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क्रिकेट: विराट ने बताया, जब फिटनेस पर काम कर रहा था; तो मां कहती थी कि मैं कमजोर हो रहा हूं

हाईलाइट
- विराट ने बताया, उनकी मां को लगता था कि वह फिट नहीं हैं और शायद बीमार पड़ रहे हैं
- कोहली ने कहा, मां को यह समझाना मुश्किल था कि वह बीमार नहीं हैं, बल्कि खेल के लिए फिटनेस बनाए रखते हैं
डिजिटल डेस्क, मुंबई। भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली काफी फिटनेस फ्रीक हैं। वह हमेशा अपनी बॉडी को शेप में रखने की कोशिश करते हैं। लेकिन इसके बाद भी उनकी मां को लगता था कि वह फिट नहीं हैं और शायद बीमार पड़ रहे हैं। कोहली ने कहा कि उनकी मां को यह समझाना वास्तव में मुश्किल था कि वह बीमार नहीं हैं, बल्कि खेल के लिए अपनी फिटनेस बनाए रखते हैं।
भारतीय टेस्ट टीम के सलामी बल्लेबाज मयंक अग्रवाल के साथ ओपन नेट्स विद मयंक लाइव चैट शो के दौरान कोहली ने यह बात कही। इस शो का जल्द ही बीसीसीआई टीवी पर प्रसारण किया जाएगा। बीसीसीआई ने ट्विटर पर एक वीडियो पोस्ट किया है, जिसमें कोहली ने कहा, मेरी मां कहती थी कि मैं कमजोर हो रहा हूं। यह एक बहुत ही आम बात है जोकि कोई भी मां कहती है।
Moms be like
— BCCI (@BCCI) July 23, 2020
Listen in to what @imVkohli's mother thought of him when he started his fitness regime.
More such fun stories on #OpenNetsWithMayank, coming up soon on https://t.co/Z3MPyesSeZ@mayankcricketpic.twitter.com/WSYyBUIBeh
कोहली ने कहा, अगर कोई बच्चा चबी नहीं है तो फिर मतलब कोई तो समस्या है या वो बीमार है। हर दूसरे दिन मुझे उन्हें विश्वास दिलाना पड़ता था कि मैं बीमार नहीं हूं। मैं अच्छा खेलने के लिए ऐसा कर रहा हूं। उन्हें मना पाना इतना मुश्किल था। यह कई बार मजेदार था, लेकिन कई बार कष्टदायक भी होता है, क्योंकि आप अगले दिन सुनते हैं कि तू तो बीमार लग रहा है। यह हमेशा बहुत मुश्किल था और खुद को नियंत्रित करना भी बहुत कठिन था। लेकिन, हां अच्छा समय था।
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ध्यान रखें की प्रॉपर्टी RERA अप्रूव्ड हो
कोई भी प्रॉपर्टी खरीदने से पहले इस बात का ध्यान रखे कि वो भारतीय रियल एस्टेट इंडस्ट्री के रेगुलेटर RERA से अप्रूव्ड हो। रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवेलपमेंट एक्ट, 2016 (RERA) को भारतीय संसद ने पास किया था। RERA का मकसद प्रॉपर्टी खरीदारों के हितों की रक्षा करना और रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देना है। राज्य सभा ने RERA को 10 मार्च और लोकसभा ने 15 मार्च, 2016 को किया था। 1 मई, 2016 को यह लागू हो गया। 92 में से 59 सेक्शंस 1 मई, 2016 और बाकी 1 मई, 2017 को अस्तित्व में आए। 6 महीने के भीतर केंद्र व राज्य सरकारों को अपने नियमों को केंद्रीय कानून के तहत नोटिफाई करना था।