरकार की नीति पर हमला करते हुए कहा कि अगर सरकार अनुबंध पर भर्ती के लिए इतनी उत्सुक है, तो राज्य सरकार को अनुबंध के आधार पर कंपनी चलाने दें।

Created On :   12 Sept 2023 7:08 PM IST

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