बटलर-स्टोक्स ने की 110 रनों की पार्टनरशिप
242 के लक्ष्य का पीछा करते हुए, सलामी बल्लेबाज जेसन रॉय और जॉनी बेयरस्टो ने इंग्लैंड को सधी हुई शुरुआत दी। रॉय (17) ने बेयरस्टो के साथ पहले विकेट के लिए 28 रन जोड़े। रॉय छठे ओवर में मैट हेनरी की गेंद पर टॉम लाथम को स्टंप के पीछे कैच दे बैठे और आउट होकर पवेलियन लौट गए। इसके बाद बेयरस्टो (36), रूट (7) और मॉर्गन (9) भी जल्दी-जल्दी आउट हो कर पवेलियन लौट गए। 23.1 ओवर में 86 रन पर 4 विकेट खोने के बाद इंग्लैंड मुश्किल में नजर आ रही थी, लेकिन बटलर और स्टोक्स ने 110 रनों की शानदार पार्टनरशिप करते हुए इंग्लैड को इस परेशानी से उबारा।
- Dainik Bhaskar Hindi
- Cricket
- England beat New Zealand via dramatic Super Over to win maiden World Cup
दैनिक भास्कर हिंदी: 44 साल बाद इंग्लैंड बना वर्ल्ड चैम्पियन, सुपर ओवर भी टाई, बाउंड्री से फैसला
हाईलाइट
- ICC वनडे वर्ल्ड कप 2019 के फाइनल मुकाबले में इंग्लैंड ने न्यूजीलैंड को हरा दिया
- सुपर ओवर तक पहुंचे इस मुकाबले का फैसला बाउंड्री के आधार पर हुआ
- पूरे मैच में इंग्लैंड ने 26 और न्यूजीलैंड ने 17 बाउंड्री लगाईं
डिजिटल डेस्क, लंदन। ICC वनडे वर्ल्ड कप 2019 के बेहद रोमांचक फाइनल मुकाबले में मेजबान इंग्लैंड ने न्यूजीलैंड को हरा दिया है। 44 साल बाद किक्रेट के जन्मदाता ने ये खिताब जीता है। सांसे रोक देने वाला ये मुकाबला सुपर ओवर तक पहुंचा, लेकिन सुपरओवर भी टाई रहा। आईसीसी के नियम के मुताबिक विजेता टीम का फैसला सबसे ज्यादा बाउंड्री लगाने के आधार पर हुआ। पहले बल्लेबाजी करते हुए न्यूजीलैंड ने 50 ओवर में 8 विकेट के नुकसान पर 241 रन बनाए थे। जवाब में इंग्लैंड की टीम भी इतने ही रन बना सकी और ये मैच टाई हो गया। इसके बाद सुपर ओवर में इंग्लैंड ने न्यूजीलैंड के सामने जीत के लिए 16 रनों का लक्ष्य रखा, लेकिन न्यूजीलैंड की टीम भी 15 रन ही बना सकी और ये मैच एक बार फिर टाई पर खत्म हुआ। हालांकि इसके बाद ज्यादा बाउंड्री लगाने के चलते इंग्लैंड को विजय घोषित कर दिया गया। पूरे मैच में इंग्लैंड ने 26 और न्यूजीलैंड ने 17 बाउंड्री लगाईं।
सुपर ओवर: इंग्लैंड बैटिंग
बोल्ट की पहली गेंद | स्टोक्स ने 3 रन लिए |
दूसरी गेंद | बटलर ने 1 रन लिया |
तीसरी गेंद | स्टोक्स ने चौका लगाया |
चौथी गेंद | स्टोक्स ने 1 रन लिया |
पांचवीं गेंद | बटलर ने 2 रन लिए |
छठी गेंद | बटलर ने चौका लगाया |
कुल रन:15
सुपर ओवर: न्यूजीलैंड बैटिंग
आर्चर की पहली गेंद | वाइड |
पहली गेंद | नीशम ने 2 रन लिए |
दूसरी गेंद | नीशम ने छक्का लगाया |
तीसरी गेंद | नीशम ने 2 रन लिए |
