विभुवन संकष्टी चतुर्थी: इस व्रत से मिलेगा सालभर की चतुर्थी का फल, जानें पूजा की विधि

- 3 साल में एक बार आता है ये व्रत
- आरोग्य, धन और समृद्धि की प्राप्ति होती है
डिजिटल डेस्क, भोपाल। हिन्दू पंचाग का सबसे पवित्र माह कहा जाने वाला सावन इन दिनों चल रहा है। वहीं अधिकमास के कृष्ण पक्ष की शुरुआत भी आज यानि कि 2 अगस्त 2023 से हो चुकी है। इस माह की चतुर्थी को विभुवन संकष्टी चतुर्थी के नाम से जाना जाता है, जो कि 3 साल में एक बार आती है। ऐसे में इस दिन भगवान गणेश की पूजा का महत्व और भी बढ़ जाता है। अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार, विभुवन संकष्टी चतुर्थी 4 अगस्त 2023, शुक्रवार को मनाई जाएगी।
ज्योतिषाचार्य के अनुसार, इस दिन व्रत करने से सालभर की संकष्टी चतुर्थी व्रत का फल मिलता है। साथ ही व्रत से आरोग्य, धन और समृद्धि की प्राप्ति भी होती है। साथ ही विवाह, संतान प्राप्ति और आर्थिक तरक्की में आ रही बाधाएं भी दूर हो जाती हैं। आइए जानते हैं पूजा की विधि और शुभ मुहूर्त...
तिथि कब से कब तक
विभुवन संकष्टी चतुर्थी आरंभ: 4 अगस्त, शुक्रवार दोपहर 12 बजकर 45 मिनट से
विभुवन संकष्टी चतुर्थी समापन: 05 अगस्त, शनिवार सुबह 09 बजकर 39 मिनट तक
पूजा का मुहूर्त: सुबह 07.25 बजे से सुबह 09.05 बजे तक
शाम का मुहूर्त: शाम 05.29 बजे से रात 07.10 बजे तक
चंद्रोदय समय: रात 09 बजकर 20 मिनट पर होगा
गणपति जी को ऐसे करें प्रसन्न
भगवान गणेश जो प्रथम पूज्य माने गए हैं और इन्हें प्यार से बप्पा भी कहा जाता है। यह तो सभी लोग जानते हैं तो फिर यह भी जानते होंगे कि, बप्पा को मोदक काफी पसंद हैं। ऐसे में आप श्री गणेश को विभिन्न तरह के मोदक और लड्डू का भोग लगाकर भी प्रसन्न कर सकते हैं। विभुवन संकष्टी चतुर्थी के दिन भगवान गणेश को मोतीचूर के लड्डू, बेसन के लड्डूओं या तिल लड्डू का भोग लगा सकते हैं। इसके अलावा नारियल और केले का भोग लगाना भी बेहद शुभ माना जाता है।
डिसक्लेमरः इस आलेख में दी गई जानकारी अलग- अलग किताब और अध्ययन के आधार पर दी गई है। bhaskarhindi.com यह दावा नहीं करता कि ये जानकारी पूरी तरह सही है। पूरी और सही जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ (ज्योतिष/वास्तुशास्त्री/ अन्य एक्सपर्ट) की सलाह जरूर लें।
Created On :   2 Aug 2023 5:16 PM IST