सावन 2018: कैसे करें सावन में शिव जी की पूजा

सावन 2018: कैसे करें सावन में शिव जी की पूजा

डिजिटल डेस्क, भोपाल। 28 जुलाई से सावन माह की शुरुआत हो चुकी है। 30 जुलाई को सावन का पहला सोमवार है। सावन सोमवार व्रत की विधि सभी सोमवार व्रतों के समान ही होती है। सावन सोमवार के व्रत में भगवान शिव और देवी पार्वती की पूजा की जाती है। ये व्रत सूर्योदय से प्रारंभ होकर तीसरे पहर तक किया जाता है। शिव जी की पूजा करने के बाद सोमवार व्रत की कथा सुनी जाती है।

सावन के महीने में आने वाले सोमवार के दिनों में शिवजी का व्रत करने के बाद गणेश जी, शिवजी, माता पार्वती व नन्दी देव की पूजा की जाती है। धूप दीप जलाकर कपूर से आरती कर महादेव से वर मांगा जाता है। व्रत के दिन पूजा करने के बाद दिनभर उपवास रखकर रात में एक बार भोजन करना चाहिए। सावन मास में इस माह की विशेषता को सुनना चाहिए।

पूजन सामग्री में जल, दूध, दही, चीनी, घी, शहद, पंचामृत, मॉली, वस्त्र, जनेऊ, चन्दन, रोली, चावल, फूल, बेल-पत्र, भांग, आक-धतूरा, कमलगट्टा, प्रसाद, पान-सुपारी, लौंग, इलायची, मेवा, दक्षिणा चढ़ाया जाता है।

 

Image result for Sawan 2018: Know the Importance And Significance Of Sawan month


शिव पूजन में बेलपत्र का उपयोग

भगवान शिव की पूजा जब बेलपत्र से की जाती है, तो भगवान अपने भक्त की मनोकामना पूरी करते हैं। बेलपत्र के बारे में यह मान्यता है कि श्रावण मास में बेल के वृक्ष को जो भक्त पानी या गंगाजल अर्पित करता है, उसे समस्त तीर्थों का फल प्राप्त होता है। उस जातक को इस लोक में सुख भोगकर, शिवलोक में स्थान मिलता है। बेलपत्र के पत्थर की जड़ में भगवान शिव का वास माना जाता है। इनका पूजन व्यक्ति को सभी तीर्थों में स्नान करने के समतुल्य फल प्रदान करता है। एक छोटे से बेलपत्र को चढ़ाने मात्र से इस जन्म और पूर्व जन्मों के पाप नष्ट होते हैं।

 

Image result for Sawan 2018: Know the Importance And Significance Of Sawan month


सावन माह व्रत विधि :-

सावन माह में सोमवार के व्रत करने से व्यक्ति को सभी तीर्थों के दर्शन करने से भी अधिक पुण्य फल प्राप्त होते हैं। जिस भी जातक को यह व्रत करना हो, उसे व्रत के दिन प्रात:काल में सूर्योदय से पहले उठ जाएं। सावन मास में केवल भगवान शिव की ही पूजा नहीं की जाती है, साथ में भगवान शिव के परिवार सहित पूजा की जाती है।

सावन महीने का सोमवार व्रत सूर्योदय से सूर्यास्त तक किया जाता है। व्रत के दिन सोमवार व्रत कथा जरूर सुनना चाहिए। व्रत करने वाले जातक को दिन में सूर्यास्त के बाद एक बार सात्विक भोजन करना चाहिए।

प्रात:काल में उठने के बाद स्नान और नित्यक्रियाओं से निवृत होने के बाद अपने घर की सफाई कर, पूरे घर में गंगा जल या शुद्ध जल छिड़क कर घर को शुद्ध करें।

इसके बाद घर के ईशान कोण (उत्तर-पूर्व दिशा में) भगवान शिव लिंग या चित्र स्थापित करें। शिव लिंग स्थापित करने के बाद दायें हाथ में चावल, जल, और पुष्प लेकर श्रावण सोमवार मास व्रत का संकल्प लें फिर उस संकल्प को शिवलिंग के पास रखें।

ज्योतिषाचार्य एवं हस्तरेखार्विंद पोद्दार 
भोपाल, म.प्र.
9993031142

Created On :   29 July 2018 9:13 AM GMT

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story