चौथी गेंद | नीशम ने 2 रन लिए |
पांचवीं गेंद | नीशम ने 1 रन लिया |
छठी गेंद | गुप्टिल ने 1 रन लिया |
कुल रन:15


अंतिम ओवर में जीत के लिए चाहिए थे 15 रन
अंतिम 12 गेंदों पर इंग्लैंड को 24 रनों की जरूरत थी। स्टोक्स आक्रामक रूप से खेलते रहे, लेकिन कोई भी दूसरे छोर पर उनका साथ देने के लिए मौजूद नहीं था। अंतिम ओवर में 15 रन चाहिए थे। बोल्ट की पहली दो गेंदों पर स्टोक्स एक भी रन नहीं ले पाए। तीसरी गेंद पर स्टोक्स ने शानदार छक्का जड़ा। चौथी गेंद पर स्टोक्स दो रन के लिए दौड़े लेकिन रन आउट होने से बचने के लिए उन्होंने डाइव लगाई। इस दौरान स्टोक्स के बल्ले से गेंद टकराती हुए बाउंड्री लाइन के पार पहुंच गई। इस तरह इंग्लैंड को ओवर थ्रो के 4 रन मिल गए। अब 2 गेंदों पर 3 रनों की जरुरत थी। अगली गेंद पर आदिल रशीद रन आउट हो गए। अंतिम गेंद पर स्टोक्स 1 ही रन ले सके और ये मैच टाई हो गया।

स्टोक्स बने प्लेयर ऑफ द मैच
न्यूजीलैंड की तरफ से फर्गुसन और नीशम ने 3-3 विकेट झटके। ग्रैंडहोम और हैनरी को 1-1 विकेट मिला। स्टोक्स को उनकी पारी के लिए प्लेयर ऑफ द मैच चुना गया। स्टोक्स ने 98 गेंदों पर खेली अपनी पारी में 5 चौके और 2 छक्के लगाए।

विलियम्सन-निकोलस की 74 रन की पार्टनरशिप
इससे पहले, न्यूजीलैंड के कप्तान केन विलियमसन ने टॉस जीता और पहले आक्रामक इंग्लिश गेंदबाजी लाइन का सामना करने का फैसला किया। पारी के सातवें ओवर में गुप्टिल के जल्दी आउट होने के कारण कीवी को अपेक्षित शुरुआत नहीं मिल सकी। क्रिस वोक्स ने गुप्टिल को विकेटों के सामने कैच कराया और उन्हें वापस पवेलियन भेज दिया। हालांकि गुप्टिल (19) ने डीआरएस लिया, क्योंकि वह ऑन-फील्ड अंपायर के फैसले से सहमत नहीं थे, थर्ड अंपायर ग्राउंड अंपायर के फैसले के साथ रहे। केन विलियमसन के साथ हेनरी निकोल्स ने पारी को संभालने की कोशिश की और स्कोरबोर्ड को आगे बढ़ाया। 10 ओवर की समाप्ति तक न्यूजीलैंड एक विकेट के नुकसान पर 33 रन बना चुका था। 23 वें ओवर में जोस बटलर के हाथों स्टंप्स के पीछे कैच आउट से पहले विलियमसन और निकोल्स ने 74 रन की साझेदारी की। लियाम प्लंकेट ने कीवी कप्तान विलियमसन (30) को आउट किया।

निकोलस ने जड़ा अर्धशतक
इसके बाद रॉस टेलर ने निकोलस के साथ मिलकर पारी को आगे बढ़ाया। इस बीच निकोलस ने 25 वें ओवर में 71 गेंदों पर अपना अर्धशतक पूरा किया। इसके तुरंत बाद, प्लंकेट ने 27 वें ओवर में एक लेंथ बॉल पर निकोलस (55) को बोल्ड कर दिया। इंग्लैंड के गेंदबाजों ने कम रनों पर ही कीवी शीर्ष क्रम को वापस पवेलियन भेज दिया। 34 वें ओवर में मार्क वुड ने रॉस टेलर (15) को आउट कर दिया। आउट होने से पहले टेलर ने टॉम लाथम के साथ मिलकर 23 रनों की छोटी साझेदारी की।

