Pune News: अमेरिकी नागरिकों को ठगने वाले 2 फर्जी कॉल सेंटरों पर छापा, 23 आरोपी गिरफ्तार

अमेरिकी नागरिकों को ठगने वाले 2 फर्जी कॉल सेंटरों पर छापा, 23 आरोपी गिरफ्तार
  • पिंपरी चिंचवड़ साइबर पुलिस और क्राइम ब्रांच की बड़ी कार्रवाई
  • 20 हार्ड डिस्क और 3 लैपटॉप जब्त

भास्कर न्यूज, पुणे। अमेरिकी नागरिकों को ठगने के लिए पिंपरी–चिंचवड़ पुलिस आयुक्तालय क्षेत्र के हिंजवड़ी आईटी पार्क परिसर में चलाए जा रहे दो फर्जी कॉल सेंटरों का पर्दाफाश हुआ है। साइबर पुलिस स्टेशन और क्राइम ब्रांच यूनिट–2 ने संयुक्त रूप से बड़ी कार्रवाई की। इस छापेमारी में कुल 23 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया, जबकि कई इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, हार्ड डिस्क और लैपटॉप जब्त किए गए हैं। यह कार्रवाई खुद पुलिस आयुक्त विनयकुमार चौबे को प्राप्त गुप्त जानकारी के आधार पर की गई।

पहला छापा : मेडिकल कम्पेन्सेशन के नाम पर ठगी

साइबर पुलिस थाने के निरीक्षक रवि किरण नाले और उनकी टीम ने हिंजवड़ी फेज–2 में स्काई हाई सोल्यूशन नामक कॉल सेंटर पर छापा मारा। यहां कर्मचारी हेडफोन लगाकर कंप्यूटर और लैपटॉप पर “टेलीसीएमआई”, “डायलर” और “फाउंड” सॉफ्टवेयर का उपयोग करते हुए अमेरिकी नागरिकों से अंग्रेजी में बात कर रहे थे। कर्मचारी खुद को अमेरिकी मेडिकल हेल्थ डिपार्टमेंट का अधिकारी बताकर पूछते थे कि, क्या उन्होंने राउंडअप, पेस्टीसाइड, जेनटैक दवा, या टेलकम पाउडर का उपयोग किया है? इसके बाद यह डराया जाता था कि इन चीजों से कैंसर, नॉन-हॉजकिन लिम्फोमा या रक्त कैंसर होने की संभावना है।

- इस तरह से डराकर करते थे धोखाधड़ी

फिर पीड़ितों से मेडिकल रिकॉर्ड और निजी जानकारी जुटाकर उन्हें बताया जाता कि वे इन कंपनियों के खिलाफ कोर्ट में जाकर भारी मुआवजा प्राप्त कर सकते हैं। यह जानकारी अमेरिकी लॉ फर्म को भेजी जाती थी और बदले में डॉलर में कमीशन मिलता था। इसके अलावा, कम्युनिटी चॉइस फाइनांशियल कंपनी के नाम पर लोन दिलाने का लालच देकर नागरिकों से बैंक डिटेल्स, यूजर आईडी, पासवर्ड आदि लेकर ठगी की जा रही थी। इस कार्रवाई में मालिक सागर कुमार यादव, मैनेजर आनंद पंकज सिन्हा तथा 7 कर्मचारी गिरफ्तार किए गए। मौके से 9 कंप्यूटर, 2 लैपटॉप और ठगी की स्क्रिप्ट जब्त की गई।

दूसरा छापा : लॉ फर्म कमीशन के नाम पर ठगी का भंडाफोड़

क्राइम ब्रांच यूनिट–2 के निरीक्षक अरविंद पवार और उनकी टीम ने उसी इमारत में टेक लॉ सोल्यूशन कॉल सेंटर पर छापा मारा। यहां बेल टॉक ऐप के जरिए फर्जी नाम (सूडोनेम) का उपयोग कर अमेरिकी नागरिकों से संपर्क साधा जा रहा था। यहाँ के कर्मचारी अमेरिकी मेडिकल उत्पादों जैसे राउंड अप, पैराक्वाट पेस्टीसाइड, टैल्कम पाउडर, रोबॉक्स, सोलर पैनल के उपयोग के बारे में पूछताछ करते थे और यदि किसी नागरिक को साइड इफेक्ट हुआ हो तो उसके प्रमाण मांगे जाते थे। यह जानकारी भी अमेरिकी लॉ फर्म को भेजी जाती थी और कमीशन कमाया जा रहा था। यहां से मालिक धनंजय कासार, मैनेजर हर्षद खामकर और 11 कर्मचारी गिरफ्तार किए गए।

- 20 हार्ड डिस्क और 3 लैपटॉप जब्त

दोनों कॉल सेंटरों पर की छापेमारी में मौके से कुल 20 हार्ड डिस्क, 3 लैपटॉप, टेक्निकल स्क्रिप्ट और सॉफ्टवेयर, कॉल डेटा पुलिस ने कब्जे में लिया है। सभी 23 आरोपियों को न्यायालय में पेश किया गया, जहां से उन्हें 18 नवंबर तक पुलिस हिरासत में भेजा गया है। इस संयुक्त अभियान में क्राइम ब्रांच यूनिट 2 के पुलिस निरीक्षक अरविंद पवार और उनकी टीम और साइबर थाने के पुलिस निरीक्षक रवि किरण नाले, सहायक निरीक्षक प्रवीण स्वामी, उपनिरीक्षक रोहित डोलस और उनकी टीम ने हिस्सा लिया। अदालत में सरकार की तरफ से सरकारी अभियोक्ता सुरज मोहिते ने पैरवी की। यह कार्रवाई पिंपरी–चिंचवड़ पुलिस द्वारा साइबर ठगी के खिलाफ की गई सबसे बड़ी और सफल ऑपरेशनों में से एक मानी जा रही है।

Created On :   15 Nov 2025 2:53 PM IST

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