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- India vs West Indies 3rd T-20: Virat Kohli hints at change in combination for final match of Series
दैनिक भास्कर हिंदी: IND VS WI: टी-20 सीरीज के आखिरी मैच में बेंच स्ट्रेंथ को आजमा सकते हैं कोहली

हाईलाइट
- आखिरी मैच में अपनी बेंच स्ट्रेंथ को आजमाएंगे कोहली
- दीपक चहर, राहुल चहर, श्रेयस अय्यर को मिल सकता है मौका
- तीन मैचों की टी-20 सीरीज में भारतीय टीम 2-0 से आगे
डिजिटल डेस्क। भारत और वेस्टइंडीज के बीच टी-20 सीरीज का तीसरा और आखिरी मैच आज गुयाना में खेला जाएगा। तीन मैचों की टी-20 सीरीज में भारतीय टीम 2-0 से आगे है और सीरीज अपने नाम कर चुकी है। सीरीज के पहले मैच में भारत ने वेस्टइंडीज को 4 विकेट से और दूसरे मैच में 22 रन से हराया था। सीरीज जीतने के बाद भारतीय टीम के कप्तान कोहली ने खिलाड़ियों की जमकर तारीफ की है। इसी के साथ उन्होंने यह भी संकेत दिए हैं कि, अब वह सीरीज जीतने के बाद आखिरी मैच में अपनी बेंच स्ट्रेंथ को आजमाएंगे।
भारत ने इस टी-20 सीरीज में कई युवा खिलाड़ियों का चयन किया है, जिनमें से कुछ पहले दो मैचों में खेल चुके हैं। कोहली ने दूसरे मैच के बाद ऐसे संकेत दिए थे कि यह उनके लिए बेंच पर बैठे बाकी के खिलाड़ियों का अच्छा मौका है क्योंकि सीरीज पहले ही कब्जे में आ चुकी है। भारत तीसरे मैच में टीम में बदलाव करे इसकी संभावना काफी ज्यादा है। पहले दो मैचों में भारत ने नवदीप सैनी, वॉशिंगटन सुंदर, खलील अहमद, मनीष पांडे को मौका दिया था। दो युवा खिलाड़ी बेंच पर बैठे थे उनमें दीपक चहर, राहुल चहर, श्रेयस अय्यर के नाम शमिल हैं। कोहली अब इन तीनों में से किसे मौका देते हैं यह देखना दिलचस्प होगा। ऐसा भी हो सकता है कि कप्तान इन तीनों को आजमा लें।
सीरीज बेशक भारत के हिस्से आ गई है लेकिन कोहली ने साफ कह दिया है कि जीत उनके लिए अभी भी प्राथमिकता है इसलिए टीम प्रबंधन बड़ा जोखिम लेने से बचेगा क्योंकि टी-20 में विंडीज सबसे खतरनाक टीम और अब वह अपने घर में खेलेगी जो इस मौजूदा विजेता को पहले से कई ज्यादा खतरनाक और आत्मविश्वास से भरी बना देगा। ऐसे में कोहली सावधान रहना चाहेंगे क्योंकि एक हार युवाओं के मनोबल पर असर डाल सकती है।
बल्लेबाजी में भारत को काम करने की जरूरत होगी क्योंकि पहले मैच में टीम बिखर गई थी और दूसरे मैच में भी तभी मजबूत स्कोर कर पाई थी जब सलामी बल्लेबाज रोहित शर्मा ने अर्धशतक जमाया था। विश्व कप में अंगूठे की चोट के कारम बाहर हुए शिखर धवन लय हासिल नहीं कर पाए हैं। दूसरे मैच में उन्होंने शुरुआत तो अच्छी की थी लेकिन अब वनडे सीरीज में जाने से पहले उन्हें एक अच्छी पारी की जरूरत होगी।
वहीं टीम प्रबंधन युवा ऋषभ पंत से निराश दिख रहा है। विश्व कप में मिला जुला प्रदर्शन करने के बाद पंत का लापरवाही वाला रवैया इस सीरीज में भी जारी है। पहले दो टी-20 मैचों में वह गैरजरूरी शॉट खेल आउट हुए जो उनकी अपरिपक्वता तो दर्शाता है। मनीष पांडे का बाहर बैठना तय लग रहा है। उनके स्थान पर अय्यर को टीम में जगह मिल सकती है।