47 रन बनाकर आउट हुए लाथम
नीशम छठे नंबर पर बल्लेबाजी करने आए और लाथम के साथ 32 रनों की साझेदारी की। 39 वें ओवर में नीशम ने जो रूट को मिड ऑन पर कैच थमाकर प्लंकेट को मैच का तीसरा विकेट दिलाया। लाथम और कॉलिन डी ग्रैंडहोम ने टीम को 200 रन के पार पहुंचाया। ग्रैंडहोम को जेम्स विंस के हाथों मिडऑफ पर कैच कराने से पहले दोनों ने 46 रनों की साझेदारी की। बाद में, लाथम 49 वें ओवर में 47 रन बनाकर आउट हुए। हालांकि, न्यूजीलैंड के टेलेंडर्स ने कुछ और रन जोड़े और पारी 50 ओवरों में 241 रनों के स्कोर के साथ समाप्त हुई।

इंग्लैंड पहली बार बना वर्ल्ड चैंपियन
इंग्लैंड ने पहली बार वर्ल्ड कप का खिताब अपने नाम किया है। इसके साथ ही वह वर्ल्ड कप जीतने वाला छठा देश बन गया है। इससे पहले वेस्टइंडीज, भारत, ऑस्ट्रेलिया, पाकिस्तान और श्रीलंका खिताब जीता था। खिताब जीतने पर ईनाम के तौर पर इंग्लैंड को 28 करोड़ रुपए दिए गए। वहीं, फाइनल मुकाबला हारने वाली न्यूजीलैंड की टीम को 14 करोड़ रुपए ही मिले। चैम्पियन बनने वाली टीम को सोने-चांदी से बनी 11 किलो की ट्रॉफी भी दी गई। 27 साल बाद इंग्लैंड की टीम फाइनल में पहुंची थी। पिछली बार 1992 में फाइनल खेला था, जहां उसे पाकिस्तान के हाथों हार का सामना करना पड़ा था। 1987 में उसे ऑस्ट्रेलिया और 1979 में वेस्टइंडीज के खिलाफ हार मिली थी। दूसरी ओर न्यूजीलैंड की टीम ने दूसरी बार फाइनल खेला। पिछली बार 2015 में उसे ऑस्ट्रेलिया ने हराया था।
टीमें
इंग्लैंड : इयॉन मॉर्गन (कप्तान), जेसन रॉय, जॉनी बेयरस्टो, जो रूट, बेन स्टोक्स, जोस बटलर (विकेटकीपर), क्रिस वोक्स, लियम प्लंकेट, जोफ्रा आर्चर, आदिल रशीद, मार्क वुड।
न्यूजीलैंड : केन विलियम्सन (कप्तान), मार्टिन गुप्टिल, हेनरी निकोलस, रॉस टेलर, जेम्स नीशम, टॉम लाथम (विकेटकीपर), कॉलिन डी ग्रैंडहोम, मिशेल सैंटनर, मैट हेनरी, ट्रेंट बोल्ट, लॉकी फर्गुसन।
गणतंत्र दिवस : स्कोप ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन में मनाया गया गणतंत्र दिवस समारोह
डिजिटल डेस्क, भोपाल। स्कोप ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस में 74वां गणतंत्र दिवस हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में डॉ. डी.एस. राघव निदेशक, स्कोप ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन उपस्थित थे। गणतंत्र दिवस के कार्यक्रम में डॉ. सत्येंद्र खरे, सेक्ट कॉलेज ऑफ प्रोफेशनल एजुकेशन के प्रिंसिपल, डॉ. नीलम सिंह, सेक्ट कॉलेज ऑफ बीएड की प्रिंसिपल और डॉ. प्रकृति चतुर्वेदी, स्कोप पब्लिक हायर सेकेंडरी स्कूल की प्रिंसिपल विशिष्ट अतिथि के रूप में शामिल हुएl कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ. डी.