शाहरुख की इस फिल्म से है आमिर का गहरा कनेक्शन, आशुतोष गोवारिकर ने शेयर की फोटो
डिजिटल डेस्क, मुंबई। शाहरुख खान की सामाजिक मुद्दे पर आई फिल्म स्वदेश आपको याद ही होगी। शाहरुख़ खान और गायत्री जोशी स्टारर फिल्म "स्वदेश" ने 13 साल पूरे कर लिए है। इस मौके पर फिल्म के निर्देशक आशुतोष गोवारिकर ने फिल्म से जुड़ी यादें शेयर की है, लेकिन क्या आपको पता है आमिर खान का भी इस फिल्म से एक खास कनेक्शन है। आशुतोष गोवारिकर के निर्देशन में बनी इस फिल्म का मुहूर्त आमिर खान ने किया था।
Thank you for your immense LOVE and REMEMBERING #13YearsOfSwades
Here are a couple of really special UNRELEASED stillls from the Mahurat Day! @aamir_khan @iamsrk #SunitaGowariker
Also, my experience of #1YearOfTwitter has been EXCEPTIONAL!! pic.twitter.com/BMt1PO2v5B
— Ashutosh Gowariker (@AshGowariker) December 17, 2017
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आशुतोष गोवारिकर ने सोशल मीडिया पर दो फोटो शेयर किए। जिसमें शाहरुख़ खान और आशुतोष गोवारिकर के अलावा आमिर खान भी है। इस मौके पर आशुतोष गोवारिकर ने यह भी लिखा है कि "आपके अपार प्रेम के लिए धन्यवाद। "स्वदेश" फिल्म को रिलीज़ हुए 13 वर्ष पूरे हो जाएंगे। मैं आपके साथ वो दो तस्वीरें रिलीज़ शेयर कर रहा हूं जो अब तक सामने नहीं आई हैं।" बता दें कि यह फोटो पहली बार रिलीज़ की गई है। ये फोटोज मुहूर्त के दिन के है।
आमिर एक फोटो में मुहूर्त का क्लैप बोर्ड पकड़े हैं तो दूसरे में शाहरुख़ और आशुतोष के साथ दिखाई दे रहे हैं। आमिर खान का आशुतोष गोवारिकर के साथ बड़ा ही पुराना रिश्ता है। आमिर ने आशुतोष गोवारिकर निर्देशित फिल्म "लगान" में काम किया था। आमिर ने बताया कि उन्हें "स्वदेश" का भी ऑफ़र था, लेकिन उन्होंने मना कर दिया, जिसके बाद यह फिल्म शाहरुख खान के पाले में आ गई। इस फिल्म में शाहरुख ने मोहन भार्गव नाम के विदेश से आए एक भारतीय युवा का किरदार निभाया था, जो नासा में काम करता है। वह कई सालों बाद अपने गांव आता है, जहां कि स्थिति आज भी इतनी खराब है कि बच्चों की शिक्षा से लेकर छुआछूत, पंचायत व्यवस्था और बिजली जैसी समस्याएं हैं।
मोहन अपनी दाई को विदेश ले जाने के लिए आता है, जिन्होंने बचपन में उसकी परवरिश की थी, लेकिन जब वह भारत आता है तो उसे यहां की कुरीतियां दिखाई देती है, जिसे वह गौरी के साथ दूर करने की कोशिश करता है, और लोगों को समझाता है कि वह अपने बेटों के साथ बेटियों को भी स्कूल भेंजे। जाति प्रथा जैसी कुरीतियों को दूर करें और वह गांव में बिजली लाने के लिए भी एक प्रोजेक्ट बनाता है और नासा की नौकरी छोड़कर गांव के लोगों को बिजली की सौगात देता है। इसके बाद वह हमेशा के लिए भारत में ही बस जाता है। यह फिल्म उन लोगों को प्रेरित करती है जो विदेशों में रहकर काम करते हैं, और स्वदेश लौटने की इच्छा रखते हैं।
Created On :   19 Dec 2017 2:01 PM IST