भारत की गेंदबाजी अच्छी रही है। सैनी ने अपनी तेजी और सटीक लाइन लैंग्थ से सभी को प्रभावित किया है तो वहीं भुवनेश्वर कुमार का अनुभव भी काम आ रहा है। खलील कुछ खास प्रभाव नहीं छोड़ पाए हैं। स्पिन में सुंदर और क्रुणाल पांड्या बल्लेबाजों पर नकेल कसने में सफल रहे हैं। मेजबान टीम की अगर बात की जाए तो उसके सभी दिग्गज अपनी टीम के लिए छवि के मुताबिक प्रदर्शन नहीं कर पाए हैं।
पहले मैच में किसी तरह केरन पोलार्ड ने 49 रन बनाए थे तो वहीं दूसरे मैच में रोवमैन पावेल ने 54 रनों की पारी खेली थी। इन दोनों को अगर छोड़ दिया जाए तो इविन लुइस, जॉन कैम्पवेल, शिमरन हेटमायेर कप्तान कार्लोस ब्रैथवेट का बल्ला शांत ही रहा है। अब जब विंडीज अपने घर लौटी है तो हो सकता है कि उसके बल्लेबाज अपने रूप में वापसी करें।
टीमें:
भारत : विराट कोहली (कप्तान), रोहित शर्मा (उपकप्तान), शिखर धवन, लोकेश राहुल, श्रेयस अय्यर, मनीष पांडे, ऋषभ पंत (विकेटकीपर), क्रूणाल पांड्या, रवींद्र जडेजा, वॉशिंगटन सुंदर, राहुल चाहर, भुवनेश्वर कुमार, खलील अहमद, दीपक चाहर, नवदीप सैनी।
वेस्टइंडीज : जॉन कैम्पबेल, इविन लेविस, शिमरोन हेटमायर, निकोलस पूरन, केरन पोलार्ड, रोवमैन पॉवेल, कार्लोस ब्रैथवेट (कप्तान), कीमो पॉल, सुनील नरेन, शेल्डन कोटरेल, ओशेन थॉमस, एंथनी ब्राम्बले, जेसन मोहम्मद, खारे पियरे।
गणतंत्र दिवस : स्कोप ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन में मनाया गया गणतंत्र दिवस समारोह
डिजिटल डेस्क, भोपाल। स्कोप ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस में 74वां गणतंत्र दिवस हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में डॉ. डी.एस. राघव निदेशक, स्कोप ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन उपस्थित थे। गणतंत्र दिवस के कार्यक्रम में डॉ. सत्येंद्र खरे, सेक्ट कॉलेज ऑफ प्रोफेशनल एजुकेशन के प्रिंसिपल, डॉ. नीलम सिंह, सेक्ट कॉलेज ऑफ बीएड की प्रिंसिपल और डॉ. प्रकृति चतुर्वेदी, स्कोप पब्लिक हायर सेकेंडरी स्कूल की प्रिंसिपल विशिष्ट अतिथि के रूप में शामिल हुएl कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ. डी.एस.राघव ने झन्डा फंहराया गया तथा विद्यालय के छात्र छात्राओं ने अनुशासन एवं कौशल का परिचय देते हुए आकर्षक परेड की प्रस्तुति दीl विद्यालय के बच्चों द्वारा शारीरिक व्यायाम के महत्व को प्रकट करते हुए मनमोहक पीटी प्रस्तुत की गई l
स्कोप इंजीनियरिंग कॉलेज, बी.एड कॉलेज, स्कोप प्रोफेशनल कॉलेज तथा स्कोप स्कूल के विद्यार्थियों ने राष्ट्रीय एकता अखंडता एवं देश प्रेम से ओतप्रोत प्रस्तुतियां दीl कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण उरी हमले पर आधारित नृत्य नाटिका तथा रानी लक्ष्मीबाई के स्वतंत्रता संग्राम में योगदान को चित्रित करता हुआ नृत्य गीत था। मुख्य अतिथि डॉ डीएस राघव ने अपने संबोधन में कहा कि हम अपने कर्तव्यों का निर्वाहन ईमानदारी एवं पूर्ण निष्ठा के साथ करते हैं तो यही आज के समय में हमारी सच्ची देश सेवा है। कार्यक्रम के अंत में विद्यालय की प्राचार्या डॉ. प्रकृति चतुर्वेदी ने सभी को गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कार्यक्रम की आयोजन समिति के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि हम अपने उद्देश्य के प्रति ईमानदार रहेंगे और उसके प्रति पूर्ण कर्तव्यनिष्ठा से कार्य करेंगेl