एस.राघव ने झन्डा फंहराया गया तथा विद्यालय के छात्र छात्राओं ने अनुशासन एवं कौशल का परिचय देते हुए आकर्षक परेड की प्रस्तुति दीl विद्यालय के बच्चों द्वारा शारीरिक व्यायाम के महत्व को प्रकट करते हुए मनमोहक पीटी प्रस्तुत की गई l
स्कोप इंजीनियरिंग कॉलेज, बी.एड कॉलेज, स्कोप प्रोफेशनल कॉलेज तथा स्कोप स्कूल के विद्यार्थियों ने राष्ट्रीय एकता अखंडता एवं देश प्रेम से ओतप्रोत प्रस्तुतियां दीl कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण उरी हमले पर आधारित नृत्य नाटिका तथा रानी लक्ष्मीबाई के स्वतंत्रता संग्राम में योगदान को चित्रित करता हुआ नृत्य गीत था। मुख्य अतिथि डॉ डीएस राघव ने अपने संबोधन में कहा कि हम अपने कर्तव्यों का निर्वाहन ईमानदारी एवं पूर्ण निष्ठा के साथ करते हैं तो यही आज के समय में हमारी सच्ची देश सेवा है। कार्यक्रम के अंत में विद्यालय की प्राचार्या डॉ. प्रकृति चतुर्वेदी ने सभी को गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कार्यक्रम की आयोजन समिति के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि हम अपने उद्देश्य के प्रति ईमानदार रहेंगे और उसके प्रति पूर्ण कर्तव्यनिष्ठा से कार्य करेंगेl
वनमाली सृजनपीठ: बाल कलाकारों द्वारा राम भजन की मनमोहक प्रस्तुति
डिजिटल डेस्क, भोपाल। विश्वरंग के अन्तर्गत बाल प्रतिभाओं को प्रोत्साहित करने वनमाली सृजनपीठ में रामभजन माला का आयोजन किया गया, जिसमें राम के भजनों की सुन्दर प्रस्तुति बच्चों के द्वारा दी गयी। कार्यक्रम का आरम्भ मालविका राव चतुर्वेदी के भजन- 'श्रीरामचन्द्र कृपालु भज मन' से हुआ। इसी कड़ी में स्वरा वत्स ने राम के विभिन्न रूपों का वर्णन करते हुए 'राम-राम दशरथ नन्दन राम' भजन से सबको मन्त्रमुग्ध कर दिया। कार्यक्रम को आगे बढ़ाते हुए मोही और जयगी ने 'राम-राम सब नाम जपो', रेखा ने राग ख्याल में छोटे 'ख्याल' और कियारा ने 'राम भजो आराम तजो', निवेदिता सोनी ने 'श्याम का गुणगान करिये ' गाकर माहौल को राममय कर दिया।
