सिर्फ 15 दिनों के लिए बसता है ये गांव, नाम के पीछे है एक अजीब कहानी

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सिर्फ 15 दिनों के लिए बसता है ये गांव, नाम के पीछे है एक अजीब कहानी

डिजिटल डेस्क,छिंदवाड़ा। क्या आपने कभी सुना है कि एक गांव में सिर्फ 15 दिनों के लिए लोग आते हैं और फिर चले जाते हैं। आप कहेंगे कि ऐसा भी कहीं होता है क्या? लेकिन ये सच है। मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा के पास पिपरिया जिले में एक ऐसा गांव है, जिसमें सिर्फ 15 दिनों के लिए लोगों का बसेरा होता है और उसके बाद फिर से ये सुनसान हो जाता है। इस गांव का नाम है 'काजरी'। दरअसल, हर साल यहां से नागद्वारी यात्रा निकाली जाती है, जिसका रास्ता सतपुड़ा टाइगर रिजर्व से होकर जाता है, इस कारण वन विभाग सिर्फ 15 दिनों के लिए इस गांव में रुकने की अनुमति देता है। इस दौरान यहां पर कई जवानों की तैनाती भी की जाती है, ताकि श्रद्धालुओं को जंगली जानवरों से बचाया जा सके। बताया जाता है कि बहुत साल पहले काजरी आबाद गांव था, लेकिन टाइगर रिजर्व होने के कारण यहां से लोगों को हटा दिया गया।

यात्रा में शामिल होते हैं हजारों श्रद्धालु

सावन में होने वाली नागद्वारी यात्रा शुरु हो चुकी है, और इस यात्रा में शामिल होने के लिए जिले के आसपास के अलावा महाराष्ट्र से भी हजारों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं और बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते हैं। जंगल और पहाड़ियों के बीच रास्ता होने की वजह से इस यात्रा में श्रद्धालुओं को कई खतरनाक और जहरीले सांपों से भी सामना होता है। करीब 15 किलोमीटर लंबी नागद्वारी यात्रा सतपुड़ा के जंगलों में नाग गुफा के दर्शन तक जारी रहती है। कई मायनों में ये कश्मीर की अमरनाथ यात्रा की तरह ही होती है, क्योंकि इसको पूरा करने के लिए श्रद्धालुओं को यहां की ऊंची-ऊंची पहाड़ियों से होकर गुजरना पड़ता है।

गांव के नाम के पीछे भी है एक कहानी

कहा जाता है कि इस गांव में एक काजरी नाम की महिला रहती थी, उसने संतान प्राप्ति के लिए नागदेव को काजल लगाने की मन्नत मांगी थी। संतान होने के बाद जब वो एक नाग को काजल लगाने गई तो वहां नागदेव का विकराल रुप देखकर मौके पर ही दम तोड़ दिया। तभी से इस गांव का नाम 'काजरी' पड़ गया। 

Created On :   20 July 2017 5:05 PM IST

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