वनमाली सृजनपीठ: बाल कलाकारों द्वारा राम भजन की मनमोहक प्रस्तुति
डिजिटल डेस्क, भोपाल। विश्वरंग के अन्तर्गत बाल प्रतिभाओं को प्रोत्साहित करने वनमाली सृजनपीठ में रामभजन माला का आयोजन किया गया, जिसमें राम के भजनों की सुन्दर प्रस्तुति बच्चों के द्वारा दी गयी। कार्यक्रम का आरम्भ मालविका राव चतुर्वेदी के भजन- 'श्रीरामचन्द्र कृपालु भज मन' से हुआ। इसी कड़ी में स्वरा वत्स ने राम के विभिन्न रूपों का वर्णन करते हुए 'राम-राम दशरथ नन्दन राम' भजन से सबको मन्त्रमुग्ध कर दिया। कार्यक्रम को आगे बढ़ाते हुए मोही और जयगी ने 'राम-राम सब नाम जपो', रेखा ने राग ख्याल में छोटे 'ख्याल' और कियारा ने 'राम भजो आराम तजो', निवेदिता सोनी ने 'श्याम का गुणगान करिये ' गाकर माहौल को राममय कर दिया।
कार्यक्रम के अगले चरण में मालविका द्वारा मीराबाई का प्रसिद्ध भजन 'पायो जी मैंने राम रतन धन पायो' और स्वरा ने श्याम कन्हाई गाकर राम के साथ कृष्ण भक्ति से भी परिचय कराया। बच्चों को प्रोत्साहित करते हुए आईसेक्ट लिमिटेड के निदेशक डॉ. सिद्धार्थ चतुर्वेदी ने 'राम भक्त ले चला राम की निशानी' और अन्य भजन गाकर बच्चों का हौसला बढ़ाया। इसके बाद सभी बच्चों की संगीत गुरु श्यामा ने अपना स्वचरित भजन 'राम नाम सुखदायक' की प्रस्तुति दी। कार्यक्रम में विश्वरंग के निदेशक संतोष चौबे, वनमाली सृजनपीठ भोपाल के अध्यक्ष मुकेश वर्मा, आईसेक्ट लिमिटेड के निदेशक डॉ. सिद्धार्थ चतुर्वेदी, गेटसेट पेरेंट की निदेशक पल्लवी राव चतुर्वेदी, विश्वरंग की सहनिदेशक डॉ. अदिति चतुर्वेदी वत्स, नितिन वत्स, इलेक्ट्रॉनिकी आपके लिए की सम्पादक डॉ. विनीता चौबे, प्रभा वर्मा, वनमाली सृजनपीठ की राष्ट्रीय संयोजक ज्योति रघुवंशी, टैगोर विश्वकला केन्द्र के निदेशक विनय उपाध्याय सहित बच्चों के अभिभावक और नाना-नानी, दादा-दादी भी उपस्थित रहे।
मनोरंजन: हरेक रीज़नल इंडस्ट्री की प्रतिभाओं को एक सशक्त मंच उपलब्ध कराने की कोशिश में जुटा हुआ है 'क्रिएटिव वाइब': संतोष खेर
डिजिटल डेस्क, मुंबई। एस. एस. राजामौली की फ़िल्म 'RRR' के मशहूर गाने 'नातू नातू' ने गोल्डन ग्लोब्स जीतकर एक बार फिर से यह साबित कर दिया है क्षेत्रीय सिनेमा भी विश्वभर में अपनी छाप छोड़ने का दमखम रखता है. पिछले साल क्षेत्रीय सिनेमा और ओटीटी ने ऐसे दमदार कंटेट से दर्शकों को रूबरू कराया दर्शकों की उम्मीदें आसमान छूने लगी हैं. सिनेमा को नई ऊंचाई पर ले जानेवालों में कई लोग मशक़्क़त कर रहे हैं और इनमें से एक अहम नाम है प्रोडक्शन हाउस 'क्रिएटिव वाइब' का. उल्लेखनीय है भाषाओं से परे यह प्रोडक्शन हाउस देशभर में मौजूद नायाब तरह के कंटेट की संभावनाओं को खंगाल रहा है और नई-नई प्रतिभाओं को आगे आने का मौका दे रहा है।
'क्रिएटिव वाइब' के संस्थापक संतोष खेर कहते हैं कि लोग ना सिर्फ़ गुणवत्तापूर्ण कंटेट देखना चाहते हैं, बल्कि वे चाहते हैं कि विभिन्न रीजनल इंडस्ट्रीज़ से जुड़े तमाम प्रतिभाशाली लोगों को काम करने के लिए उचित मंच भी उपलब्ध कराया जाए. वे कहते हैं, "हमारे देश में ऐसे प्रतिभाशाली लोगों की कोई कमी नहीं है जो गुमनाम हैं और ऐसे लोगों के बारे में आम दर्शकों को ज़्यादा कुछ पता भी नहीं होता है. हम सृजनकर्ताओं व पेशवर लोगों को आम दर्शकों के सामने लाएंगे जिसके चलते हम दुनियाभर के सिनेमा से मुक़ाबला करने में पूरी तरह से सक्षम साबित होंगे।"
