साइबराबाद पुलिस ने केएसबीएल के खिलाफ नए मामले की जांच के लिए विशेष टीम बनाई
डिजिटल डेस्क, हैदराबाद। साइबराबाद पुलिस ने कार्वी स्टॉक ब्रोकिंग लिमिटेड (केएसबीएल), उसके अध्यक्ष सी. पार्थसारथी और अन्य के खिलाफ आईसीआईसीआई बैंक के साथ कथित तौर पर 563 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने के मामले की जांच के लिए एक विशेष टीम का गठन किया है। पार्थसारथी पहले से ही इंडसइंड बैंक द्वारा दायर एक शिकायत पर हैदराबाद पुलिस द्वारा दर्ज 137 करोड़ रुपये के ऋण चूक मामले में न्यायिक हिरासत में है।
साइबराबाद पुलिस ने आईसीआईसीआई बैंक मैनेजर की शिकायत पर सोमवार को केएसबीएल, सी. पार्थसारथी, एम. युगंधरा राव और अन्य के खिलाफ धोखाधड़ी और आपराधिक विश्वासघात का मामला दर्ज किया।
साइबराबाद के पुलिस आयुक्त वी.सी. सज्जनार के अनुसार, मामला आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) को स्थानांतरित कर दिया गया है और जांच के लिए एक विशेष टीम का गठन किया गया है। शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि केएसबीएल ने धोखाधड़ी, बेईमान और कपटपूर्ण इरादे से, आपराधिक साजिश की योजना बनाकर, अन्य अज्ञात बेईमान व्यक्तियों के साथ मिलीभगत से, अपने व्यक्तिगत लाभ के लिए वित्तीय सहायता का दुरुपयोग किया।
केएसबीएल अपने ग्राहकों की प्रतिभूतियों को गिरवी रखकर विभिन्न बैंकों के ऋणों में चूक के आरोपों का सामना कर रहा है। साइबराबाद पुलिस ने कहा कि केएसबीएल द्वारा अपने छह बैंकरों से शेयर गिरवी रखकर जुटाए गए फंड को केएसबीएल के अपने बैंक खातों में स्थानांतरित कर दिया, जो सेबी के दिशानिदेशरें का उल्लंघन है। इसके अलावा, प्रतिभूतियों पर सभी प्रतिज्ञाओं को केएसबीएल के अंतिम ग्राहकों को हस्तांतरित कर दिया गया, जिससे आईसीआईसीआई बैंक सहित सभी ऋणदाताओं की सुरक्षा गंभीर रूप से प्रभावित हुई।
केएसबीएल, सी. पार्थसारथी, एम. युगांधरा राव और एम.एस. रामकृष्ण, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई), बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई), मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज ऑफ इंडिया (एमसीएक्स) और मेट्रोपॉलिटन स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया (एमएसईआई) के सदस्य थे और नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड (एनएसडीएल) और सेंट्रल डिपॉजिटरी सर्विसेज (इंडिया) लिमिटेड (सीडीएसएल) के साथ पंजीकृत एक डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट थे।
भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने अपने परिपत्र में निर्देश दिया था कि ट्रेडिंग सदस्यों और समाशोधन सदस्यों के पास पड़ी ग्राहकों की प्रतिभूतियों को धन जुटाने के लिए बैंकों और एनबीएफसी को गिरवी नहीं रखा जा सकता है। सेबी ने यह भी निर्दिष्ट किया कि ब्रोकर को ग्राहक लाभार्थी खाते और अपने स्वयं के लाभार्थी खाते का स्पष्ट अलगाव बनाए रखना होगा।
2019 में, सेबी ने केएसबीएल को शेयरों के बदले ऋण जुटाने के लिए अवैध रूप से ग्राहक प्रतिभूतियों को गिरवी रखने के लिए प्रतिबंधित कर दिया था। हैदराबाद पुलिस ने पार्थसारथी को 19 अगस्त को इंडसइंड बैंक से लिए गए ऋण को कथित रूप से डिफॉल्ट करने के आरोप में गिरफ्तार किया था। उसी दिन, शहर की एक अदालत ने उसे 14 दिनों के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया था।
आईएएनएस
Created On :   25 Aug 2021 2:00 PM IST