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- Do not sleep in the night? These planets may be in the horoscope
दैनिक भास्कर हिंदी: क्या आपको भी नहीं आती है देर रात तक नींद ? कुंडली में हो सकता है ये ग्रह

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। यदि आपको देर रात तक जागने की लत है। आप देर रात तक सोने से पहले मोबाइल फ़ोन पर कुछ न कुछ चलाते रहते हैं... किसी न किसी से बात करते रहतें हैं... और आपको नींद भी नहीं आती? तो इस परेशानी का कारण राहू ग्रह हो सकता है। हालांकि ऐसा नहीं है कि आजकल सभी देर रात तक जागतें हैं, लेकिन अधिकतर लोग इस बीमारी का शिकार हैं। राहु हर किसी के मस्तिस्क पर सवार हो जाता है।
विश्लेषण
जो लोग अधिक रात तक जागते रहते हैं और फिर ब्रह्ममुहूर्त आते तक सो जाते हैं ऐसे लोगों को अपनी कुंडली का विश्लेषण अवश्य करवा लेना चाहिए। ऐसे लोग या तो राहु या किसी बुरे ग्रह की दशा से पीड़ित होते हैं या फिर उनकी कुण्डली में राहु का प्रभाव अधिक होता है। आइए जानते हैं कि वे कौन से योग व ग्रह स्थितियां होती हैं, जो जातक की नींद उड़ा देते हैं अर्थात जिनके जन्म पत्रिका में होने मात्र से जातक अनिद्रा का शिकार होता है।
राहु का दोष
ज्योतिष की मानें तो जब भी लग्नेश, तृतीयेश या द्वादेश छठवें, आठवें या बारहवें स्थान में आ जाए तो नींद न आने का रोग हो जाता है किंतु अनावश्यक या अकारण नींद को भगाकर जागना राहु का दोष हो सकता है।
प्रभाव
जन्म कुण्डली के 12वें भाव एवं द्वादेश से निद्रा व शैया सुख का विचार किया जाता है। यदि जन्म कुण्डली के 12वें भाव में क्रूर ग्रह जैसे शनि, राहु व केतु स्थित हों या द्वादश भाव पर इन ग्रहों का प्रभाव हों एवं 12वें भाव के अधिपति पर भी इन क्रूर ग्रहों का प्रभाव हो तो जातक अनिद्रा रोग का शिकार होता है। 12वें भाव पर राहु के प्रभाव से जातक अल्पनिद्रा वाला होता है।
ग्रह स्थिति
यदि लग्न पर राहु, केतु व शनि का प्रभाव हो एवं द्वादेश अशुभ भावों में स्थित हो या नीच राशिस्थ हो तब भी जातक सुखपूर्वक नींद नहीं ले पाता है। यदि द्वादेश द्वादश भाव में स्थित हो एवं उस पर किसी क्रूर ग्रह का प्रभाव न हो तो ऐसी ग्रह स्थिति में जातक सुखपूर्वक अच्छी नींद लेता है।
यदि 12वें भाव का अधिपति स्वराशिस्थ होकर 12वें भाव में स्थित हो और उस पर शुभ ग्रहों का प्रभाव अधिक हो तो जातक अधिक सोने वाला होता है। सुखपूर्वक अच्छी व गहरी नींद स्वयं में एक वरदान के सदृश्य होती है। लेकिन ऐसी निद्रा का सुख हर किसी मनुष्य के भाग्य में नहीं होता है।
आराधना
ऐसे लोगों को रोजाना राहु मंत्र का जाप, गणेश जी की आराधना करना या फिर ग्रह शांति का कोई उपाय अवश्य ही करवा लेना चाहिए|
नींद न आने के कई कारण होते हैं जिनमें जीवन की उलझनों व परेशानियों से लेकर कई चिकित्सकीय कारण भी होते हैं। किंतु कई व्यक्तियों को इन कारणों के अलावा भी अनिद्रा की शिकायत रहती है। ज्योतिष शास्त्र में अनिद्रा रोग के योगों का उल्लेख मिलता है।
व्यावहारिक उपाय:-
यदि आप अनिद्रा के रोग से ग्रसित है तो आप को तुरंत इसके उपाय करने चाहिए उपाय इस प्रकार हैं
नींद न आय तो कोई भी पुस्तक पढ़ते रहिये सोते समय प्रार्थना करने से नींद आने में सहायता होती है।
अपने शरीर को पूरा विश्राम दीजिए व्यायाम करके अपने शरीर को इतना थकाइए कि आपको नींद आ ही जाए।
रात के समय जब आप अपने शयनकक्ष में सोने के लिए जाते हैं, तो सोने के पूर्व हनुमान चालीसा का पाठ कर उसे अपने तकिया के नीचे रखकर सोने से आप एक अच्छी नींद ले सकते हैं।
दुर्गा सप्तशती के इस मंत्र 'निद्रां भगवतीं विष्णो अतुलाम तेजसः प्रभु' इस मन्त्र का जप गहरी नींद लाने के लिए सहायक होता है। इस मंत्र का उपयोग करने से उन लोगों को भी लाभ होता है जिनकी नींद बीच बीच में टूट जाती है।
यदि व्यक्ति अपने तकिया के नीचे लोहे से बनी कोई चीज जैसे कैंची, चाकू आदि रखकर सोता है। तो किसी प्रकार की नकारात्मक ऊर्जा या कोई नकारात्मक शक्ति उससे दूर रहती है।
वास्तुशास्त्र के अनुसार रात में सोने से पहले चुटकी भर नमक पानी में मिलाकर हाथ-पांव धोने से अच्छी नींद आती है। अगर रात को नींद खुल जाती है तो उसके लिए तकिए के नीचे पीपल के पेड़ की जड़ रखने से नींद अच्छी आती है। रात को अपने तकिये के नीचे मूली रखकर सोएं फिर सुबह उस मूली को भगवान शिव के मंदिर में जाकर चढ़ा दें। ऐसा करने से आपको राहु की दशा से मुक्ति मिलती है।