'क्रिएटिव वाइब' के लिए साल 2022 एक उल्लेखनीय साल रहा है. इस दौरान प्रोडक्शन हाउस की ओर से 'अथंग" नामक एक चर्चित मराठी हॉरर वेब सीरीज़ का निर्माण किया गया. प्रोडक्शन हाउस ने 'चंद्रमुखी' नामक भव्य मराठी फ़िल्म बनाकर लोगों को चकित किया. इसके अलावा भी कई उल्लेखनीय कंटेट का निर्माण प्रोडक्शन हाउस की ओर से किया गया है. ऐसे में अब 'क्रिएटिव वाइब' साल 2023 में हिंदी, मराठी और गुजराती भाषा में कंटेट निर्माण में ज़ोर-शोर से जुट गया है. वेब द्वारा उपलब्ध कराये जानेवाले मौकों से अच्छी तरह से परिचित संतोष खेर कहते हैं, 'वेब शोज़ की दुनिया क्षेत्रीय भाषाओं में कंटेट बनानेवाले मेकर्स के लिए एक बड़ी राहत बनकर आई है जिसके चलते विविध तरह के टैलेंट को अपने अद्भुत कार्यों को सामने लाने और अपनी क्षमताओं का भरपूर प्रदर्शन करने का मौका मिल रहा है. हम वेब कंटेट के माध्यम से ही नहीं, बल्कि विभिन्न भाषाओं में बननेवाली फ़िल्मों को भी एक बड़े दर्शक वर्ग तक पहुंचाना चाहते हैं।"
संतोष खेर इस इंडस्ट्री से जुड़े पेशेवर लोगों के साथ काम करने और उन्हें मौका देने में यकीन करते हैं. इसे लेकर वे कहते हैं, "जब कभी हम क्षेत्रीय स्तर की प्रतिभाओं की बात करते हैं तो हम महज़ कलाकारों के बारे में ही सोचते हैं. लेकिन हमें इस बात का ध्यान रखना चाहिए किसी भी फ़िल्म/कंटेट के निर्माण में बड़े पैमाने पर अन्य लोग भी शामिल होते हैं. इनमें टेक्नीशियनों, कॉस्ट्यूम तैयार करनेवालों, लेखकों से लेकर अन्य तरह के कई और भी विभाग शामिल होते हैं जो किसी भॊ फ़िल्म को सफल बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ते हैं. ग़ौरतलब है कि कैमरा के पीछे काम करनेवालों के नाम मुख्यधारा के सिनेमा द्वारा भी आसानी से भुला दिया जाता है. ऐसे में हमारा प्रोडक्शन हाउस इस स्थिति को बदलने, नये नये नामों को सामने लाने और पर्दे के पीछे काम करनेवाले लोगों को स्थापित करने के लिए प्रयत्नशील है ताकि ऐसे गुमनाम लोगों की भी अपनी एक अलग पहचान बन सके।"
लेकिन क्या प्रोफ़ेशनल लोगों को अपनी-अपनी इंडस्ट्री तक ही सीमित कर दिया जाएगा? इस सवाल पर संतोष खेर कहते हैं, "हमें ऐसी प्रतिभाओं को तैयार करने की ज़रूत है जो विभिन्न तरह की क्षेत्रीय इंडस्ट्रीज़ में काम कर सकें. अगर हम एक इंडस्ट्री से ताल्लुक रखनेवाली प्रतिभाओं को दूसरी इंडस्ट्री में काम करने का मौका मुहैया कराएंगे तभी जाकर हम सही मायनों में पैन इंडिया फ़िल्मों का निर्माण कर पाएंगे. हमने बड़े सुपरस्टार्स के साथ ऐसा होते हुए देखा है मगर ज़रूरत इस बात की है कि सभी भाषाओं की इंडस्ट्री से संबंध रखनेवाले कास्ट और क्रू के अन्य सदस्यों को भी इसी तरह के मौके दिये जाएं।"
प्रतिभाओं को परिष्कृत करने की सोच और पैन इंडिया सिनेमा के निर्माण का आइडिया सिनेमा के भविष्य के लिए अच्छा है, लेकिन अगर अन्य लोग भी सतोष खेर की तरह सोचने लग जाएं तो निश्चित ही वो दिन दूर नहीं है, जब सिनेमा की दुनिया जल्द ही आसमान की नई उंचाइयों को छूने लगेगी।
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