Kalashtami 2025: कब है कालाष्टमी? जानिए पूजा की सही विधि और शुभ मुहूर्त

- कालाष्टमी व्रत 17 जुलाई, गुरुवार को रखा जाएगा
- भगवान भैरव भक्तों की हर विपत्ति से रक्षा करते हैं
- इस दिन पूजा के दौरान भैरव कथा का पाठ करें
डिजिटल डेस्क, भोपाल। हिंदू धर्म में कालाष्टमी (Kalashtami) व्रत का काफी महत्व बताया गया है, जो कि भगवान शिव के उग्र रूप, काल भैरव के लिए समर्पित है। यह व्रत हर महीने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर रखा जाता है। फिलहाल, सावन माह चल रहा है और इस महीने में कालाष्टमी व्रत 17 जुलाई 2025, गुरुवार को रखा जाएगा। मान्यता है कि, यह उपवास करने से जीवन से डर, दोष, रोग और दरिद्रता दूर होती है।
कहा जाता है कि, इस दिन व्रत रखने के साथ ही काल भैरव की विधि विधान से पूजा करने पर बुरी शक्तियों का नाश होता है। साथ ही पूजा से भगवान भैरव अपने भक्तों की हर विपत्ति से रक्षा करते हैं। आइए जानते हैं इस व्रत का महत्व, पूजा विधि और शुभ मुहूर्त के बारे में...
कालाष्टमी पूजन मुहूर्त 2025
निशा काल आरंभ: 17 जुलाई 2025, गुरुवार की रात 12 बजकर 7 मिनट से
निशा काल समापन: 17 जुलाई 2025, गुरुवार की रात 12 बजकर 48 मिनट तक
ऐसे करें पूजा
- कालाष्टमी के दिन सूर्योदय से पूर्व उठकर स्नानादि से निवृत्त हों।
- भगवान सूर्य को जल चढ़ाएं और पितरों का तर्पण और श्राद्ध करें।
- इस दिन काल भैरव की पूजा कर उन्हें जल अर्पित करना चाहिए।
- भगवान शिव-पार्वती की पूजा भी करें।
- काल भैरव को फूल, चंदन, रोली, सिंदूर आदि अर्पित करें।
- काल भैरव को फल, मिठाई आदि का भोग लगाएं।
- काल भैरव की पूजा में काले तिल, धूप, दीप, गंध, उड़द आदि का इस्तेमाल करें।
- पूजा के दौरान भैरव कथा का पाठ करें।
पूजा के दौरान इन मंत्रों का जाप करें
ॐ कालभैरवाय नम:।।
ॐ भयहरणं च भैरव:।।
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Created On :   16 July 2025 5:36 PM IST