आरोपी का लाई डिटेक्टर टेस्ट करेगी कर्नाटक पुलिस
डिजिटल डेस्क, मैसूर। कर्नाटक पुलिस सनसनीखेज मैसूर सामूहिक बलात्कार मामले में आरोपी का पॉलीग्राफ टेस्ट (लाई डिटेक्टर) करने की योजना बना रही है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक पुलिस ब्रेन-मैपिंग तकनीक, लेयर्ड वॉयस एनालिसिस के इस्तेमाल पर भी विचार कर रही है। यह फैसला इसलिए लिया गया है क्योंकि पीड़िता अपना बयान दर्ज कराने और आरोपियों की पहचान करने के लिए आगे नहीं आ रही है।
अदालत के समक्ष पेश किए जाने वाले मामले में सबूत इकट्ठा करने के लिए पुलिस प्रौद्योगिकी की मदद से वैज्ञानिक विश्लेषण करने का निर्णय ले रही है। पॉलीग्राफ टेस्ट को लोकप्रिय रूप से लाई डिटेक्टर टेस्ट के रूप में जाना जाता है, यह एक उपकरण प्रक्रिया है जो कई शारीरिक संकेतकों जैसे रक्तचाप, नाड़ी, श्वसन और त्वचा की चालकता को मापता है और रिकॉर्ड करता है जब एक व्यक्ति से प्रश्न पूछे जाते हैं।
पुलिस सूत्रों ने कहा कि पीड़िता और उसके परिवार के सदस्यों ने अपने सेल फोन बंद कर दिए हैं और जांच दल को कोई जवाब नहीं दे रहे हैं। इस बीच, आरोपियों को मंगलवार को चामुंडी तलहटी के पास ललिताद्रिपुरा के पास अपराध स्थल पर ले जाया गया। पुलिस ने आरोपियों के चेहरे काले हुड में ढके हुए थे और उनसे सामूहिक बलात्कार और घटनाओं के क्रम पर पूछताछ की। सूत्रों ने कहा कि प्रक्रिया की वीडियो ग्राफी की गई।
सामूहिक बलात्कार की घटना 24 अगस्त को हुई थी। 22 वर्षीय एमबीए स्नातक लड़की और उसके पुरुष दोस्त पर तमिलनाडु के आरोपियों ने हमला किया था और लड़की का सामूहिक दुष्कर्म किया था। इस घटना ने राष्ट्रीय सुर्खियां बटोरीं और कर्नाटक पुलिस विभाग आग की चपेट में आ गया। हालांकि, विशेष टीमों ने मामले का पदार्फाश करने में कामयाबी हासिल की और छह आरोपियों को गिरफ्तार किया। मामले के एक अन्य आरोपी की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है।
आईएएनएस
Created On :   1 Sept 2021 11:30 AM IST