Pune News: एक करोड़ से कम के टेंडरों का ‘जुगाड़’; सालभर में 798 टेंडर जारी

एक करोड़ से कम के टेंडरों का ‘जुगाड़’; सालभर में 798 टेंडर जारी
  • 262 करोड़ की टेंडर प्रक्रिया पर गंभीर सवाल
  • आयुक्तों पर मनमानी से पैकेज बनाकर काम जारी रखने का आरोप
  • पांच करोड़ की खेल सामग्री पर भी जारी हुए पांच टेंडर

भास्कर न्यूज, पिंपरी-चिंचवड़। प्रशासनिक राज पिंपरी-चिंचवड़ मनपा में मनमानी का एक और मामला सामने आया है। एक करोड़ से अधिक की सभी विकासकार्य प्रस्तावों के लिए आयुक्त तथा प्रशासक की मंजूरी अनिवार्य होती है। हालांकि एक करोड़ रुपए से कम के कार्य अतिरिक्त आयुक्तों के अधिकार क्षेत्र में आते हैं। इसी ‘नियम’ का फायदा उठाकर बीते एक वर्ष में विभिन्न विभागों ने करोड़ों रुपए के अनावश्यक कामों के टेंडर जारी किए गए हैं। आंकड़ों की मानें तो सालभर में ऐसे कुल 798 टेंडर जारी किए गए, जिनकी कीमत 262 करोड़ 15 लाख रुपए से अधिक है। अब ये टेंडर प्रक्रिया विवादों के घेरे में आती नजर आ रही है। वर्तमान में पिंपरी चिंचवड़ मनपा में तीन अतिरिक्त आयुक्त हैं, जिनके पास अलग-अलग विभागों की जिम्मेदारी है।

- पांच करोड़ की खेल सामग्री पर भी जारी हुए पांच टेंडर

अतिरिक्त आयुक्त प्रदीप जांभले-पाटिल का कार्यकाल समाप्त होने के बावजूद ‘चुनाव कार्य’ के नाम पर उन्हें पद पर बनाए रखा गया है। उनके पास पार्क डेवलपमेंट, जल विभाग, विद्युत, स्थापत्य जैसे महत्वपूर्ण विभागों की जवाबदारी है। आरोप यह है कि इन विभागों की बड़ी परियोजनाओं को छोटे-छोटे पैकेज बनाकर 1 करोड़ से कम राशि के टेंडर निकाले गए, ताकि वे आयुक्त की मंजूरी के बजाय सीधे अतिरिक्त आयुक्तों के अधिकार क्षेत्र में आ जाएं। आंकड़ों की मानें तो वित्तीय वर्ष 2024-25 में ऐसी 798 टेंडर प्रक्रियाएँ क्रियान्वित की गई हैं। इनकी राशि 262 करोड़ 15 लाख 28 हजार 730 रुपये है। इनमें सबसे अधिक जलापूर्ति विभाग में 104, विद्युत विभाग में 227, निर्माण विभाग में 298 और उद्यान निर्माण विभाग में 13 टेंडर शामिल हैं। हाल ही में, उद्यान विभाग ने पार्कों में लगाए जाने वाले खेल उपकरणों की खरीद के लिए टेंडर जारी किए हैं। चूँकि यह काम पाँच करोड़ रुपये का है, इसलिए अतिरिक्त आयुक्त ने पाँच पैकेज में टेंडर जारी कर इसे अपने अधीन ले लिया है।

- अनावश्यक कामों की बाढ़, ‘ठेकेदारों को लाभ पहुंचाने’ का आरोप

विपक्षी दलों द्वारा शुरू से आरोप लगाए जा रहे हैं कि, प्रशासनिक शासन के दौरान अवांछित कार्यों पर बड़ी मात्रा में धन व्यय किया गया है। टेंडर प्रक्रिया जारी करके सैकड़ों करोड़ रुपये के काम कराए गए हैं। इसके साथ ही, प्रशासन ने एक करोड़ रुपये से कम के टेंडर जारी करके ठेकेदारों को खानापूर्ति करने का काम किया है। आम आदमी पार्टी ने इन सभी टेंडर की स्वतंत्र जांच और दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की है। बहरहाल आगामी मनपा चुनाव की पृष्ठभूमि पर यह मामला सामने आने से खलबली मच गई है। विपक्षी दल इसकी आड़ में सत्ताधारी भाजपा को घेर सकता है।

विभागवार टेंडर (2024–25 आर्थिक वर्ष)

विभाग टेंडर की संख्या कुल राशि

उद्यान स्थापत्य 13 ₹5,03,96,230

क्रीड़ा स्थापत्य 15 ₹8,10,24,464

जलनिस्सारण 18 ₹9,98,37,278

झोनिपु 88 ₹18,87,09,153

दूरसंचार 26 ₹14,82,27,070

पर्यावरण 9 ₹5,36,01,772

जलापूर्ति 104 ₹49,86,82,882

विद्युत 227 ₹49,16,97,741

स्थापत्य 298 ₹100,93,52,140

कुल 798 ₹262,15,28,730

Created On :   15 Nov 2025 4:10 PM IST

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