सरकारी नौकरी का लालच देकर युवाओं को ठगने वाला गिरोह गिरफ्तार

Gang arrested for duping youth by giving government jobs
सरकारी नौकरी का लालच देकर युवाओं को ठगने वाला गिरोह गिरफ्तार
एसटीएफ की कार्रवाई सरकारी नौकरी का लालच देकर युवाओं को ठगने वाला गिरोह गिरफ्तार

डिजिटल डेस्क, वारणसी। उत्तर प्रदेश पुलिस और मिल्रिटी इंटेलिजेंस (एमआई) की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) की संयुक्त टीम ने बेरोजगार युवकों से सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करने वाले बदमाशों के एक गिरोह को गिरफ्तार किया है। सिगरा इलाके से गिरोह के सरगना समेत तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

एसटीएफ के अनुसार गिरोह के सरगना अजीत प्रताप सिंह उर्फ दिल्ली निवासी अमन, कानपुर देहात के धर्मेंद्र कुमार और नई दिल्ली के आशु सिंह को सिगरा थाना क्षेत्र के भारत माता मंदिर के पास से गिरफ्तार किया गया है।

गिरोह के पास से नियुक्ति पत्र, पहचान पत्र, भर्ती फॉर्म, भारतीय सेना से संबंधित लिफाफे, भारतीय रेलवे, भारतीय स्टेट बैंक के निकासी फॉर्म, आठ सरकारी विभागों की मुहर, चार मोबाइल फोन, एक डेयरी और नकद सहित कई दस्तावेज और 16 हजार रुपये बरामद किए गए।एसटीएफ ने कहा कि गिरोह ने सेना, रेलवे, सिंचाई और अन्य सरकारी विभागों में नौकरी की तलाश कर रहे बेरोजगार युवकों को निशाना बनाया।

वाराणसी और यूपी के अन्य जिलों के युवाओं के अलावा हैदराबाद, दिल्ली, कोलकाता, भुवनेश्वर और देश के कई अन्य हिस्सों में नौकरी तलाशने वाले भी इस गिरोह के संपर्क में थे। रविवार को, अजीत और उसके गिरोह के सदस्यों ने भारत माता मंदिर के पास कुछ उम्मीदवारों को एक सौदे को अंतिम रूप देने के लिए बुलाया था, जब एसटीएफ टीम ने तीनों को पकड़ लिया। शुरूआती पूछताछ के दौरान अजीत ने बताया कि वह शुरू में एक कॉल सेंटर में काम करता था और बेरोजगार युवकों से निजी कंपनियों में नौकरी की व्यवस्था करने के लिए 5,000 रुपये लेता था।

बाद में, वह बिहार और पश्चिम बंगाल के जालसाजों के संपर्क में आया, जिन्होंने सरकारी विभागों में उनकी भर्ती सुनिश्चित करने के नाम पर बेरोजगार युवकों को ठगा था। इसके बाद उन्होंने बेरोजगार युवाओं से संपर्क करने और आकर्षक ऑफर देने के लिए अपने एजेंटों का नेटवर्क विकसित करना शुरू कर दिया। बाद में, वे फर्जी एडमिट कार्ड जारी करते थे, फर्जी परीक्षाएं और मेडिकल टेस्ट कराते थे और फर्जी ज्वाइनिंग लेटर भी जारी करते थे।

वे अपने हर क्लाइंट से 5 लाख रुपये से लेकर 7 लाख रुपये तक चार्ज करते थे। अजीत ने यह भी कहा कि गिरोह ग्राहकों को ट्रेनिंग करवाता था और तीन महीने के लिए उनसे लिए गए पैसे से प्रत्येक उम्मीदवार को वेतन के रूप में 25,000 रुपये का भुगतान भी करता था। एसटीएफ द्वारा उनके पास से बरामद डायरी में इस गिरोह के शिकार सभी उम्मीदवारों का विवरण है।

आईएएनएस

Created On :   21 Feb 2022 4:30 AM GMT

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