गुमनाम चिट्ठी ने किया था व्यापमं घोटाले का खुलासा

Vyapam scam was disclosed by anonymous letter
गुमनाम चिट्ठी ने किया था व्यापमं घोटाले का खुलासा
मध्य प्रदेश गुमनाम चिट्ठी ने किया था व्यापमं घोटाले का खुलासा

डिजिटल डेस्क, भोपाल। शिक्षा जगत के अब तक के सबसे बड़े घोटाले के तौर पर देश में पहचान बना चुके मध्य प्रदेश के व्यापमं घोटाले के खुलासे में एक गुमनाम खत की बड़ी भूमिका रही है, मगर यह खत कहां है यह अब भी अबूझ पहेली बना हुआ है। राज्य में व्यापमं घोटाले का खुलासा वर्ष 2013 में हुआ था, जिसे अब लगभग एक दशक होने को आ गए हैं, मगर इस मामले का न तो मास्टर माइंड का चेहरा बेनकाब हुआ है और न ही अब तक वह पूरी श्रृंखला सामने आ पाई है, जिनकी इसमें बड़ी भूमिका रही है। इतना ही नहीं, इस मामले का खुलासा करने वाली गुमनाम चिटठी भी कहां है, यह कोई नहीं जानता।

राज्य के वर्तमान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पूर्व में कई बार यह कह चुके हैं कि फर्जी परीक्षार्थियों की शिकायत को लेकर उन तक एक गुमनाम चिट्ठी आई थी और उसी के आधार पर उन्होंने पुलिस को निर्देश दिए थे। उसके बाद वर्ष 2013 में इसका खुलासा हुआ था। इस समय कोई भी यह बताने को तैयार नहीं है कि यह गुमनाम चिट्ठी है कहां। इससे पहले कांग्रेस की सरकार के दौर में तत्कालीन गृहमंत्री बाला बच्चन ने सदन में कहा था, विभाग के पास व्यापमं मामले को लेकर कोई गुमनाम चिटठी ही नहीं है। इस चिटठी को विभागीय स्तर पर खोजा गया मगर मिली नहीं।

ज्ञात हो कि व्यापमं में गड़बड़ी का बड़ा खुलासा सात जुलाई, 2013 को पहली बार पीएमटी परीक्षा के दौरान तब हुआ, जब एक गिरोह इंदौर की अपराध शाखा की गिरफ्त में आया। यह गिरोह पीएमटी परीक्षा में फर्जी विद्यार्थियों को बैठाने का काम करता था। तत्कालीन मुख्यमंत्री चौहान ने इस मामले को अगस्त 2013 में एसटीएफ को सौंप दिया था।

इस मामले की जांच एटीएफ कर रही थी, तभी उच्च न्यायालय ने मामले केा संज्ञान में लिया और उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश, न्यायमूर्ति चंद्रेश भूषण की अध्यक्षता में अप्रैल 2014 में एसआईटी गठित की, जिसकी देखरेख में एसटीएफ जांच करता रहा। नौ जुलाई, 2015 को मामला सीबीआई को सौंपने का फैसला हुआ और 15 जुलाई से सीबीआई ने जांच शुरू की। उपलब्ध जानकारी के अनुसार, व्यापमं द्वारा आयोजित की जाने वाली पीएमटी प्रवेश परीक्षा के घोटाले में 1450 छात्रों के खिलाफ प्रकरण दर्ज किए गए और परिजनों को भी आरोपी बनाया गया। कुल मिलाकर लगभग 3000 लोगों को आरोपी बनाया गया।

व्यापमं घोटाले और उसको लेकर चल रही जांच की स्थिति को इसी आधार पर समझा जा सकता है कि इस मामले में आई षिकायतों में से लगभग 75 फीसदी शिकायतों की तरफ देखा ही नहीं जाएगा। व्यापमं घोटाले की 1355 शिकायतें मिली थीं, जिनमें से 917 को नस्तीबद्ध (बंद) कर दिया गया है, 423 में जांच जारी है।

इतना ही नहीं, सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश पर 2004 से 2013 के बीच की अवधि के एसटीएफ ने जो 217 प्रकरण सीबीआई को सौंपे थे, उनमें से सिर्फ लगभग आधा प्रकरणों में चालान पेश हो पाया है। पीएमटी घोटाले में लगभग एक दर्जन प्रकरण में ही दोषी पाए गए हैं। इसके अलावा 150 प्रकरणों में जांच चल रही है।

(आईएएनएस)

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ bhaskarhindi.com की टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

Created On :   24 Sept 2022 5:30 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story