Sankashti Chaturthi 2025: 13 या 14 जुलाई कब है गजानन संकष्टी चतुर्थी? जानें सही तिथि, पूजा विधि

- कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को यह व्रत रखा जाता है
- श्री गणेश की पूरे विधि विधान से पूजा की जाती है
- व्रत को रखने से मनोवांछित फलों की प्राप्ति होती है
डिजिटल डेस्क, भोपाल। भगवान श्री गणेश को विघ्नहर्ता कहा गया है और वे प्रथम पूज्य देव के रूप में जाने जाते हैं। वैसे तो गणपति जी की पूजा के लिए बुधवार का दिन श्रेष्ठ माना गया है। लेकिन हर महीने की की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को संकष्टी चतुर्थी (Sankashti Chaturthi) का व्रत रखा जाता है और बप्पा की पूरे विधि विधान से पूजा की जाती है। फिलहाल आषाढ़ माह चल रहा है और इस महीने की चतुर्थी को गजानन संकष्टी चतुर्थी (Gajanan Sankashti Chaturthi) कहा गया है।
ऐसा माना जाता है कि, इस व्रत को रखने से मनोवांछित फलों की प्राप्ति होती है। साथ ही उसके जीवन में आने वाली सभी प्रकार की परेशानियां दूर होती हैं। आइए जानते हैं मुहूर्त और पूजा विधि...
तिथि और मुहूर्त
तिथि आरंभ: 14 जुलाई 2025, सोमवार की देर रात 01 बजकर 02 मिनट से
तिथि समापन: 14 जुलाई 2025, सोमवार की रात 11 बजकर 59 मिनट तक
पूजन विधि
- भगवान गणेश की पूजा करते समय पूर्व या उत्तर दिशा की ओर अपना मुख रखें।
- भगवान गणेश की प्रतिमा या चित्र सामने रखकर किसी स्वच्छ आसन पर बैठ जाएं।
- इसके बाद फल फूल, अक्षत, रोली और पंचामृत से भगवान गणेश को स्नान कराएं।
- अब पूजा करें और फिर धूप, दीप के साथ श्री गणेश मंत्र का जाप करें।
- इस दिन गणेश जी प्रसन्न करने के लिए तिल का लड्डू या मोदक का भोग लगाएं।
- शाम के समय में स्नान कर, स्वच्छ वस्त्र धारण कर विधिपूर्वक धूप, दीप, अक्षत, चंदन, सिंदूर, नैवेद्य से गणेशजी का पूजन करें।
- इस दिन गणेश जी को लाल फूल समर्पित करने के साथ अबीर, कंकू, गुलाल, हल्दी, मेंहदी, मौली चढ़ाएं।
- विनायम चतुर्थी की कथा सुने अथवा सुनाएं।
- गणपति की आरती करें।
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Created On :   11 July 2025 8:07 PM IST