विवादों में घिरे आमिर, 'सिनेस्तान इंडियाज स्टोरीटेलर्स' में हिंदी भाषा का अपमान
डिजिटल डेस्क, मुंबई। बॉलीवुड के "सीक्रेट सुपरस्टार" आमिर खान एक प्रतियोगिता के नियम के चलते विवादों में घिर गए हैं। बता दें कि "सिनेस्तान इंडियाज स्टोरीटेलर्स" प्रतियोगिता के लिए बनाया गया एक नियम भारतीय संविधान का उल्लंघन करने वाला है। इस नियम से हिंदी भाषा का अपमान होता है। भाषा के इस अपमान को देखते हुए हिंदी के विद्वानों ने नाराजगी जताई है। जिसके बाद उन्होंने प्रतियोगिता के निर्णायक मंडल के सदस्य अभिनेता आमिर खान से सफाई मांगी है।
पटकथा भेजने के लिए 16 नियम
इन लोगों ने प्रतियोगिता के आयोजक और निर्णायक मंडल पर जानबूझकर हिंदी का अपमान करने का आरोप लगाया है। जिसके बाद ये लोग चाहते हैं कि आयोजक और निर्णायक मंडल के सदस्यों को इस पर माफी मांगे। दरअसल सिनेस्तान नामक वेब पोर्टल ने "सिनेस्तान इंडियाज स्टोरी टेलर्स" प्रतियोगिता का आयोजन किया है। इस प्रतियोगिता में पटकथा भेजने के लिए 16 नियम बनाए गए हैं। जिसके अनुसार, आखिरी नियम में कहा गया है कि प्रतियोगिता की पटकथा रोमन लिपि में लिखी होनी चाहिए।
देवनागरी में पटकथा मंजूर नहीं
इस प्रतियोगिता में देवनागरी में लिखी पटकथा को मंजूर नहीं किया जाएगा।,जबकि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 343 (1) में स्पष्ट लिखा गया है कि संघ की राजभाषा हिंदी और लिपि देवनागरी होगी। डॉ. करुणाशंकर उपाध्याय ने कहा कि बॉलिवुड अभिनेताओं को पहचान हिंदी फिल्मों से ही मिलती है। उनका कहना है कि ये लोग हिंदी की रोटी खाते हैं, लेकिन रोमन में लिखकर उसका अपमान करते हैं। जब भारतीय संविधान ने संघ की राजभाषा हिंदी और लिपि को देवनागरी माना है, तो कोई भी हिंदी को रोमन में लिखने के लिए बाध्य कैसे कर सकता है।
आमिर मांगें माफी
उपाध्याय के अनुसार, हिंदी का अपमान करने वालों का बहिष्कार होना चाहिए। अगर आमिर खान पूरे मामले में सफाई नहीं देते हैं, तो हिंदी भाषियों को उनकी फिल्मों का बहिष्कार करना चाहिए। बता दें, सिनेस्तान वेब पोर्टल द्वारा आयोजित प्रतियोगिता के निर्णायक मंडल के सदस्यों में आमिर खान, राजू हिरानी, जूही चतुर्वेदी और अंजुम राजाबाली शामिल हैं।
अभिनेता अखिलेन्द्र मिश्र ने भी कहा कि, "फिल्मों से लोग करोड़ों कमाते हैं। बॉलीवुड को जो प्रसिद्धि मिली है, उसकी वजह हिंदी भाषा ही है। इस हिंदी भाषा की लिपि देवनागरी है। जिस प्रतियोगिता में आमिर खान जैसे अभिनेता जज हों, अगर उसमें यह शर्त हो कि हिंदी पटकथा को रोमन में लिखकर भेजी जाए, तो यह हिंदी और देवनागरी लिपि की हत्या है। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या नियमों के बारे में उन्हें पता है। अगर उन्हें पता है, तो तुरंत हिंदी भाषी लोगों से मांफी मांगते हुए सुधार करना चाहिए।"
Created On :   29 Jan 2018 2:46 PM IST