तमिलनाडु: मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने चेन्नई के अन्ना शताब्दी पुस्तकालय सभागार में राज्य शिक्षा नीति जारी की

मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने चेन्नई के अन्ना शताब्दी पुस्तकालय सभागार में राज्य शिक्षा नीति  जारी की
  • राज्य में शिक्षा के स्तर को और बेहतर बनाना
  • सभी विद्यार्थियों के लिए समान और गुणवत्ता युक्त शिक्षा सुनिश्चित करना
  • एनईपी को लेकर राज्य और केंद्र के बीच खींचतान

डिजिटल डेस्क, चेन्नई। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने आज शुक्रवार को चेन्नई के अन्ना शताब्दी पुस्तकालय सभागार में राज्य शिक्षा नीति (SEP) जारी की है। मुख्यमंत्री स्टालिन ने औपचारिक रूप से इसका विमोचन किया। SEP नीति का उद्देश्य राज्य में शिक्षा के स्तर को और बेहतर बनाना और सभी विद्यार्थियों के लिए समान और गुणवत्ता युक्त शिक्षा सुनिश्चित करना है। SEP नीति ऐसे समय में आई है जब एनईपी को लेकर राज्य और केंद्र के बीच शिक्षा की दिशा और वित्त पोषण को लेकर खींचतान जारी है। डीएमके सरकार ने नई शिक्षा नीति को प्रतिगामी, सामाजिक न्याय विरोधी और हिंदी थोपने वाला बताया है।

हाईकोर्ट के रिटायर जस्टिस डी. मुरुगेसन की अध्यक्षता वाली एक कमेटी ने एसईपी को तैयार किया है, कमेटी ने इसे पिछले साल सरकार को सौंपा था। एसईपी में अंग् पर विशेष फोकस के साथ ,सभी के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुलभ बनाने की बात कही है।

शिक्षा में तमिलनाडु की स्वायत्तता को मज़बूत करने के एक अहम कदम के तहत सीएम स्टालिन ने बहुप्रतीक्षित राज्य शिक्षा नीति (एसईपी) का अनावरण किया। एसईपी को राष्ट्रीय शिक्षा नीति के विकल्प के रूप में तैयार किया गया है।

तमिलनाडु खुलकर नई शिक्षा नीति यानि एनईपी का विरोध करता। खासकर एनईपी के त्रि-भाषा फॉर्मूले, केंद्रीकृत प्रवेश परीक्षाओं और प्रारंभिक मानकीकृत परीक्षाओं का। समिति ने11 वीं और 12 वीं कक्षा के समेकित अंकों के आधार पर स्नातक प्रवेश की सिफारिश की है, जिससे कला और विज्ञान महाविद्यालयों में प्रवेश परीक्षा के विचार को खत्म किया गया है। जो एक समान प्रवेश प्रणाली के लिए एनईपी के प्रयासों का सीधा खंडन है।

Created On :   8 Aug 2025 12:00 PM IST

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