आईसेक्ट ग्रुप भोपाल: आईसेक्ट द्वारा ग्लोबल पर्सनल डेवलपमेंट विषय पर विशेष ट्रेनिंग सेशन आयोजित
डिजिटल डेस्क, भोपाल। आईसेक्ट के एचआर एवं लर्निंग एंड डेवलपमेंट डिपार्टमेंट द्वारा एम्पलॉइज के लिए ग्लोबल पर्सनल डेवलपमेंट पर एक विशेष ट्रेनिंग सेशन का आयोजन किया गया। इसमें यूनाइटेड किंगडम के कॉर्पोरेट इंटरनेशनल ट्रेनर जुबेर अली द्वारा प्रशिक्षण प्रदान किया गया। जिसमें उन्होंने प्रशिक्षणार्थियों को अपने अनुभवों, डेमोंस्ट्रेशन, वीडियो, स्लाइड शो के माध्यम से नई स्किल्स को प्राप्त करने और अपनी पर्सनेलिटी को बेहतर बनाने के तरीके बताए। साथ ही उन्होंने पर्सनेलिटी डेवलपमेंट और अपस्किलिंग के महत्व पर बात की और बताया कि करियर ग्रोथ के लिए यह कितना आवश्यक है। इस दौरान उन्होंने सफलता के लिए नौ सक्सेस मंत्र भी दिए। इस दौरान कार्यक्रम में एचआर कंसल्टेंट डी.सी मसूरकर और अल नूर ट्रस्ट के सदस्य उपस्थित रहे।
इस पहल पर बात करते हुए आईसेक्ट के निदेशक सिद्धार्थ चतुर्वेदी ने कहा कि आईसेक्ट कौशल विकास के महत्व को समझता है इसी कारण अपने एम्पलॉइज की अपस्किलिंग के लिए लगातार विभिन्न प्रशिक्षण सेशन का आयोजन करता है। इसी कड़ी में ग्लोबल पर्सनेल डेवलपमेंट पर यह ट्रेनिंग सेशन भी एक कदम है।
स्कोप कैम्पस: खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2022 की मशाल रैली भीमबेटका, ओबेदुल्लागंज, मंडीदीप, भोजपुर होते हुए पहुंची रबीन्द्रनाथ नाथ टैगोर विश्वविद्यालय और स्कोप कैम्पस
डिजिटल डेस्क, भोपाल। रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय और खेल एवं युवा कल्याण विभाग रायसेन के संयुक्त तत्वावधान में खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2022 की मशाल रैली आयोजित की गई। यह यात्रा होशंगाबाद से पर्वतारोही भगवान सिंह भीमबेटका लेकर पहुंचे। फिर भीमबेटका से रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय ने मशाल लेकर ओबेदुल्लागंज की ओर प्रस्थान किया। ओबेदुल्लागंज में रैली का स्वागत किया गया। साथ ही ओबेदुल्लागंज में मशाल यात्रा को विभिन्न स्थानों पर घुमाया गया। तत्पश्चात यात्रा ने मंडीदीप की ओर प्रस्थान किया। मंडीदीप में यात्रा का स्वागत माननीय श्री सुरेंद्र पटवा जी, भोजपुर विधायक ने किया। अपने वक्तव्य में उन्होंने खेलों को बढ़ावा देने के लिए मप्र सरकार द्वारा की जा रही पहलों की जानकारी दी और युवाओं को खेलों को जीवन में अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया। इसके अलावा खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2022 में खिलाड़ियों को जीत के लिए शुभकामनाएं दीं। उन्होंने खेलों इंडिया यूथ गेम्स के आयोजन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मप्र के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के प्रयासों को रेखांकित किया।
साथ ही कार्यक्रम में रायसेन के डिस्ट्रिक्ट स्पोर्ट्स ऑफिसर श्री जलज चतुर्वेदी ने मंच से संबोधित करते हुए कहा कि खेलों को बढ़ावा देने के लिए सरकार की विभिन्न गतिविधियों पर प्रकाश डाला और खेलों इंडिया यूथ गेम्स के खिलाड़ियों को शुभकामनाएं दीं। यहां से धावकों ने मशाल को संभाला और दौड़ते हुए भोजपुर मंदिर तक पहुंचे। मंदिर से फिर यात्रा रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय तक पहुंचती और यहां यात्रा का डीन एकेडमिक डॉ. संजीव गुप्ता द्वारा और उपकुलसचिव श्री समीर चौधरी, उपकुलसचिव अनिल तिवारी, उपकुलसचिव ऋत्विक चौबे और स्पोर्ट्स ऑफिसर सतीश अहिरवार द्वारा भव्य स्वागत किया जाता है। मशाल का विश्वविद्यालय में भी भ्रमण कराया गया। यहां से यात्रा स्कोप कैम्पस की ओर प्रस्थान करती है। स्कोप कैम्पस में स्कोप इंजीनियरिंग कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. डी.एस. राघव और सेक्ट कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. सत्येंद्र खरे ने स्वागत किया और संबोधित किया। यहां से मशाल को खेल एवं युवा कल्याण विभाग के उपसंचालक जोश चाको को सौंपा गया।