व्रत: मासिक शिवरात्रि पर इस विधि से करें पूजा, जानें महत्व

Fast: Worship with this method on masik shivratri, know importance
व्रत: मासिक शिवरात्रि पर इस विधि से करें पूजा, जानें महत्व
व्रत: मासिक शिवरात्रि पर इस विधि से करें पूजा, जानें महत्व

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। हर महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि मनाई जाती है। ऐसे में हर चंद्र वर्ष में 12 शिवरात्रि आती हैं। मान्यता है कि मासिक शिवरात्रि का व्रत करने से भगवान शंकर प्रसन्न होते हैं। शास्त्रों के अनुसार देवी लक्ष्मी, सरस्वती, इंद्राणी, गायत्री, सावित्री, पार्वती और रति ने शिवरात्रि का व्रत किया था और शिव कृपा से अनंत फल प्राप्त किए थे। जो कि इस बार 10 अप्रैल शनिवार यानी कि आज है। 

कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि के स्वामी भगवान शिव हैं। इस दिन भगवान शिव की पूजा के साथ-साथ शिव परिवार के सभी सदस्यों की उपासना जाती है। मान्यता है कि इस व्रत को करने से विवाह में आने वाली बाधाएं दूर होती हैं। इसके अलावा इस व्रत की महिमा से वैवाहिक जीवन की समस्याओं से भी निजात प्राप्त होता है। आइए जानते हैं पूजा की विधि...

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व्रत विधि
- इस दिन सूर्योदय से पूर्व उठकर स्नान कर व्रत का संकल्प लिया जाता है। 
- पूरे विधि विधान से भगवान शिव का पूजन और व्रत किया जाता हैं। इस व्रत को करने से व्यक्ति काम, क्रोध, लोभ, मोह आदि के बंधन से मुक्त हो जाता है।
- इस दिन शिवजी के मंदिर में जाना चाहिए और उनकी पूजा सपरिवार यानी माता पार्वती, गणेश जी, कुमार कार्तिकेय, और नंदी महाराज के साथ करनी चाहिए।

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- शिवलिंग का अभिषेक शहद, दही, दूध, शक्कर, शुद्ध घी से करना चाहिए। 
- इस दौरान शिव के पंचाक्षरी मंत्र का उच्चारण भी करना चाहिए।
- शिवलिंग पर बेलपत्र, धतूरा और श्रीफल अर्पित करें।
- शिवजी की पूजा करते समय शिव पुराण, शिव स्तुति, शिव अष्टक, शिव चालीसा और शिव श्लोक आदि का पाठ करना चाहिए।

Created On :   10 April 2021 5:16 AM GMT

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