Pune City News: शंकर महाराज बनकर छह साल में दंपती से 14 करोड़ की धोखाधड़ी

शंकर महाराज बनकर छह साल में दंपती से 14 करोड़ की धोखाधड़ी
कहा- तुम्हारी बेटियां तभी ठीक होंगी, जब तुम सारी संपत्ति मुझे अर्पित करोगे

भास्कर न्यूज, पुणे। कोथरूड स्थित वुडलैंड सोसाइटी में रहने वाले दीपक पुंडलिक डोलस और उनकी पत्नी से एक महिला और उसके साथियों ने 14 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी कर ली। ठगने वालों में एक महिला और उसके कुछ साथी शामिल हैं। दो बीमार बेटियों को ठीक करने का भरोसा देकर शंकर महाराज (बाबा) के रूप में ठगों ने दंपती से कहा कि तुम्हारी बेटियां तभी ठीक होंगी, जब तुम सारी संपत्ति मुझे अर्पित करोगे। आखिरकार विश्वास में आकर दंपती ने यही किया और धोखाधड़ी का शिकार होते गए।

निजी कंपनी में काम करने वाले पीड़ित पति-पत्नी ने इस बारे में पुलिस आयुक्त कार्यालय में शिकायत की है। उन्होंने पुलिस आयुक्त अमितेश कुमार को बताया है कि ठगों ने दंपती को कहा था कि शंकर महाराज उक्त महिला के शरीर में आते हैं। धीरे-धीरे महिला और उसके साथियों ने उनकी पूरी संपत्ति हड़प ली। उनकी एक बेटी मानसिक रूप से अस्वस्थ है और दूसरी “अलोपेशिया” बीमारी से जूझ रही है। इलाज से जब बेटियों को फायदा नहीं हुआ, तो दंपती धार्मिक कार्यक्रमों में जाने लगे।

वे मांगते रहे, ये देते रहे…

2018 में उनकी पहचान दीपक जनार्दन खड़के नामक व्यक्ति से हुई। खड़के ने उन्हें परिचित वेदिका कुणाल पंढरपुरकर और उनके पति कुणाल पंढरपुरकर से मिलवाया। जोड़े ने दावा किया कि “वेदिका शंकर महाराज की पुत्री हैं, उनके शरीर में स्वयं शंकर बाबा आते हैं और वे आपकी बेटियों का इलाज करेंगे। वेदिका ने शंकर बाबा की तरह एक्टिंग करते हुए कहा कि तुम्हारी बेटियां तभी ठीक होंगी, जब तुम सारी संपत्ति मेरे चरणों में अर्पित करोगे। इसी विश्वास में दंपती ने बैंक खातों की राशि, सोने के आभूषण, एफडी और पीएफ तक उनके खातों में जमा करा दिए।

घर और खेत बेच दो…

इतना ही नहीं, वेदिका ने कहा कि तुम्हारे घर में दोष है। घर और खेत बेच दो, नहीं तो अनिष्ट होगा। डर और आस्था में डूबे दंपती ने पुणे और विदेश में स्थित संपत्तियां बेच दीं और करीब 14 करोड़ रुपए की रकम वेदिका और कुणाल के बैंक खातों में ट्रांसफर कर दी। पीड़ित दंपती ने शिकायत में बताया कि वेदिका कई बार शंकर बाबा के रूप में एक्टिंग करती थी। वह नारियल, सुपारी और पत्थर जैसी वस्तुएं पूजा सामग्री बताकर घर में रखने को कहती थी। धीरे-धीरे उसने दंपती को इतना भ्रमित कर दिया कि उन्होंने रिश्तेदारों के नाम पर लोन लेकर भी उसे पैसे दे दिए।

2019 से 2024 तक चलता रहा ऐसा

यह सब 2019 से 2024 तक चलता रहा। जब परिवार की सारी संपत्ति और बचत खत्म हो गई, तब उन्हें अहसास हुआ कि वे बड़े जाल में फंस चुके हैं। पीड़ित दीपक डोलस ने शिकायत में कहा है कि वेदिका, कुणाल पंढरपुरकर और दीपक खड़के ने मिलकर यह ठगी की। शिकायत के बाद मामला गंभीरता से लिया गया है। आर्थिक अपराध शाखा द्वारा प्राथमिक जांच शुरू कर दी गई है।

Created On :   6 Nov 2025 3:25 PM IST

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