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Pune City News: मिल को 36 करोड़ हस्तांतरण पर विवाद

भास्कर न्यूज, लोणी कालभोर। पुणे कृषि उपज बाजार समिति के निदेशक मंडल द्वारा थेऊर स्थित यशवंत सहकारी चीनी मिल से संबंधित जमीन के सौदे में मनमानी करते हुए प्रस्ताव पारित करने का चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यह आरोप लगाया गया है कि निदेशक मंडल की बैठक में चर्चा किए बिना ही करार को मंज़ूरी दे दी गई, और लगभग 36 करोड़ रुपए अवैध रूप से हस्तांतरित किए गए। तीन निदेशकों ने इस बात का खुलासा किया है।
इस घटना के कारण बाजार समिति के सभापति और सचिव का मनमाना कामकाज चर्चा में आ गया है। समिति में यह बहस छिड़ गई है कि निदेशक मंडल को अंधेरे में रखकर वित्तीय लेनदेन किए जा रहे हैं।
अक्टूबर को हुई निदेशक मंडल की बैठक में सचिव ने यह उल्लेख करते हुए प्रस्ताव पारित कर दिया कि यशवंत मिल के करार को मंज़ूरी मिल गई है। लेकिन, पूर्व सभापति दिलीप कालभोर, वरिष्ठ निदेशक रोहिदास उंद्रे और प्रशांत कालभोर ने बताया कि प्रस्ताव कभी भी मंडल के सामने पेश ही नहीं किया गया था।
36 करोड़ का अवैध हस्तांतरण
निदेशकों ने पहले ही लिखित पत्र द्वारा स्पष्ट निर्देश दिए थे कि मिल के साथ कोई भी लेनदेन करते समय सभी कानूनी औपचारिकताओं को पूरा किया जाए। इन निर्देशों को पूरी तरह से नजरअंदाज़ करते हुए, सभापति पर मनमाने ढंग से राशि हस्तांतरित करने का आरोप है। बाजार समिति ने पंजीकृत करार के बिना, केवल एक नोटरीकृत दस्तावेज के आधार पर कारखाने को 36.50 करोड़ रुपए हस्तांतरित कर दिए। किसी भी बैठक में मंज़ूरी लिए बिना यह लेनदेन करने से इसकी कानूनी वैधता पर सवाल खड़ा हो गया है।
बाजार समिति के सचिव ने भी साधी चुप्पी
इस मामले के बारे में पूछे जाने पर, बाजार समिति के सचिव डॉ. राजाराम धोंडकर ने केवल इतना कहा कि "करार का मसौदा निदेशक मंडल के सामने रखा गया था" और आगे कुछ भी कहने से बचते रहे। उनकी इस सावधानी भरी प्रतिक्रिया से यह माना जा रहा है कि इस विवादास्पद लेनदेन में गड़बड़ी की पुष्टि होती है।
पहले भी इसी तरह केंजले जमीन का सौदा फंसा हुआ है। इसलिए हमने लिखित पत्र द्वारा सूचित किया था कि सभी कानूनी औपचारिकताओं को पूरा करने के बाद ही अगली राशि का भुगतान किया जाए और निदेशक मंडल की मंज़ूरी ली जाए।
- दिलीप कालभोर, पूर्व सभापति
बैठक में करार पर चर्चा की गई थी। इस विषय पर मुझे सर्वाधिकार दिए गए थे। प्रस्ताव पढ़कर स्थायी करते समय बैठक में यह विषय हुआ है। जिनको विरोध करना है, वे अपना विरोध दर्ज करा सकते हैं।
- प्रकाश जगताप, सभापति, बाज़ार समिति, पुणे
निदेशक मंडल की बैठक में करार का प्रस्ताव आया ही नहीं और न ही इस पर कोई चर्चा हुई। आज तक निदेशकों को करार की प्रति भी नहीं दी गई। निदेशक मंडल की राय लिए बिना ही चीनी मिल को 36 करोड़ सीधे हस्तांतरित कर दिए गए।
- रोहिदास उंद्रे, निदेशक, बाज़ार समिति, पुणे
Created On :   6 Nov 2025 5:15 PM IST