कार्यक्रम के अगले चरण में मालविका द्वारा मीराबाई का प्रसिद्ध भजन 'पायो जी मैंने राम रतन धन पायो' और स्वरा ने श्याम कन्हाई गाकर राम के साथ कृष्ण भक्ति से भी परिचय कराया। बच्चों को प्रोत्साहित करते हुए आईसेक्ट लिमिटेड के निदेशक डॉ. सिद्धार्थ चतुर्वेदी ने 'राम भक्त ले चला राम की निशानी' और अन्य भजन गाकर बच्चों का हौसला बढ़ाया। इसके बाद सभी बच्चों की संगीत गुरु श्यामा ने अपना स्वचरित भजन 'राम नाम सुखदायक' की प्रस्तुति दी। कार्यक्रम में विश्वरंग के निदेशक संतोष चौबे, वनमाली सृजनपीठ भोपाल के अध्यक्ष मुकेश वर्मा, आईसेक्ट लिमिटेड के निदेशक डॉ. सिद्धार्थ चतुर्वेदी, गेटसेट पेरेंट की निदेशक पल्लवी राव चतुर्वेदी, विश्वरंग की सहनिदेशक डॉ. अदिति चतुर्वेदी वत्स, नितिन वत्स, इलेक्ट्रॉनिकी आपके लिए की सम्पादक डॉ. विनीता चौबे, प्रभा वर्मा, वनमाली सृजनपीठ की राष्ट्रीय संयोजक ज्योति रघुवंशी, टैगोर विश्वकला केन्द्र के निदेशक विनय उपाध्याय सहित बच्चों के अभिभावक और नाना-नानी, दादा-दादी भी उपस्थित रहे।
मनोरंजन: हरेक रीज़नल इंडस्ट्री की प्रतिभाओं को एक सशक्त मंच उपलब्ध कराने की कोशिश में जुटा हुआ है 'क्रिएटिव वाइब': संतोष खेर
डिजिटल डेस्क, मुंबई। एस. एस. राजामौली की फ़िल्म 'RRR' के मशहूर गाने 'नातू नातू' ने गोल्डन ग्लोब्स जीतकर एक बार फिर से यह साबित कर दिया है क्षेत्रीय सिनेमा भी विश्वभर में अपनी छाप छोड़ने का दमखम रखता है. पिछले साल क्षेत्रीय सिनेमा और ओटीटी ने ऐसे दमदार कंटेट से दर्शकों को रूबरू कराया दर्शकों की उम्मीदें आसमान छूने लगी हैं. सिनेमा को नई ऊंचाई पर ले जानेवालों में कई लोग मशक़्क़त कर रहे हैं और इनमें से एक अहम नाम है प्रोडक्शन हाउस 'क्रिएटिव वाइब' का. उल्लेखनीय है भाषाओं से परे यह प्रोडक्शन हाउस देशभर में मौजूद नायाब तरह के कंटेट की संभावनाओं को खंगाल रहा है और नई-नई प्रतिभाओं को आगे आने का मौका दे रहा है।
'क्रिएटिव वाइब' के संस्थापक संतोष खेर कहते हैं कि लोग ना सिर्फ़ गुणवत्तापूर्ण कंटेट देखना चाहते हैं, बल्कि वे चाहते हैं कि विभिन्न रीजनल इंडस्ट्रीज़ से जुड़े तमाम प्रतिभाशाली लोगों को काम करने के लिए उचित मंच भी उपलब्ध कराया जाए. वे कहते हैं, "हमारे देश में ऐसे प्रतिभाशाली लोगों की कोई कमी नहीं है जो गुमनाम हैं और ऐसे लोगों के बारे में आम दर्शकों को ज़्यादा कुछ पता भी नहीं होता है. हम सृजनकर्ताओं व पेशवर लोगों को आम दर्शकों के सामने लाएंगे जिसके चलते हम दुनियाभर के सिनेमा से मुक़ाबला करने में पूरी तरह से सक्षम साबित होंगे।"
'क्रिएटिव वाइब' के लिए साल 2022 एक उल्लेखनीय साल रहा है. इस दौरान प्रोडक्शन हाउस की ओर से 'अथंग" नामक एक चर्चित मराठी हॉरर वेब सीरीज़ का निर्माण किया गया. प्रोडक्शन हाउस ने 'चंद्रमुखी' नामक भव्य मराठी फ़िल्म बनाकर लोगों को चकित किया. इसके अलावा भी कई उल्लेखनीय कंटेट का निर्माण प्रोडक्शन हाउस की ओर से किया गया है. ऐसे में अब 'क्रिएटिव