बरकतउल्ला विश्वविद्यालय में त्रिशताब्दी जयंती वर्ष: लोकमाता देवी अहिल्या बाई होल्कर के अद्भुत न्याय शासन, मंदिर व आर्थिक प्रणाली से सीखकर समकालीन विकृतियों को दूर करें:अश्विनी उपाध्याय

डिजिटल डेस्क, भोपाल। लोकमाता देवी अहिल्याबाई होल्कर त्रिशताब्दी जयंती वर्ष के अवसर पर समारोप कार्यक्रम का आयोजन शुक्रवार को बरकतउल्ला विश्वविद्यालय भोपाल के ज्ञान विज्ञान भवन में आयोजित किया गया। आयोजन लोकमाता अहिल्याबाई होल्कर त्रिशताब्दी जयंती वर्ष समारोह समिति और विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में दौलतराम इंडस्ट्रीज के प्रबंध निदेशक सीपी शर्मा उपस्थित रहे। मुख्य वक्ता के रूप में सर्वोच्च न्यायालय, दिल्ली के अधिवक्ता अश्विनी उपाध्याय वरिष्ठ अधिवक्ता उपस्थित रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता बरकतउल्ला विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रो. एसके जैन ने की।
मुख्य वक्ता अश्विनी उपाध्याय ने कहा कि समकालीन विकृतियों को दूर करने के लिए लोकमाता देवी अहिल्या बाई होल्कर के अद्भुत न्याय शासन, मंदिर तथा आर्थिक प्रणाली से सीखना चाहिए। आर्थिक प्रणाली एवं सामाजिक न्याय प्रणाली को समाज में लागू करना चाहिए। शिक्षा के क्षेत्र में भी उनका महत्वपूर्ण योगदान रहा। उनके काल में मंदिरों को विकास का केंद्र बनाया गया। उन्होंने देवी अहिल्याबाई द्वारा स्थापित न्याय प्रणाली की चर्चा करते हुए कहा कि अगर हम देवी अहिल्याबाई होल्कर को सच में श्रद्धांजलि देना कहते हैं तो उनके आदर्शों पर चलकर भारत में न्याय व्यवस्था लागू करना चाहिए।
वहीं, मुख्य अतिथि सीपी शर्मा ने कहा कि मैं सरकार को धन्यवाद देता हूँ कि लोकमाता देवी अहिल्याबाई होल्कर त्रिशताब्दी जयंती वर्ष के कार्यक्रमों के माध्यम से उनके योगदान को जन जन तक पहुंचाया गया। विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रो. एसके जैन ने श्रोताओं को प्रोत्साहित किया कि वह अहिल्याबाई की जीवन चरित्र को जन-जन तक पहुंचाने का कार्य करें। कार्यक्रम का आरंभ लोकमाता देवी अहिल्याबाई होल्कर पर केंद्रित समूह नृत्य नाटिका के प्रदर्शन से हुआ। यह नाट्य प्रस्तुति सरस्वती कत्थक कला केंद्र की रूपाली सोनी के नेतृतव में किया गया।
इस अवसर पर समारोह समिति की प्रियंदा भसीन ने स्वागत वक्तव्य में कहा कि आज समाज में व्याप्त विकृतियों को दूर करने के लिए लोकमाता अहिल्याबाई होल्कर आदर्शों को याद करना तथा उस पर चर्चा करना आवश्यक है। उनकी विचारधारा, कुशल प्रशासन, महिला सशक्तिकरण की दिशा में किये गये कार्यों को जन जन तक पहुँचाने की आवश्यकता है। इसी को ध्यान में रखकर त्रिशताब्दी जयंती वर्ष के अन्तर्गत सालभर अनेक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। इस अवसर समिति की प्रांत की सचिव डॉ. वंदना गाँधी ने समारोह समिति की वार्षिक गतिविधियों की रिपोर्ट प्रस्तुत की। इस अवसर पर लोकमाता देवी अहिल्याबाई होल्कर पर आधारित तीन महत्वपूर्ण पुस्तकों का विमोचन भी किया गया। श्री शिरोमणि दुबे द्वारा रचित पुस्तक दीपशिखा अहिल्याबाई, डॉ रचना चौहान की पुस्तक हिंदू समृद्धि देवी अहिल्याबाई होलकर तथा आयुषी जैन द्वारा रचित बहु आयामी व्यक्तित्व अहिल्या देवी भाग 2 का विमोचन किया गया।
Created On :   7 Jun 2025 5:01 PM IST