श्रीकृष्ण जन्माष्टमी 2018: जन्माष्टमी पर भूलकर भी न करें ये काम
डिजिटल डेस्क, भोपाल। भगवान विष्णु के आठवें अवतार श्रीकृष्ण का जन्मदिन पूरे देशभर में बड़ी ही धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन श्रीकृष्ण के भक्त उनकी भक्तिभाव से पूजा-अर्चना कर उनका जन्मोत्सव मनाते हैं। भगवान श्रीकृष्ण के भक्त बड़े ही उत्साह के साथ हर साल इस दिन का इंतजार करते हैं। इस दिन भक्त उपवास भी करते हैं लेकिन कुछ ऐसे काम होते हैं जो इस दिन नहीं करना चाहिए। आज हम ऐसे ही कुछ कार्यों के बारे में आपको बताएंगे, जो जन्माष्टमी के दिन आपको नहीं करना चाहिए।
जन्माष्टमी के दिन अगर आपने व्रत नहीं भी रखा है और पूजन भी नहीं करने वाले हैं तो भी मांस-मदिरा का सेवन न करें। सात्विक भोजन करने से आपको पुण्य फल की प्राप्ति होगी।
भगवान विष्णु को तुलसी बहुत प्रिय है और भगवान श्रीकृष्ण को श्रीहरि विष्णु का आठवां अवतार कहा गया है। इसलिए इनके प्रसाद में तुलसी अवश्य रूप से डाली जाती है। तुलसी के बिना प्रसाद स्वीकार नहीं किया जाता।
शास्त्रों के अनुसार जन्माष्टमी, शिवरात्रि, नवरात्रि आदि दिनों में संयम का पालन करना चाहिए। इन रातों को यौन संबंध और काम भाव पर नियंत्रण रखना चाहिए। खासकर जिन्होंने व्रत रखा हो वे लोग अपने काम भाव पर विशेषकर ध्यान रखें इससे व्रत सफल होता है और पुण्य की प्रप्ति होती है।
जन्माष्टमी के दिन मन को शांत रखना अत्यंत आवश्यक है। मन को शान्त रखने के लिए भगवान का ध्यान करें। इस दिन किसी भी प्रकार का वाद-विवाद करने से बचना चाहिए। इससे देवी लक्ष्मी प्रसन्न रहती हैं क्योंकि देवी लक्ष्मी ने द्वापर युग में श्रीकृष्ण की पत्नी रुक्मणी के रूप में जन्म लिया था। इसलिए इस दिन उन्हें प्रसन्न करना भी अनिवार्य है। इस दिन अध्यात्म पर ध्यान देना चाहिए।
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी साल में एक बार आने वाला त्यौहार है। इस बार ये दिन विशेष संयोग लेकर आ रहा है इसलिए इस दिन को सोने में या किसी और काम में व्यर्थ ना करें। इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान-ध्यान कर श्रीकृष्ण की पूजा करें। इस दिन गीता, विष्णुपुराण, कृष्णलीला आदि का पाठ करना शुभ फलदायी माना गया है।
अगर आपके घर में कान्हा की पुरानी मूर्तियां हैं तो जन्माष्टमी के दिन उनकी भी पूजा करें और उन्हें भी माखन मिश्री का भोग लगाएं। कई बार हम घर में नई मूर्तियों को ले आते हैं और पुरानी मूर्तियों को भूलकर केवल नई मूर्ति की ही पूजा में लग जाते हैं लेकिन ऐसा नहीं करना चाहिए। नई मूर्ति के साथ ही पुरानी मूर्ति की भी हमे पूजा करना चाहिए।
जन्माष्टमी के दिन इस बार त्रिपुष्कर योग बन रहा है। इस योग में जो शुभ कार्य किए जाते हैं, उनका तीन गुना लाभ मिलता है। अगर आप परनिंदा या लाभ के लिए दूसरों को नुकसान पहुंचाते हैं तो इसका भी तीन गुना पाप आपको लगेगा और आपको कष्ट भोगना पड़ेगा। इसलिए इस दिन परनिंदा करने से बचना चाहिए।
Created On :   31 Aug 2018 2:30 PM GMT