Dusra Mangala Gauri Vrat: सावन का दूसरा मंगला गौरी व्रत कल, जानिए मुहूर्त और पूजा की विधि

डिजिटल डेस्क, भोपाल। सावन माह में जहां सोमवार का दिन भगवान शिव को समर्पित हैं, वहीं मंगलवार का दिन माता पार्वती की आराधना के लिए खास है। मंगलवार को श्रावण मास का दूसरा मंगला गौरी व्रत रखा जाएगा। इस व्रत को विशेष रूप से कन्याएं और सुहागिन स्त्रियां मां गौरी की कृपा पाने के लिए करती हैं ताकि उन्हें देवी की कृपा से योग्य वर और सुखमय वैवाहिक जीवन प्राप्त हो।
दृक पंचांग में इसके नियम से लेकर शुभ मुहूर्त का उल्लेख है। मंगला गौरी व्रत सावन मास के प्रत्येक मंगलवार को किया जाता है। यह व्रत विवाहित महिलाओं द्वारा अपने पति की लंबी आयु, सुखी वैवाहिक जीवन और अखंड सौभाग्य की प्राप्ति के लिए रखा जाता है। यह वैवाहिक जीवन में सुख, शांति, प्रेम और समृद्धि लाने वाला माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस व्रत को करने से सुहागिन महिलाओं को भगवान शिव और माता पार्वती का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
मुहूर्त
सावन के दूसरे मंगला गौरी व्रत के दिन ब्रह्म मुहूर्त सुबह 04:14 मिनट से लेकर 04:56 तक रहेगा। वहीं अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12:00 से 12:55 तक रहेगा। जबकि, विजय मुहूर्त दोपहर 02:44 से दोपहर 03:39 तक रहेगा।
कुंवारी लड़कियां भी मनचाहा वर पाने और शीघ्र विवाह के लिए यह व्रत कर सकती हैं। जिन दंपत्तियों को संतान सुख नहीं मिल पा रहा है, उनके लिए भी यह व्रत लाभकारी माना जाता है। व्रत को रखने के लिए आप सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान कर साफ वस्त्रों को धारण करें, फिर मंदिर या पूजा स्थल को साफ करें। एक चौकी पर लाल वस्त्र बिछाकर कलश स्थापना करें और उसमें आम के पत्ते और नारियल रखें। इसके बाद मां गौरी की स्थापना कर उन्हें हल्दी, कुमकुम, चूड़ी, बिंदी, वस्त्र और सुहाग की सामग्री चढ़ाएं। फिर निम्न मंत्र के साथ व्रत का संकल्प लें और घी का दीपक जलाएं। इसके बाद में मां गौरी की व्रत कथा सुनें, साथ ही मां की आरती करें और "ऊँ गौरी त्रिपुरसुंदरी नमः" मंत्र का जाप करें। पूजन के पश्चात माता को 16 प्रकार की वस्तुएं चढ़ाएं।
इसके अलावा 5 प्रकार के सूखे मेवे और 7 प्रकार के अनाज-धान्य चढ़ाएं। पूजन समाप्त होने के बाद आरती का आचमन करें और आसन को प्रणाम करके पूजा स्थल से उठें। जो महिलाएं उपवास का पालन नहीं कर सकतीं, वे कम से कम पूजा कथा को जरूर सुनें।
डिसक्लेमरः इस आलेख में दी गई जानकारी अलग- अलग किताब और अध्ययन के आधार पर दी गई है। bhaskarhindi.com यह दावा नहीं करता कि ये जानकारी पूरी तरह सही है। पूरी और सही जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ (ज्योतिष/वास्तुशास्त्री/ अन्य एक्सपर्ट) की सलाह जरूर लें।
Created On :   21 July 2025 6:35 PM IST