व्यापमं का नाम बदलने से घोटाले की आवाज दब जाएगी?

Changing the name of Vyapam will suppress the voice of scam?
व्यापमं का नाम बदलने से घोटाले की आवाज दब जाएगी?
मध्य प्रदेश व्यापमं का नाम बदलने से घोटाले की आवाज दब जाएगी?

डिजिटल डेस्क, भोपाल। फिल्म का नाम किनारा, गायक लता मंगेशकर और भूपेंद्र, गीत के बोल नाम गुम जाएगा, चेहरा ये बदल जाएगा, मेरी आवाज ही पहचान है - ये पंक्तियां मध्य प्रदेश के व्यवसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) पर भी सटीक बैठती है, क्योंकि इसके नाम बदले गए, मगर इसकी पहचान बन चुके घोटाले की आवाजें तो सुनाई देती ही रहेंगी।

राज्य में तमाम प्रवेश परीक्षाओं के अलावा तृतीय और चतुर्थ वर्ग के कर्मचारियों की भर्ती के लिए आयोजित की जाने वाली परीक्षाओं की जिम्मेदारी व्यापमं की जिम्मे रही है। इसका नाम बदलकर प्रोफेशनल एग्जामिनेश बोर्ड किया गया और उसके बाद सरकार इसका नाम कर्मचारी चयन बोर्ड करने का फैसला कर चुकी है।

व्यापमं के इतिहास पर गौर करें तो राज्य में चिकित्सा महाविद्यालयों मे प्रवेश के लिए पीएमटी आयोजित करने के लिए व्यावसायिक परीक्षा मंडल 1970 में अस्तित्व में आया था। दूसरी ओर इंजीनियरिंग महाविद्यालयों मे प्रवेश परीक्षा के लिए 1980 में प्री इंजीनियरिंग बोर्ड बना। बाद में 1982 में दोनों संस्थानों को मिला दिया गया और उसे नाम दिया गया व्यावसायिक परीक्षा मंडल।

व्यापमं 2004 तक सिर्फ पीएमटी और पीईटी ही आयोजित करता था, मगर इसी वर्ष से इसे सरकारी नौकरियों में भर्ती का जिम्मा दे दिया गया। व्यापमं का नाम बदलकर प्रोफेशनल एग्जामिनेश बोर्ड किया गया और अब उसे कर्मचारी चयन बोर्ड के तौर पर नया नाम सरकार देने का फैसला कर चुकी है। कर्मचारी चयन बोर्ड अब सामान्य प्रशासन विभाग के अंतर्गत काम करेगा।

व्यापमं ऐसा घोटाला है, जिसमें राजनीति से लेकर प्रशासनिक अधिकारियों तक की भूमिका सामने आ चुकी है। कई लोगों को जेल तक जाना पड़ा है। इस घोटाले में सरकार के पूर्व मंत्री (दिवंगत) लक्ष्मीकांत शर्मा, उनके ओएसडी रहे ओ.पी. शुक्ला, भाजपा नेता सुधीर शर्मा, राज्यपाल के ओएसडी रहे धनंजय यादव, राज्यपाल के पुत्र, व्यापमं के नियंत्रक रहे पंकज त्रिवेदी, कंप्यूटर एनालिस्ट नितिन मोहेंद्रा जेल जा चुके हैं।

कांग्रेस के मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष अजय सिंह यादव का कहना है कि सरकार को लगता है कि व्यापमं का नाम बदलने से उस पर लगे दाग साफ हो जाएंगे तो ऐसा संभव नहीं है, क्योंकि व्यापमं ने इस राज्य के भविष्य को नुकसान पहुंचाया है। जिन लोगों के साथ अन्य हुआ है, प्रतिभा को छला गया है, उसे आने वाली पीढ़ियां भी नहीं भूल पाएंगी। सरकार नाम तो बदल सकती है, मगर इस घोटाले की जो आवाजें हैं, उन्हें नहीं दबाया जा सकता।

(आईएएनएस

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ bhaskarhindi.com की टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

Created On :   24 Sep 2022 12:00 PM GMT

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story