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Pune City News: हाउसिंग सोसाइटी के एसटीपी की भी हो सकेगी मॉनीटरिंग

भास्कर न्यूज, पुणे। महापालिका के सभी एसटीपी (सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट) और हाउसिंग सोसाइटियों के एसटीपी अब मध्यवर्ती स्काडा सेंटर से जोड़े जाएंगे। इस संबंध में सॉफ्टवेयर आदि के खर्च को इस्टिमेट कमेटी ने मंजूरी दे दी है। इसके लिए करीब छह करोड़ रुपए का खर्च अपेक्षित है। स्काडा सेंटर से जुड़ने के बाद मनपा को यह पता चल सकेगा कि कौनसा एसटीपी चालू है और कौनसा बंद है। इससे निजी हाउसिंग सोसाइटी के एसटीपी की मॉनीटरिंग का जटिल काम आसान हो सकेगा।
शहर में बनने वाले सीवेज और दूषित पानी पर प्रक्रिया करने के लिए फिलहाल जायका परियोजना के तहत विभिन्न एसटीपी का काम चल रहा है। साथ ही नगर सीमा में शामिल किए गए गांवों में भी नए एसटीपी स्थापित किए जाना हैं। नए-पुराने एसटीपी में स्काडा प्रणाली स्थापित की जाएगी। वर्तमान में यह प्रणाली कुछ प्लांट में उपलब्ध है। सभी प्लांट में स्काडा प्रणाली में जमा होने वाली जानकारी स्काडा सेंटर में संग्रहित की जाएगी। इससे सभी एसटीपी की जानकारी एक ही जगह उपलब्ध होगी और इस आधार पर नियंत्रण और निर्देश देना संभव हो पाएगा।
मनपा के सभी एसटीपी के साथ शहर की बड़ी हाउसिंग सोसाइटियों में एसटीपी हैं। उनकी संख्या लगभग 500 से 600 हो सकती है। हाउसिंग सोसाइटी के निजी एसटीपी भी मध्यवर्ती स्काडा सेंटर से जोड़े जाएंगे। इस संबंध में मनपा अतिरिक्त आयुक्त पृथ्वीराज बी.पी. बैठक लेने वाले हैं। इससे प्रशासन को तुरंत पता चल जाएगा कि हाउसिंग सोसाइटी के एसटीपी चालू हैं या नहीं।
अतिरिक्त आयुक्त ने बताया कि इस संबंध में खर्च का प्रस्ताव इस्टिमेट कमेटी के सामने रखा गया था, जिसे मंजूरी मिल गई है। स्काडा प्रणाली के लिए आवश्यक सॉफ्टवेयर, सेंसर आदि खरीदने, साथ ही पांच साल के रखरखाव और मरम्मत के खर्च को मिलाकर करीब छह करोड़ रुपए का खर्च अपेक्षित है।
Created On :   27 Nov 2025 1:23 PM IST












