'औहाम' है रोंगटे खड़े कर‌ देने वाले रहस्य और रोमांच से भरपूर‌ फ़िल्म

औहाम है रोंगटे खड़े कर‌ देने वाले रहस्य और रोमांच से भरपूर‌ फ़िल्म
  • औहाम फिल्म सिनेमाघर में हुई रिलीज
  • फिल्म का सस्पेंस-थ्रिलर लोगों का बांधे रखता है
  • निर्देशक अंकित हंस का शानदार निर्देशन

कलाकार - हृदय सिंह, दिव्या मलिक, वरुण सूरी

निर्माता - रिचा गुप्ता

निर्देशक - अंकित हंस

लेखक - महेश कुमार और हृदय सिंह

पटकथा, संवाद और गीत - वरुण सूरी

संगीतकार - विजय वर्मा

रेटिंग : 4 स्टार

डिजिटल डेस्क, मुंबई। सिनेमा की दुनिया में रहस्य और रोमांच से भरपूर फ़िल्मों का दर्शकों ने‌ कई बार बड़े पर्दे पर‌ अनुभव लिया होगा. मगर कभी-कभार ही ऐसी फ़िल्में बनती हैं, जो दर्शकों को पूरी तरह से झकझोर‌ कर रख दे. देशभर के सिनेमाघरों में आज रिलीज़ हुई 'औहाम' ऐसे ही एक रोंगटे खड़े कर‌ देने वाली सस्पेंस-थ्रिलर फ़िल्म है, जिसे बड़ी ही शिद्दत के साथ बनाया गया है.

फ़िल्म‌ की‌ कहानी शिवा (हृदय सिंह) और रिया (दिव्या मलिक) नामक एक ऐसे शादीशुदा जोड़े के इर्द-गिर्द घूमती है, जो अपनी छोटी सी दुनिया में बेहद ख़ुश हैं, लेकिन एक दिन अचानक से रिया कहीं गायब हो जाती है और फिर यही से शुरू होता है ऐसे हैरत-अंगेज उतार-चढ़ाव का सिलसिला कि दर्शक दांतों तले उंगलियां दबाने के लिए मजबूर हो जाएंगे.

रिया की गुमशुदगी की बेहद जटिल और उलझी हुई कहानी को सुलझाने का ज़िम्मा मिलता है यूपी पुलिस के क़ाबिल पुलिस अफ़सर यशवंत (वरुण सूरी) को. इस केस को हैंडल करते वक्त उनके सामने ऐसे-ऐसे रहस्यों पर‌ से पर्दा उठता है कि जिसे देखकर दर्शक भी हैरान रह जाएंगे. उल्लेखनीय है कि आम हिंदी फ़िल्मों से अलग 'औहाम' में यूपी पुलिस को बेहद कर्तव्यनिष्ठ, मेहनती और जनता के हितों के लिए काम करने वाले ईमानदार महकमे के तौर पर पेश किया गया है.

अगर फ़िल्म में अदाकारी‌ की बात की जाए तो ये कहना अतिशयोक्ति नहीं होना कि हृदय सिंह, दिव्या मलिक और वरुण सूरी ने कमाल का अभिनय कर फ़िल्म को न‌ई ऊंचाई प्रदान की है. फ़िल्म के अन्य सभी पात्रों ने भी अपनी-अपनी भूमिकाओं के साथ पूरा न्याय किया है.

'रिचा गुप्ता फ़िल्म्स' की पेशकश 'औहाम' को एक रोमांचक फ़िल्म‌ बनाने का पूरा श्रेय निर्देशक अंकित हंस को जाता है, जिन्होंने एक बेहद होनहार निर्देशक के रूप में इतने जटिल विषय पर एक शानदार फिल्म बनाई है, जो अंत तक फ़िल्म‌ में दर्शकों के रोमांच और उनकी जिज्ञासा को बनाए रखती है.

'औहाम' की पटकथा, संवाद, गीत, संगीत, छायांकन, संपादन, प्रोडक्शन वैल्यू से लेकर फ़िल्म का हरेक पहलू इस क़दर सशक्त है कि इसे कम से कम एक बार बड़े पर्दे पर ज़रूर देखा जाना चाहिए. इस फ़िल्म को देखते हुए आसानी से इस बात का अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि मेकर्स मे इस फ़िल्म को बनाने में कहीं भी किसी तरह का कोई समझौता नहीं किया है और फ़िल्म को बड़े ही रिअलिस्टिक अंदाज़ में पेश करने की कोशिश की है, जिसमें वे पूरी तरह से कामयाब भी साबित होते हैं.

'औहाम' निश्चित तौर पर एक ऐसी फ़िल्म है जो सीधे आपके दिल में उतर जाएगी और आपको यह फ़िल्म एक लम्बे समय तक याद रहेगी. एक सशक्त और सोचने पर मजबूर करने वाली फ़िल्म 'औहाम' को बड़े पर्दे पर देखने से ना चूकें और रहस्म व रोमांच की इस अनूठी दुनिया का सिनेमाघरों में जाकर लुत्फ़ ज़रूर उठाएं.

Created On :   26 May 2023 8:51 AM GMT

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