भगवान शिव के साथ करें हनुमान जी की पूजा, मिलेगा शुभ फल

Bhaum Pradosh: Worship Hanuman ji and Lord Shiva, know muhurat
भगवान शिव के साथ करें हनुमान जी की पूजा, मिलेगा शुभ फल
भौम प्रदोष भगवान शिव के साथ करें हनुमान जी की पूजा, मिलेगा शुभ फल

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। हिंदू पंचांग के अनुसार, हर माह की प्रत्येक त्रयोदशी तिथि को प्रदोष काल होता है। इसे दिन के हिसाब से अलग अलग नामों से जाना जाता है। जैसे सोमवार को आने पर सोम प्रदोष, फिलहाल इस माह में 29 मार्च, मंगलवार को प्रदोष काल है। चूंकि मंगल ग्रह का ही एक अन्य नाम भौम है इसलिए प्रदोष व्रत को मंगल प्रदोष या भौम प्रदोष कहते हैं। इस व्रत को रखने से भक्तों की स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्याएं दूर होती हैं और उनके शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार आता है। 

इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा का विधान है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भौम प्रदोष व्रत में भगवान शिव के साथ हनुमान जी की भी पूजा करनी चाहिए। पुराणों के अनुसार, भौम भूमि के पुत्र हैं। इस दिन के स्वामी हनुमानजी हैं जो रुद्र के ग्यारहवें अवतार माने जाते हैं। आइए जानते हैं पूजा का मुहूर्त और विधि... 

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पूजा का शुभ मुहूर्त
तिथि आरंभ: 29 मार्च, मंगलवार दोपहर 2:38 बजे से शुरू
तिथि समापन: 30 मार्च, बुधवार दोपहर 1:19 मिनट तक
पूजा समय: शाम 6:37 बजे से रात्रि 8:57 बजे तक 

इस विधि से करें पूजा
- भौमप्रदोष व्रत के दिन व्रती को पूरा दिन मन ही मन ऊँ नमः शिवाय का जप करना चाहि। 
- पूरे दिन निराहार रहें। त्रयोदशी के दिन प्रदोष काल में यानी सूर्यास्त से तीन घड़ी पूर्व, शिव जी का पूजन करें।
- व्रती संध्या काल को फिर से स्नान कर स्वच्छ श्वेत वस्त्र धारण करें।  
- पूजा स्थल अथवा पूजा गृह को शुद्ध कर लें और यदि व्रती चाहे तो शिव मंदिर में भी जा कर पूजा कर सकते हैं। 
- पांच रंगों से रंगोली बनाकर मंडप तैयार करें। पूजन की सभी सामग्री एकत्रित कर लें। 

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- कलश अथवा लोटे में शुद्ध जल भर लें। कुश के आसन पर बैठ कर शिव जी की पूजा विधि विधान से करें।
- ऊँ नमः शिवाय मन्त्र का जप करते हुए शिव जी को जल अर्पित करें।
- इसके बाद दोनों हाथ जो‌ड़कर शिव जी का ध्यान करें।
- ध्यान के बाद भौम प्रदोष व्रत की कथा सुने अथवा सुनाएं।
- इसके बाद शिव जी की आरती करें। 
- उपस्थित सभी जनों को आरती दें। सभी को प्रसाद वितरित करें। 
- इसके बाद भोजन करें। भोजन में केवल मीठी सामग्रियों का ही उपयोग करें।

Created On :   27 March 2022 12:05 PM GMT

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