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Satna News: सतना के अंशुमान ने सेना के लिए बनाए ‘सुसाइड ड्रोन’

- मेरठ में डेमो देने के बाद 50 किमी रेंज करने के निर्देश
- अंशुमान के मुताबिक दोनों ड्रोन आधुनिक टेलीमेट्री सिस्टम से लैस हैं
- ड्रोन आसमान पर 100 से 200 मीटर की दूरी पर उड़ान भरेगा जिससे वह दुश्मन की राडार में नहीं आएगा।
Satna News: जिले के एक छोटे से गांव किटहा के रहने वाले अंशुमान शुक्ला ने भारतीय सेना के लिए दो ऐसे ड्रोन बनाए हैं जो दुश्मनों के दांत खट्टे कर देंगे। उत्तर प्रदेश के मेरठ में 609 ईएमई बटालियन के कैम्पस में ड्रोन की सफल टेस्टिंग के बाद अंशुमान इसकी रेंज बढ़ाने की दिशा में अभी भी काम कर रहे हैं। ड्रोन को बनाने में अंशुमान अकेले नहीं हैं, बल्कि दो दोस्त अभिजीत पटेल और अखिलेश सिंह राठौर भी हैं जो इस प्रोजेक्ट में साथ हैं।
जैसा कि भारत सरकार ने कहा था कि ऑपरेशन सिंदूर जारी है, ड्रोन का निर्माण भी उसी ऑपरेशन का हिस्सा है। एक ड्रोन दुश्मन पर हमला करने के लिए बनाया गया है जबकि दूसरा ड्रोन हमले से होने वाले नुकसान का आंकलन करने के लिए तैयार किया गया है। अंशुमान के पिता अनिल शर्मा पेशे से कांट्रेक्टर हैं।
रशिया-यूक्रेन युद्ध से मिला आइडिया
अंशुमान ने बताया कि ड्रोन बनाने का आइडिया रशिया-यूक्रेन युद्ध से आया। दरअसल, यूके्रन ने ऐसे ही कुछेक ड्रोन से रशिया में बमबारी की और काफी नुकसान पहुंचाया। इंदौर के इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एण्ड टेक्नोलॉजी देवी अहिल्या विश्वविद्यालय से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बीई कर रहे अंशुमान शुक्ला और उसके दोस्तों को यह प्रोजेक्ट 609 ईएमई बटालियन के लेफ्टिनेंट कर्नल नितिन वर्मा ने दिया था। यह परियोजना 10 अगस्त से 5 सितम्बर के बीच पूरी हुई। तीनों दोस्तों ने मेरठ आर्मी कैम्प में रहकर अपने प्रोजेक्ट को अंजाम तक पहुंचाया।
तकनीकी रूप से कितना दक्ष
अंशुमान के मुताबिक दोनों ड्रोन आधुनिक टेलीमेट्री सिस्टम से लैस हैं जिनसे उनकी स्थिति और गतिविधियों की रियल टाइम जानकारी मिलती रहती है। दोनों ड्रोन में सिम कार्ड इंस्टॉल किया गया है और इन्हें दुनिया के किसी भी हिस्से से शॉर्ट मैसेज सर्विस (एमएमएस) भेजकर एक्टिव और कंट्रोल किया जा सकता है। सर्विलांस ड्रोन (शक्ति) की अधिकतम रेंज 10 किलोमीटर है जबकि कामीकाजे (खड्ग) ड्रोन की वर्तमान अधिकतम रेंज 5 किलोमीटर है।
दोनों ड्रोन की उड़ान गति 180 किलोमीटर प्रति घंटा है। कामीकाजे ड्रोन लक्ष्य पर हमला करके उसे नेस्तनाबूद कर खुद भी नष्ट हो जाएगा जबकि सर्विलांस ड्रोन में नाइट विजन कैमरा लगा है जिसका उपयोग ऑपरेशन के बाद आंकलन के लिए किया जाएगा। दोनों ड्रोन वजन में हल्के और पोर्टेबल डिजाइन के हैं। इस परियोजना पर करीब 3 लाख रुपए का खर्च आया है।
राडार की पकड़ से रहेगा दूर
अंशुमान ने बताया कि ड्रोन आसमान पर 100 से 200 मीटर की दूरी पर उड़ान भरेगा जिससे वह दुश्मन की राडार में नहीं आएगा। अधिकतम ये ड्रोन 400 मीटर तक ऊपर उड़ सकेंगे। कामीकाजे ड्रोन 2 से 4 किलोग्राम तक विस्फोटक अपने साथ लेकर उड़ सकता है।
Created On :   20 Sept 2025 2:43 PM IST