विजया एकादशी: इस विधि से करें पूजा, जीवन की ​कठिनाइयां होंगी दूर 

Vijaya Ekadashi: Worship with this method, difficulties of life will be overcome
विजया एकादशी: इस विधि से करें पूजा, जीवन की ​कठिनाइयां होंगी दूर 
विजया एकादशी: इस विधि से करें पूजा, जीवन की ​कठिनाइयां होंगी दूर 

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। फाल्गुन मास की कृष्ण पक्ष की एकादशी को विजया एकादशी के नाम से जाना जाता है। जो कि इस वर्ष आज यानी कि मंगलवार को है। विजया एकादशी का व्रत भगवान विष्णु को समर्पित है, इस दिन भगवान विष्णु की विशेष उपासना करने से जीवन में आने वाली कठिनाइयों को दूर करने में मदद मिलती है।

इकादशी को समस्त पापों का हरण करने वाली तिथि भी कहा जाता है। यह अपने नाम के अनुरूप फल भी देती है। इस दिन व्रत धारण करने से व्यक्ति को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है व जीवन के हर क्षेत्र में विजय प्राप्त होती है। आइए जानते हैं मुहूर्त और पूजा विधि...

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शुभ मुहूर्त
तिथि शुभारंभ: 8 मार्च 2021, दोपहर 3 बजकर 44 मिनट से 
तिथि समापन: 9 मार्च 2021, दोपहर 3 बजकर 2 मिनट तक
पारण का समय: 10 मार्च सुबह 6:37 से 8: 59 के बीच।

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व्रत व पूजा विधि 
एकादशी के दिन पंचपल्लव कलश में रखकर भगवान विष्णु का चित्र या की मूर्ति की स्थापना करें और धूप, दीप, चंदन, फल, फूल व तुलसी आदि से श्री हरि की पूजा करें। द्वादशी के दिन ब्राह्ण को भोजन आदि करवाएं व कलश को दान कर दें। इसके बाद व्रत का पारण करें। व्रत से पहली रात्रि में सात्विक भोजन ही ग्रहण करना चाहिए, ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए। इस प्रकार विधिपूर्वक उपवास रखने से उपासक को कठिन से कठिन परिस्थियों में भी विजय प्राप्त होती है।

Created On :   9 March 2021 7:10 AM GMT

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