वाइब' साल 2023 में हिंदी, मराठी और गुजराती भाषा में कंटेट निर्माण में ज़ोर-शोर से जुट गया है. वेब द्वारा उपलब्ध कराये जानेवाले मौकों से अच्छी तरह से परिचित संतोष खेर कहते हैं, 'वेब शोज़ की दुनिया क्षेत्रीय भाषाओं में कंटेट बनानेवाले मेकर्स के लिए एक बड़ी राहत बनकर आई है जिसके चलते विविध तरह के टैलेंट को अपने अद्भुत कार्यों को सामने लाने और अपनी क्षमताओं का भरपूर प्रदर्शन करने का मौका मिल रहा है. हम वेब कंटेट के माध्यम से ही नहीं, बल्कि विभिन्न भाषाओं में बननेवाली फ़िल्मों को भी एक बड़े दर्शक वर्ग तक पहुंचाना चाहते हैं।"
संतोष खेर इस इंडस्ट्री से जुड़े पेशेवर लोगों के साथ काम करने और उन्हें मौका देने में यकीन करते हैं. इसे लेकर वे कहते हैं, "जब कभी हम क्षेत्रीय स्तर की प्रतिभाओं की बात करते हैं तो हम महज़ कलाकारों के बारे में ही सोचते हैं. लेकिन हमें इस बात का ध्यान रखना चाहिए किसी भी फ़िल्म/कंटेट के निर्माण में बड़े पैमाने पर अन्य लोग भी शामिल होते हैं. इनमें टेक्नीशियनों, कॉस्ट्यूम तैयार करनेवालों, लेखकों से लेकर अन्य तरह के कई और भी विभाग शामिल होते हैं जो किसी भॊ फ़िल्म को सफल बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ते हैं. ग़ौरतलब है कि कैमरा के पीछे काम करनेवालों के नाम मुख्यधारा के सिनेमा द्वारा भी आसानी से भुला दिया जाता है. ऐसे में हमारा प्रोडक्शन हाउस इस स्थिति को बदलने, नये नये नामों को सामने लाने और पर्दे के पीछे काम करनेवाले लोगों को स्थापित करने के लिए प्रयत्नशील है ताकि ऐसे गुमनाम लोगों की भी अपनी एक अलग पहचान बन सके।"
लेकिन क्या प्रोफ़ेशनल लोगों को अपनी-अपनी इंडस्ट्री तक ही सीमित कर दिया जाएगा? इस सवाल पर संतोष खेर कहते हैं, "हमें ऐसी प्रतिभाओं को तैयार करने की ज़रूत है जो विभिन्न तरह की क्षेत्रीय इंडस्ट्रीज़ में काम कर सकें. अगर हम एक इंडस्ट्री से ताल्लुक रखनेवाली प्रतिभाओं को दूसरी इंडस्ट्री में काम करने का मौका मुहैया कराएंगे तभी जाकर हम सही मायनों में पैन इंडिया फ़िल्मों का निर्माण कर पाएंगे. हमने बड़े सुपरस्टार्स के साथ ऐसा होते हुए देखा है मगर ज़रूरत इस बात की है कि सभी भाषाओं की इंडस्ट्री से संबंध रखनेवाले कास्ट और क्रू के अन्य सदस्यों को भी इसी तरह के मौके दिये जाएं।"
प्रतिभाओं को परिष्कृत करने की सोच और पैन इंडिया सिनेमा के निर्माण का आइडिया सिनेमा के भविष्य के लिए अच्छा है, लेकिन अगर अन्य लोग भी सतोष खेर की तरह सोचने लग जाएं तो निश्चित ही वो दिन दूर नहीं है, जब सिनेमा की दुनिया जल्द ही आसमान की नई उंचाइयों को छूने लगेगी।